सफलता के लिए काफी अहम है संवाद का कौशल      Publish Date : 06/10/2025

              सफलता के लिए काफी अहम है संवाद का कौशल

                                                                                                                                                                                                प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

पेशेवर दुनिया में संवाद का अर्थ केवल बातचीत से ही नहीं होता है। नई नौकरी, कॉलेज या जॉब, प्रत्येक स्थान पर प्रोफेशनल कम्यूनिकेशन स्किल आपको भीड़ से अलग दिखाता है। इसे सीखने के लिए क्या हो नजरिया बता रहें हैं हमारे कॅरियर विशेषज्ञ प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, विस्तार से-

पिछले काफी समय से, कम्यूनिकेशन को ‘‘सॉफ्ट स्किल्स’’ में शामिल किया जाता रहा है। लेकिन अब यह हाशिए पर ना हो कर किसी भी तकनीकी स्किल की तरह से लिया जाने लगा है। क्योंकि, भले ही लॉजिकल थिंकिंग और कई तरह के नजरिए हमें योजना को आगे बढ़ाने और उसके समाधानों पर काम करने के लिए जरूरी होते हैं, लेकिन यह तभी संभव हो सकता है, जब कि उसके ही साथ आपकी टीम के बाकी साथी जुड़ सकें और यह संभव हो पाता है एक कुशल संवाद के माध्यम से।

केवल भाषा का ही खेल नहीं है यह

                                                      

किसी भाषा में प्रवीण होना, जैसे अंग्रेजी भाषा में ही, हमेशा यह निर्धारित नहीं करता कि आप कितने अच्छे कम्यूनिकेटर हैं। प्रभावी संवाद अदायगी विशेष रूप से ऑफिस में अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने में सक्षम होना है, ताकि जिन लोगों को संबोधित किया जा रहा है, उन्हें तुरंत वही समझ में आ जाए, जो कि उनसे कहा जा रहा है।

संवाद है एक व्यवस्थित प्रक्रिया

बेहतर कम्यूनिकेशन का नुस्खा प्रॉब्लम सॉल्विंग के नुस्खे की तरह ही एक व्यवस्थित प्रक्रिया होती है। किसी समस्या को हल करने के लिए आपको मुद्दों को तार्किक रूप से व्यवस्थित करने की आवश्यकता होती है। जबकि शब्दों और विचारों के साथ भी ऐसा ही है। हम खराब कम्यूनिकेटर हैं, क्योंकि हम पर्याप्त तर्क, बहस और सवाल नहीं कर पाते हैं। इसके लिए आपको पढ़ना होगा और जानकारी के माध्यम से तर्क करने की समझ को विकसित करना होगा। इसे एक आदत की तरह विकसित करना ही कम्यूनिकेशन में कुशलता प्राप्त करने का एकमात्र तरीका होता है।

अपने श्रोता को समझें

विषयवस्तु के साथ-साथ अपने सुनने वालों को समझना ही संवाद कुशलता का सबसे बड़ा पहलू होता है, जिससे अक्सर लोग चूक जाते हैं। विभिन्न समूहों और विभिन्न लोगों से जुड़ना बहुत महत्वपूर्ण क्रिया है। आप घर में कैसे बात करेंगे और ऑफिस में सहकर्मी और वरिष्ठ या साथियों से, इसके बीच स्पष्ट अंतर होता है। दूसरों से बातचीत का समय निकालकर उनकी प्रेरणा को समझकर उन्हें किसी उद्देश्य से जोड़ने में मदद मिलती है। यह पहचानने में भी मदद मिलती है कि लोग संवाद के किस तरीके को अधिक पसंद करते हैं, वे कितने समय में प्रतिक्रिया की अपेक्षा करते हैं और उनकी संवाद शैली कितनी औपचारिक/अनौपचारिक है।

सुनना भी सीखें

                                                                 

अच्छे संवाद कौशल के लिए पढ़ने की तरह, सुनने की कला का सीखना भी जरूरी है। लोग सोचते हैं कि संवाद का मूल है कि उन्हें ही बोलना और सुना जाना चाहिए। लेकिन सबसे अच्छे कम्यूनिकेटर ही एक महान श्रोता भी होते हैं। एक्टिव लिसनिंग यानी एकाग्रता से सुनने और सवाल करने की आदत को भी विकसित करना होगा।

