कृषि विश्वविद्यालय में सेना के अधिकारियों ने स्मार्ट खेती की तकनीक को जाना      Publish Date : 29/09/2024

कृषि विश्वविद्यालय में सेना के अधिकारियों ने स्मार्ट खेती की तकनीक को जाना

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आज भारतीय सेना के अधिकारियों ने भ्रमण किया और कृषि की नवीनतम तकनीक, कृषि विविधीकरण तथा स्मार्ट खेती के बारे में जानकारी हासिल की। भारतीय सेना के अधिकारी मेरठ स्थित एमएससीएम में प्रशिक्षण लेने के लिए आए हुए थे। आज कृषि विश्वविद्यालय में पहुंचकर उन्होंने कृषि की नवीन तकनीक के बारे में जानकारी हासिल की।

                                                                 

इस दौरान सेना के अधिकारियों ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के के सिंह से भी मुलाकात की। उन्होंने संबोधित करते हुए कहा विश्वविद्यालय ने एक भारतीय सेना के अधिकारियों के साथ एक मेमोरेंडम कम अंडरस्टैंडिंग पर हस्ताक्षर किए, जिसके अन्तर्गत कृषि विश्वविद्यालय में भारतीय सैनिकों को कृषि से संबंधित प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा।

कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति के के सिंह ने कहा कृषि विविधीकरण को अपनाते हुए उसके ऊपर आधारित उद्योग धंधों पर भी फोकस किया जाए तो किसानों की आमदनी काफी हद तक बढ़ सकती है। इसी को देखते हुए भारत सरकार के द्वार बागवानी क्षेत्र के विकास के लिए ₹860 करोड रुपए की एक योजना को स्वीकृत किया गया है, जिससे हॉर्टिकल्चर के विकास की बहुत ज्यादा संभावनाएं बढ़ी है।

कुलपति प्रोफेसर के के सिंह ने कहा, इस समय स्मार्ट खेती करने की आवश्यकता है और सरकार कृषि क्षेत्र में उद्योग धंधों और कुटीर उद्योगों को काफी बढ़ावा दे रही है, जिससे कि ग्रामीण क्षेत्र में कृषि आधारित उद्योग धंधों का समग्र रूप से विकास किया जा सके। इसी को देखते हुए कृषि के आधारभूत ढांचे के अन्तर्गत फंड का विस्तार किया गया है।

गत दिनों इसके तहत सात योजनाओं के लिए 14,200 करोड रुपए सरकार द्वारा जारी किए गए हैं। इसमें डिजिटल कृषि मिशन, फसल विज्ञान, कृषि शिक्षा एवं प्रबंधन और पशु स्वास्थ्य आदि को बढ़ावा दिया जा रहा है।

                                                                  

इस कार्यक्रम के दौरान अधिष्ठाता कृषि डॉ विवेक धामा ने कृषि की संभावनाओं एवं उसका विकास, डॉ0 डीबी सिंह ने मत्स्य उत्पादन एवं उसका प्रबंधन, डॉ अरविंद राणा ने अमरूद उत्पादन एवं ड्रैगन फ्रूट उत्पादन एवं सब्जी और बीज उत्पादन एवं प्रबंधन तथा प्रोफेसर आर एस सेंगर ने टिश्यू कल्चर विधि से केला तथा गन्ना उत्पादन के सम्बन्ध में तकनीकी जानकारी प्रदान की।

निदेशक ट्रेंनिंग प्लेसमेंट प्रोफेसर आर एस सेंगर ने अपने संबोधन में सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि को स्मार्ट तकनीक से संचालित करने एवं किसानों की आय को दुगनी करने हेतु भारत सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं और किसानों को इन समस्त योजाओं का लाभ उठाना चाहिए।

उन्होंने बताया मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, परंपरागत कृषि विकास योजना, इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार, ई-नाम योजना और सूक्ष्म कृषि सिंचाई योजना को बारानी क्षेत्रों के विकास हेतु समेत कई प्रमुख कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

                                                                   

इसी प्रकार जैविक खेती तथा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए भी उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे है। यदि डिजिटल आधारित स्मार्ट कृषि को प्राथमिकता दी जाए तो किसानों की आमदनी को काफी और बढ़ाया जा सकता है।

भ्रमण के दौरान नरेंद्र सिंह राघव एवं दिनेश सैनी भी उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम एमएसएमई की ओर से वीपी सिंह द्वारा आयोजित किया गया था। इससे भारतीय सेना के अधिकारियों को कृषि की नवीनतम तकनीक की जानकारी हासिल हो सकेगी।

इस भ्रमण के दौरान भारतीय सेना के 40 अधिकारी उपस्थित रहे। सेना के यह अधिकारी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्, केरल और राजस्थान आदि राज्यों के मूल निवासी थे।