भाषा स्नातकों के लिए कॅरियर के नए रास्ते      Publish Date : 27/09/2025

                भाषा स्नातकों के लिए कॅरियर के नए रास्ते

                                                                                                                                                                            प्रोफेसर आर. एस. सेंगर  

“भाषा और साहित्य में डिग्री है, तो आप विभिन्न क्षेत्रों में मौजूद अवसरों का लाभ उठा सकते हैं”

वर्तमान के विज्ञान और तकनीक के युग में एक आम युवा की सोच यह बन चुकी है कि कला और साहित्य के विषयों की पढ़ाई करने से हमें रोजगार नहीं मिल पाएगा। हालांकि, यह सोच सही नहीं हैं। कला और साहित्य के विषयों में रोजगार की आज भी मांग बनी हुई है और सदैव ही बनी रहेगी। शिक्षण से लेकर संचार तकनीकों में भूमिकाओं तक भारत में इन विषयों के स्नातकों के लिए कॅरियर के विभिन्न नए मार्ग खुल रहे हैं।

पारंपरिक रोजगार वाला क्षेत्र

                                                                

भाषा और साहित्य स्नातकों के पारंपरिक कॅरियर की बात करें, तो आप टेट, सीटेट, यूजीसी नेट और जेआरएफ आदि की परीक्षा उत्तीर्ण कर शिक्षक और प्रोफेसर बन सकते हैं। वहीं भाषा और साहित्य स्नातक के बाद सिविल सेवा में भी जा सकते हैं।

इसके लिए आपको राज्य स्तर पर राज्य लोक सेवा आयोग और केंद्र स्तर पर संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करनी होगी। परीक्षा पास करने के बाद जैसा आपका रैंक आएगा उसी के अनुसार आपको पद दिया जाता है। हालांकि इस क्षेत्र के अन्तर्गत आप लेखन की दुनिया में भी आप अपनी पहचान बना सकते हैं।

कंटेंट क्रिएशन और जर्नलिज्म में बढ़ती मांग

डिजिटल युग ने उच्च गुणवत्ता वाले कंटेंट की मांग को काफी हद तक बढ़ा दिया है। इस प्रकार भाषा और साहित्य स्नातक, कंटेंट क्रिएशन और पत्रकारिता में अपना कॅरियर बना सकते हैं। हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों के माध्यम से ज्ञात होता है कि भारत ऑनलाइन कंटेंट के सबसे बड़े उपभोक्ता में से एक है, तो आप कंटेंट राइटर; एडिटर या यहां तक कि फ्रीलांसर के तौर पर भी कंटेन्ट राइटिंग का काम कर सकते हैं।

ट्रांसलेशन और इंटरप्रेटर की भूमिका

आज प्रत्येक युवा वैश्विक नागरिक बन चुका है। ऐसे में केवल भारत ही नहीं अपितु विदेशों में भी ट्रांसलेशन और इंटरप्रेटर की मांग लगातार बढ़ रही है। आज के इस वैश्वीकरण के दौर में अब अंतरराष्ट्रीय व्यापार भी बढ़ रहे हैं, जिससे विभिन्न भाषा के जानकारों की मांग भी तेजी से बढ़ी है। भाषा और साहित्य स्नातक सरकारी एजेंसियों, बहुराष्ट्रीय निगमों या स्वतंत्र पेशेवरों के लिए एक ट्रांसलेटर के रूप में काम कर सकते हैं। क्षेत्रीय और विदेशी भाषाओं में आपकी कुशलता, आपके लिए इस क्षेत्र में रोजगार के कई द्वार खोल देती है।

कल्चर ऐंड हेरिटेज मैनेजमेंट का महत्व

                                                                      

भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत को संरक्षित करना भाषा और साहित्य स्नातकों के लिए एक अच्छा कॅरियर ऑप्शन ही नहीं, बल्कि यह उनकी एक नैतिक जिम्मेदारी भी है। भारत में पर्यटन का विकास हो रहा है, जिससे कल्चर एंड हेरिटेज मैनेजमेंट में पेशेवरों की मांग भी बढ़ रही है। म्यूजियम, आर्ट गैलरी, हेरिटेज साइट्स एवं टूरिज्म बोर्ड में साहित्य और भाषा के जानकार काम कर सकते हैं और वह अपने अनुभवों को भी साझा कर सकते हैं। साथ ही देश की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित भी करने में अपाना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।