प्रेरित करने वाला संवाद सीखें

संवाद में प्रेरित करने की क्षमता इसका एक अहम अंग है। आज की इस पेशेवर दुनिया के लोगों में आपके बारे में समझ दरअसल बातचीत दर बातचीत, लिंक्डइन पोस्ट. और ईमेल-दर-ईमेल आदि के माध्यम से ही तैयार होती है। हमारे ऑफिस में हम लीडरशिप को देखते हैं। जिस तरह से वे बैठकें आयोजित करते हैं, बहस में लोगों को समझाते हैं, अपनी टीमों को संबोधित करते हैं- अक्सर यह सिर्फ उतना ही नहीं होता, जो कि वह लोग कहते हैं, बल्कि यह होता है कि वे इसे किस प्रकार से कहते हैं।

वह अपने किन शब्दों पर जोर देते हैं, उनका लहजा, यहां तक कि वे कितनी बार संवाद करते हैं, यह सभी डेटा पॉइंट बन जाते हैं, जिन्हें हम अनजाने में सीखते चलते हैं। इस दौरान यह भी मायने रखता है कि हम उन्हें कैसे देखते हैं तो दूसरे भी आपको उसी तरह देखेंगे। अपने संवाद से अपनी छवि बनाने का काम आपके अपने हाथ में ही होता है। ऐसे में जिन लोगों की संवाद क्षमताओं की आप प्रशंसा करते हैं, उनसे सलाह लें। इसकी मदद से सुधार का रोड मैप तैयार करें। यह आपके करियर के लिए सबसे महत्वपूर्ण निवेश हो सकता है।

समझें नॉन वर्बल कम्यूनिकेशन

हमारे कम्यूनिकेशन में 55 फीसदी हिस्सा नॉन वर्बल कम्यूनिकेशन (चेहरे और शरीर की भाव-भंगिमाएं, आई कॉन्टैक्ट, दो लोगों के बीच की दूरी और अपनी बात कहने का लहजा आदि) का होता है। आवाज 38 फीसदी और शब्द सिर्फ 7 फीसदी भूमिका ही निभाते हैं।

क्या आप जानते हैं?

  • ग्रामरली की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023 में ऑफिस के साथियों से संवाद पूरे वर्क वीक का 72 फीसदी के लगभग होता है।

  • संवाद से अपनी विश्वसनीयता स्थापित करें- सके लिए शुरुआती 30 सेकेंड बुद्धिमानी से खर्च करें। क्योंकि लोग आमतौर पर शुरुआती 30 सेकेंड में ही आपकी गहराई व सफलता का अंदाजा लगा लेते हैं।

कैसे सीखें

  • अपनी बातचीत का वीडियो बनाकर उसे देखें और अपनी कमियों का विश्लेषण करें।

  • इंटरव्यू, ऑफिस, ऑडिशन या कॉलेज प्रेजेंटेशन या ऐसे ही आयोजनों के लिए कम से कम दस चार सारी सामग्री के साथ प्रेजेंटेशन की प्रैक्टिस करें।

  • प्रैक्टिस खड़े होकर करें, बैठकर नहीं।

  • इंटरव्यू या प्रेजेंटेशन से पहले एक-दो मिनट का पावर पोज बनाकर खड़े हों। जैसे मुस्कुराहट, कमर पर हाथ रखकर सामने देखते हुए सांसों पर फोकस करना आदि। इससे आपका आत्मविश्वास एकदम से बढ़ जाता है।

हमेशा ध्यान रखें

मौन रहने का उपयोगः बातचीत के दौरान स्वयं के विचारों में खोने या वक्ता को टोकने की इच्छा को रोकें। सोचने के लिए रुकें और वक्ता को खुद को पूरी तरह से व्यक्त करने का मौका दें।

एकदम किसी निष्कर्ष पर न पहुंचें: दूसरे के नजरिए को समझने का प्रयास करें।

जिज्ञासु मानसिकता अपनाएं: विषय को गहराई से समझने के लिए ओपन-एंडेड प्रश्न पूछे।

कम्यूनिकेशन के 5 स्किल

प्रभावी और स्पष्ट भाषाः क्योंकि ऑफिस में टीम के साथ मिलकर काम होता है।

प्रोफेशनल राइटिंग स्किल्सः प्रोफेशनल आइडिया को ज्यादा असरदार ढंग से पेश करने के लिए राइटिंग स्किल्स विकसित करें।

डीप रीडिंगः पढ़ने के उद्देश्य के अनुसार पढ़ने का कौशल। जैसे कि आप किसी जानकारी के लिए पढ़ रहे हैं या फैक्ट चेक करके विश्लेषण के लिए या सिर्फ जल्दी से मसले को समझने के लिए पढ़ रहे हैं।

प्रेजेंस बिल्डिंगः अपनी उपस्थिति का ब्रांड तैयार करना सीखें। ऑफिस में आप लोगों से कैसे व्यवहार और संबोधित करते हैं। 

वाद करते हैं, यह आपकी स्वीकार्यता व विश्वसनीयता का आधार तैयार करता है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।