अक्टूबर में उगाए जाने वाली फूलगोभी की उम्दा वैरायटीज      Publish Date : 01/10/2024

           अक्टूबर में उगाए जाने वाली फूलगोभी की उम्दा वैरायटीज

                                                                                                                                    डॉ0 आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 रेशु चौधरी

हालांकि, फूलगोभी की खेती आजकल के समय में पूरे वर्षभर आसानी से की जा सकती है। लेकिन परम्परागत रूप से भारत में फूलगोभी की खेती करने के लिए मुख्य रूप से सितंबर और अक्टूबर महीने में ही शुरूआत की जाती रही है। किसान अक्टूबर के महीने में फूलगोभी की फसल को लगाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इसमें विशेष बात तो यह है कि फूलगोभी की कई ऐसी किस्में हैं जिनसे इसकी फसल कि बहुत ही कम दिनों में परिपक्व हो जाती हैं। फूलगोभी की ऐसी ही कुछ प्रजातियों के बारे में प्रस्तुत लेख में जानकारी प्रदान की जा रही है।

                                                                   

पूसा स्नोवॉल फूलगोभीः यह भारत में उगाई जाने वाली एक अत्यंत लोकप्रिय फूलगोभी की किस्म मानी जाती है। इस किस्म की फूलगोभी का फूल बड़ा, सफेद और घने फूलों वाला होता है और इसका स्वाद भी हल्का मीठा सा होता है। फूलगोभी की यह किस्म कई फूलगोभी में होने वाले आम रोगों के प्रति प्रतिरोधी भी होती है। फूलगोभी की यह किस्म 70 से 80 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। किसान इस किस्म की खेती करके 25 से 30 टन प्रति हेक्टेयर की दर से उपज प्राप्त कर सकते हैं। फूलगोभी की यह किस्म 15 से 16 डिग्री के तापमान को झेलने में भी सक्षम होती है।

पूसा शरदः पूसा शरद फूलगोभी अच्छी उपज देने वाली किस्म है। किसान इस प्रजाति से 25 से 27 टन प्रति हेक्टेयर उपज ले सकते हैं। पूसा शरद की यह किस्म 90 से 100 दिनों में तैयार हो जाती है। गोभी की ये किस्म ठंड के मौसम में उगाने के लिए अधिक उपयुक्त होती है और इसका स्वाद हल्का और मीठा होता है। यह किस्म विभिन्न प्रकार की मिट्टी और जलवायु परिस्थितियों में भी अच्छा उत्पादन देती है।

                                                           

पूसा शक्तिः पूसा शक्ति गोभी की एक उन्नत किस्म है, जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर) द्वारा विकसित किया गया है। इस किस्म से 44 टन प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता हैं। फूलगोभी की यह किम 80 से 90 दिनों में तैयार हो जाती है। फूलगोभी की यह किस्म सफेद सड़न, काला दाग रोग के प्रति प्रतिरोधी होती है। इस किस्म की गोभी का आकार बड़ा और गोल होता है और इसका रंग सफेद होता है और इसका स्वाद भी काफी अच्छा होता है। पूसा शक्ति गोभी को कटाई के बाद लंबे समय तक ताजा रखा जा सकता है, जिससे किसानों को इसकी बेहतर कीमत प्राप्त हो जाती हैै।

                                                                 

काशी अघेनीः काशी अघेनी गोभी की एक बहुत लोकप्रिय और स्वादिष्ट फूलगोभी की किस्म है। काशी अघेनी कई रोगों के प्रति प्रतिरोधी होती है और इसका स्वाद बहुत अच्छा होता है। अच्छी गुणवत्ता के कारण बाजार में इसकी काफी मांग रहती है। फूलगोभी की इस किस्म को उगाकर 25 टन प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन लिया जा सकता है और यह किस्म 90 से 100 दिनों में तैयार हो जाती है।

पंत शुभ्रा: पंत शुभ्रा फूलगोभी की एक उन्नत किस्म है, जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर) के द्वारा विकसित किया गया है।

यह किस्म 25 से 27 टन प्रति हेक्टेयर उत्पादन तक का दे देती है। पंत शुभ्रा कई आम फूलगोभी के रोगों के प्रति प्रतिरोधी शक्ति भी विद्यमान होती है। पंत शुभ्रा फूलगोभी का स्वाद मीठा और फूल कोमल होता है, जिसके कारण यह बाजार में भी इसे काफी पसंद किया जाता है। इस किस्म के फूलों का रंग शुद्ध सफेद होता है, जो इसकी आकर्षकता ओर अधिक बढ़ देता है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।