
विभिन्न ट्रांसफरेबल स्किल्स, जो नौकरी में आते हैं काम Publish Date : 02/10/2025
विभिन्न ट्रांसफरेबल स्किल्स, जो नौकरी में आते हैं काम
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
ट्रांसफरेबल स्किल्स आपको हर दौर में किसी भी कंपनी के लिए उपयोगी बनने में आपकी मदद करते हैं। अब नियोक्ता भी इन स्किल्स को काफी महत्व दे रहे हैं। क्या हैं ये स्किल्स और कैसे बनते हैं ये आपके कॅरियर में मददगार, बता रहें हैं हमारे कॅरियर विषेशज्ञ और सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ के प्रोफेसर आर. एस. सेंगर-
एक सोशल प्रोफेशनल प्लेटफॉर्म की हालिया रिपोर्ट के अनुसार दस में से आठ प्रोफेशनल्स का कहना है कि अब डिग्री से ज्यादा स्किल्स मायने रखते हैं। एक अन्य ग्लोबल सर्वे में पाया गया कि नियोक्ताओं को ट्रांसफरेबल स्किल्स से लैस फ्रेशर्स ढूंढ़ना मुश्किल हो रहा है। इस रिपोर्ट के मुताबिक तीन में से दो नियोक्ताओं ने खासकर फ्रेशर्स में लीडरशिप, टीमवर्क या भावनात्मक दृढ़ता की कमी पाई।
क्या होते हैं ट्रान्सफरेबल स्किल्स
ये वो स्किलसेट होते हैं, जिन्हें एक जॉब से दूसरी जॉब में भी आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है। ये तकनीकी' स्किल्स से अलग सॉफ्ट प्रवृत्ति के और अच्छे प्रदर्शन के लिए महत्वपूर्ण स्किल्स हैं। जैसे कम्यूनिकेशन, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, कोऑर्डिनेशन, कस्टमर सर्विस आदिं। इन्हें पोर्टेबल स्किल्स के नाम से भी जाना जाता है।
कैरियर के लिए महत्वपूर्ण
डेटा एनालिस्ट, सोशल मीडिया मार्केटिंग, यूएक्स डिजाइन और आईटी जैसे सेक्टरों में इस प्रकार के स्किल की विशेष रूप से मांग बढ़ रही है। मैकिन्जे एंड कंपनी द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार आने वाले दशकों में इस प्रकार के स्किल्स की जरूरत बढ़ जाएगी और ऐसे स्किल्स अनिवार्य रूप में कंपनियों की ओर से मांगे जाएंगे। दरअसल आने वाले समय में बहुत बड़े स्तर पर इंसानों का काम मशीनें करने लगेंगी, जिसके कारण जिन लोगों के पास अतिरिक्त कौशल की योग्यता नहीं होगी, उनके सामने रोजगार का संकट खड़ा हो सकता है।
वहीं फ्रेशर के नाते भी ये अहम हैं, क्योंकि तब कार्य अनुभव नहीं होता है। हालांकि कार्य अनुभव हो जाने के बाद भी इन स्किल्स से आपकी दावेदारी मजबूत होती है। क्योंकि, ये स्किल्स किसी भी नई कार्य संस्कृति में बेहतर प्रदर्शन की बानगी बनते हैं। कुछ मुख्य ट्रांसफरेबल स्किल्स हैं:
टीम वर्क: एक ग्लोबल अध्ययन में शामिल 75 फीसदी नियोक्ताओं ने टीम वर्क और कोलैबोरेशन के स्किल को किसी भी जॉब के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बताया। एक अन्य अध्ययन कहता है कि वर्तमान में एक कर्मचारी अपने ऑफिस में 50 फीसदी समय सहयोग के कामों में बिताते हैं। ऐसे में इस स्किल का महत्व ऑफिस वर्क में बहुत बढ़ जाता है। ध्यान से सुनना, दायित्व भावना, ईमानदारी, गठबंधन में काम करने की कार्यकुशलता इसके लिए जरूरी है। इस स्किल की बदौलत आप किसी भी टीम में आसानी से समायोजित हो पाते हैं।
समस्या समाधानः वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की एक रिपोर्ट की मानें तो इस समय औद्योगिक सेक्टर्स में कुल नौकरियों के 36 फीसदी में प्रॉब्लम सॉल्विंग के हुनर की जरूरत पड़ेगी। यह उपभोक्ता, टीम, उत्पाद आदि से संबंधित समस्याओं के समाधान में बेहद काम आता है। क्रिएटिविटी, इमोशनल इंटेलिजेंस, रिसर्च आदि इसका हिस्सा हैं।
प्रबंधन: चाहे समय प्रबंधन हो या पूरी टीम को एक साथ एकजुट करके आगे बढ़ना हो, प्रबंधन के बगैर ऐसा कर पाना संभव ही नहीं है। एक प्रभावशाली प्रबंधक स्थिति का विश्लेषण कर अपने सटीक निर्देशन में काम को सही समय पर पूरा करवा सकता है।
