
मइकोराइजा से पौधों और फफूँद दोनों को ही मिलता है लाभ Publish Date : 11/09/2025
मइकोराइजा से पौधों और फफूँद दोनों को ही मिलता है लाभ
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
माइकोराइजा (Mycorrhiza) - मिट्टी में पाए जाने वाले विशेष फफूँद (Fungi) और पौधों की जड़ों (Roots) के बीच बना एक ’सहजीवी सम्बन्ध (Symbiotic Relationship)’ है। इसका अर्थ यह है कि इससे पौधा और फफूँद दोनों को ही इससे लाभ प्राप्त होता है।
क्या है माइकोराइजा?
(Myco) = Fungus (फफूँद)
(Rhiza) = Root (जड़)
जब फफूँद पौधों की जड़ों के आसपास या अंदर रहकर उनके साथ पोषक तत्वों का आदान-प्रदान करती है, तो इसे ’माइकोराइजा’ कहते हैं।
माइकोराइजा किस प्रकार से काम करता है?
1. फंगस पौधों की जड़ों से जुड़ जाता है।
यह जड़ों के आसपास या अंदर महीन धागों (Hyphae) का जाल बनाता है।
2. ’मिट्टी से पोषक तत्व और पानी अवशोषित करता है’
“फंगस की जड़-जैसी संरचना मिट्टी के बहुत बारीक छिद्रों तक पहुँच जाती है।
“विशेषरूप से ’फॉस्फोरस (P), ’’नाइट्रोजन (N), ’’जिंक (Zn)’ और ’पानी’ को पौधों तक पहुँचाता है।
3. ’पौधा फंगस को शर्करा (Sugar/Carbohydrate) प्रदान करता है’
“पौधा प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) से भोजन बनाता है।
“उसमें से थोड़ी ऊर्जा फंगस को मिलती है।
इस तरह दोनों को ही माइकोराइजा से लाभ प्राप्त होता है (mutual benefits) ।
माइकोराइजा के लाभ
पौधों के लिए-
“मिट्टी से ’फॉस्फोरस, जिंक, तांबा, नाइट्रोजन’ जैसे सभी आवश्यक पोषक तत्व अच्छी तरह उपलब्ध कराता है।
“पौधे की ’सूखा के प्रति सहनशीलता (Drought Tolerance)’ को बढ़ाता है।
“मिट्टी में ’रोगजनक जीवाणुओं और फफूँदों से रक्षा’ करता है।
“पौधों की ’जड़ों के फैलाव’ को बढ़ाता है।
किसान के लिए -
“खाद की खपत (Requirement of Fertilizer)’ कम हो जाती है।
“फसल की ’उपज और गुणवत्ता’ बढ़ जाती है।
“मिट्टी की ’उर्वरता (Fertility) लंबे समय तक बनी रहती है।
माइकोराइजा के प्रकार
1- Ectomycorrhiza à जड़ों के बाहर चादर जैसी परत बनाता है।
2- Endomycorrhiza (Arbuscular mycorrhiza – AMF) à जड़ों के अंदर प्रवेश करके नेटवर्क बनाता है (खेती में सबसे आम)।
आसान भाषा में:
माइकोराइजा पौधों की जड़ों के लिए ’एक “मददगार नेटवर्क”’ है, जो मिट्टी से पोषक तत्व खींचकर पौधे को देता है, और बदले में पौधे से ’भोजन (शर्करा)’ लेता है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।