
डीप लर्निंग के उभरते क्षेत्र में अवसर बन रहे हैं Publish Date : 25/09/2025
डीप लर्निंग के उभरते क्षेत्र में अवसर बन रहे हैं
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
“उन कंपनियों को तलाशें जहां न्यूरल नेटवर्क और मशीन लर्निंग में इंटर्नशिप की जा सकती हो।“
कृत्रिम मेधा ने मशीनी दुनिया को एक नई पहचान दी है। इसके नए-नए आविष्कारों से लोगों को न सिर्फ सहूलियतें मिल रही हैं, बल्कि तकनीकी विकास के वर्तमान युग में इससे जुड़े क्षेत्र युवाओं में भी काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। आज युवा मशीन लर्निंग व डीप लर्निंग की बात कर रहे हैं। मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कृत्रिम मेधा का एक भाग है।
वहीं डीप लर्निंग, मशीन लर्निंग का एक भाग होने के साथ एक मल्टी न्यूरल नेटवर्क भी है, जो मस्तिष्क की संरचना और कार्य से प्रेरित होता है और उसे मशीन में उतारने की कोशिश करता है।
सुनियोजित तरीके से रखें कदम
डीप लर्निंग के क्षेत्र में कॅरियर निर्माण के लिए आप 12वीं साइंस स्ट्रीम से करने के बाद जेईई मेन, जेईई ऐंडवांस्ड जैसी प्रवेश परीक्षाएं देकर बीटेक और बीई स्नातक कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। स्नातक करने के बाद अगर आप इस क्षेत्र में अपने ज्ञान को विस्तार देना चाहते हैं, तो स्नातकोत्तर में प्रवेश के लिए गेट परीक्षा देकर एमटेक और एमई कर सकते हैं।
सर्टिफिकेट कोर्स के फायदे
डीप लर्निंग के क्षेत्र में अपनी योग्यता को बढ़ाने के लिए आप स्नातक व स्नातकोत्तर के बाद किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से पीजी में मशीन लर्निंग ऐंड बिग डाटा एनालिटिक्स, बिग डाटा हडूप आदि विषयों में सर्टिफिकेट कोर्स कर अपने कॅरियर को शेप दे सकते हैं। ये सर्टिफिकेट कोर्स न केवल आपकी योग्यता को बढ़ाने में मदद करेंगे, बल्कि इस क्षेत्र में आपको व्यावहारिक कौशल भी दिलाएंगे।
इंटर्नशिप से करें शुरुआत
अगर आप डीप लर्निंग के क्षेत्र में अभी शुरुआती पड़ाव पर हैं, तो ऐसी कंपनियों की तलाश करें, जहां आप बतौर इंटर्न के तौर पर न्यूरल नेटवर्क, डाटा विश्लेषण और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में कार्य करके अपना अनुभव बढ़ा सकते हैं। इंटर्नशिप के साथ-साथ नेटवर्किंग में सक्रिय रहें, मजबूत ऑनलाइन उपस्थिति बनाएं और कार्यक्षेत्र में अपने कौशल और रचनात्मकता को भी समय-समय पर अपने प्रबंधक के सामने प्रस्तुत करें।
योग्यताएं जो जरूरी हैं
डीप लर्निंग इंजीनियर बनने के लिए आपके पास औपचारिक शैक्षिक योग्यताओं के अलावा इस क्षेत्र से संबंधित कौशल का होना भी अनिवार्य है। आपको क्लाउड कंप्यूटिंग का ज्ञान, एल्गोरिदम की समझ और पाइथन, जावा, जावा स्क्रिप्ट जैसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज का ज्ञान होना बेहद जरूरी है।
संभावनाएं व सैलरी
एक डीप लर्निंग इंजीनियर के लिए विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी के अवसर मौजूद हैं, जिनमें सॉफ्टवेयर और सूचना सेवाएं, मैन्युफैक्चरिंग, वित्त व बीमा, हेल्थकेयर ऐंड सोशल असिस्टेंस, व्यावसायिक, वैज्ञानिक एवं तकनीकी सेवाएं इत्यादि शामिल हैं। सैलरी पैकेज की बात की जाए, तो एक जूनियर डीप लर्निंग इंजीनियर प्रतिमाह लगभग 50 हजार रुपये और सीनियर डीप लर्निंग इंजीनियर प्रतिमाह लगभग 80 हजार रुपये तक कमाता है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।