क्रिटिकल थिंकिंग: पेस्केल के एक सर्वे में पाया गया कि 60 फीसदी फ्रेशर्स में आलोचनात्मक विश्लेषण करने का गुण नहीं था। जबकि किसी भी तरह की सफलता के लिए यह बेहद जरूरी होता है। इसमें हुनरमंद लोग विश्लेषण, आकलन, रिसर्च आदि करने में कुशल होते हैं। जिसमें यह विकसित है, वह प्रबंधन और समस्या समाधान में भी बढ़िया होगा।
सहज समायोजन: ग्लोबल वर्कफोर्स के दौर में यह बेहद जरूरी हो चुका है। यह सॉफ्ट स्किल्स में भी शामिल है और ट्रांसफरेबल भी है। दरअसल, स्वभाव में लचीलापन आगे बढ़ने में बहुत मददगार होता है, क्योंकि यह हुनर व्यक्ति को नए माहौल में जल्द से जल्द ढलने में सहायता करता है। इससे नए वातावरण में नई चुनौतियों को स्वीकारने और उन्हें सफलतापूर्वक करने में मदद मिलती है।
काम की बारीकियों को समझने का हुनर: इस कला में माहिर लोग काम की उन बारीकियों पर भी पैनी नजर रखते हैं, जिन पर अमूमन ध्यान नहीं जाता है और यही बात काम की गुणजत्ता और सटीकता पर प्रभाव डालती है।
कुछ ट्रांसफरेबल तकनीकी स्किल्स
अपने रिज्यूमे में हार्ड और सॉफ्ट ट्रांसफरेबल स्किल्स को जरूर लिखें। कुछ हार्ड ट्रांसफरेबल स्किल्स भी हैं, जैसेः
- माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस लगभग हर इंडस्ट्री में उपयोग होता है।
- अडोब ऐसा सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है, जो हरेक तरह की क्रिएटिव इंडस्ट्री में उपयोग होता ही है।
- तकनीकी और आईटी इंडस्ट्री में प्रोग्रामिंग की जानकारी, जिनमें पायथन, रूबी, सी, एचटीएमल बेसिक हैं।
- किसी भी कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर की जानकारी, क्योंकि लगभग हर कंपनी अपने कस्टमर डेटा को मैनेज करने के लिए कोई ना कोई ऐसा सॉफ्टवेयर उपयोग करती है।
- सोशल मीडिया के माध्यम से मार्केटिंग, इसकी जानकारी 'ट्रांसफरेबल स्किल में आती है। यह आपको अलग-अलग इंडस्ट्री के विविध तरह के उत्पादों, सेवाओं और उपभोक्ता के साथ कुशलता से काम करने में सहायक होता है।
- लेखन यह भी सामान्य कम्यूनिकेशन के लिए जरूरी माना जाता है। यह प्रेजेंटेशन आदि में बेहद मददगार होता है।
एक अध्ययन में, 57 फीसदी लोग पूरे आत्मविश्वास के साथ अपने ट्रांसफरेबल स्किल्स के बारे में नहीं बता पाए। 34 फीसदी स्पष्ट नहीं थे कि उनके स्किल दूसरी जॉब में कैसे काम आएंगे।
58 फीसदी लोग एक सर्वे में, नहीं जानते थे कि रिज्यूमे में अपने ट्रांसफरेबल स्किल्स को किस तरह शामिल करना चाहिए। 34 फीसदी इनका सही उदाहरण पेश नहीं कर पाए।
ऑनलाइन मंच
ट्रांसफरेबल स्किल्स को निखारने के लिए प्रैक्टिस के साथ ही छोटी अवधि के ऑनलाइन कोर्स भी कर सकते हैं। कुछ मंच हैं:
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Lynda
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Udemy
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edX
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Coursera
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indeed
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LinkedInLearning
रिज्यूमे में ऐसे करें दर्ज
- समझें कि पद से संबंधित काम में किस तरह के ऐसे स्किल चाहिए और क्या वे आप में हैं?.
- रिज्यूमे में अन्य जानकारी के साथ 'की स्किल्स' या 'रेलिवेंट स्किल्स' के तहत इन्हें दर्ज करें।
- बुलेट्स में कार्य अनुभव से जुड़े उदाहरणों का उल्लेख करते हुए भी बता सकते हैं।
कैसे जानें अपने ट्रांसफरेबल स्किल्स
- ऑफिस में कौन सी जिम्मेदारियां हैं, उनकी लिस्ट बनाएं।
- इनमें अपने मजबूत कौशलों के बारे में आकलन करें।
- अब उनमें से ऐसे स्किल्स की सूची बनाएं, जिनका उपयोग करने वाले कामों में आपको खुशी मिलती है और काम आदर्श तरीके से पूरे कर पाते हैं। दरअसल इससे यह भी पता चलेगा कि आप वाकई कौन सा काम करना चाहते हैं?
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।