विपरीत हालात में भी करियर में बनें सफल      Publish Date : 03/09/2025

                 विपरीत हालात में भी करियर में बनें सफल

                                                                                                                                                                      प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

प्रत्येक कर्मचारी निश्चित् रूप से कभी न कभी अपने दफ्तर के हालात से नाखुश जरूर होता है। कम आमदनी, अतिरिक्त कार्य, खराब प्रबंधन या पदोन्नति न मिलने समेत अन्य कोई भी हालात इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। स्थिति तब बिगड़ती है, जब कर्मचारी काम से अधिक अपनी किसी निजी समस्या पर सोचने में अधिक व्यतीत करने लग जाता है। इसके बावजूद आप अपने करियर में सफल हो सकते हैं, हालांकि आपको इसके लिए कुछ अहम बातों का ध्यान भी रखना होगा।

कोइ चाहे कितने भी अच्छे संस्थान में काम क्यों ना कर रहा हो, अगर उसे दफ्तर की वर्क-संस्कृति के साथ तालमेल बैठा पाने में मुश्किल होती है, तो वह नौकरी छोड़ने के बारे में सोचने लगता है।

हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि दो में से एक कर्मचारी इस्तीफा देना इसलिए जरूरी समझता है, क्योंकि वह अपने करियर के किसी पड़ाव पर मैनेजर के खराब बर्ताव से त्रस्त था। हालांकि एक दूसरे अध्ययन से पता चला है कि कार्यक्षेत्र में अनुकूल हालात के अपेक्षा कर्मचारी विपरीत विपरीत परिस्थितियों में नौकरी में अधिक दिनों तक बना रहता है। आखिर ऐसा क्यों होता है?

नौकरी न छोड़ पाने के कारण

                                                                           

  • कर्मचारी खराब स्थिति में भी काम करते रहना इसलिए चुनते हैं क्योंकि विपरीत हालात में नौकरी छोड़ना इतना आसान नहीं होता है।
  • जो कर्मचारी अधिक दबाव की स्थिति में काम करते रहते हैं, वे अक्सर भावनात्मक रूप से कमजोर हो जाते हैं। भावनात्मक रूप से कमजोर हो चुका व्यक्ति खुद में सकारात्मक  दृष्टि बनाए रख पाने में सक्षम नहीं रह पाता है। इससे उनमें नई नौकरी तलाशने एक की ऊर्जा बाकी नहीं रहती। कोई दूसरा अवसर मिले बिना नौकरी को छोड़ना उनके लिए कठिन हो जाता है।
  • ऐसे हालात में जिस तरह की मानसिक स्थिति में एक कर्मचारी होता है, उसमें कुछ खो देने का भम उसे नौकरी छोड़ने नहीं देता है। इसलिए ऐसे कर्मचारी नौकरी को बनाए रखना चाहते है, जिसे पाने के लिए उसने काफी मेहनत की है। वह सैलरी, पद, वरिष्ठता, सामाजिक संपर्क या ऐसे ही दुसरी सहूलियतें खोना नहीं चाहता, जिसे उसने सालों की मेहनत के बाद हासिल किया है। इसलिए ऐसे लोग विपरित परिस्थिति में भी काम करते रहते हैं।
  • एक अन्य शोध बताता है कि लोग खराब परिस्थितियों में काम इसलिए करते रहते हैं, क्योंकि वे अपनी नौकरी या कार्य से भावनात्मक रूप से जुड़ाव महसूस करते हैं। उन्हें अपना काम काफी महत्वपूर्ण लगता है।
  • विपरीत हालात के बावजूद उनके लिए नौकरी में बने रहना, नौकरी छोड़ने के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित और सही लगता है। लेकिन असल में इससे काफी नुकसान जुड़े होते हैं। एक अध्ययन से पता चला है कि कर्मचारी जो खराब परिस्थितियों में भी काम करते रहते हैं, उनमें स्वास्थ्य से जुड़ी कई तरह की समस्याएं पैदा हो जाती हैं।

नौकरी छोड़ना क्यों मुश्किल होता है?

खराब हालात में भी अगर आप नौकरी में टिके हुए, हैं, तो इससे कुछ कारण हो सकते हैं, जैसे-

  • मेरे पास कोई दूसरी नौकरी ढूंढ़ने की ताकत नहीं है।
  • मैं अपनी नौकरी और यहां के साथियों को पसंद करती/करता हूं।
  • मुझे सैलरी की जरूरत है।
  • इसके अलावा कोई दूसरी नौकरी नहीं है, जो मेरे लिए बेहतर रहेगी।
  • यह नौकरी काफी कोशिशों के बाद मैनें हासिल की थी। इस नौकरी में कमाई करने के बेहतर मौके हैं।
  • मेरे पास कोई दूसरी नौकरी हासिल करने की क्षमता नहीं है।
  • चीजें पहले से बेहतर भी हो सकती हैं।

हालात पर कैसे पाएं नियंत्रण

अगर आप नौकरी से इस्तीफा जल्दी से नहीं दे सकते. तो यहां कुछ व्यावहारिक चीजें हैं, जिन पर काम करके आप होने वाले नुकसान को कम कर सकते है।

अपनी आवशयकताओं के बारे में करें बातः आपका मैनेजर कैसा भी ही, आप उसने अपनी नौकरी की जिम्मेदारियो को पूरा करने के लिए जरूरी संसाधनों और सहयोग कर आग्रह कर सकते हैं। तर्क के साथ अपनी तमाम आवश्यकताओं पर बात करें और बताएं कि कैसे यह संस्थान को फायदा पहुंचा सकती है।

अपने संघ की एकता का उठाएं लाभः जब आप दफ्तर में भावनात्मक रूप से कठिन स्थिति में फंसे हों, आपके पास सहयोगियों का एक मजबूत साथ होना चाहिए। ऐसे दोस्तों और लोगों के संपर्क में रहे, जो मदद करने के साथ आपको सही दिशा में प्रेरित भी करते हो। जरूरत हो तो किसी करियर कोच या किसी प्रशिक्षित पेशीवर से भी बात कर कर सकते हैं।

नींद और व्यायाम के लिए पर्याप्त समय निकालेः यदि संभव हो, तो कार्य में से कुछ समय के लिए अवकाश लें। यदि आप दफ्तर के माहौल को नियंत्रित नहीं कर सकते, पर ऐसे माहौल में खुद की प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित जरूर कर सकते हैं।

दूसरे मौकों की करें तलाशः कंपनी में मौजूद दूसरे पदों पर ध्यान दें, जिन पर आप खुद को देखना चहते हैं। सोचे कि कहा आपको आपकी स्किल के अनुसार काम मिल सकता है।

कपनी के एचआर विभाग से करें बातः एचआर विभाग में अपनी समस्या के बारे में बात करें और बताएं कि उसे अपने स्तर पर उस समस्या को दूर करने के लिए आपने अब तक क्या-क्या किया है?

नौकरी छोड़ने का कब लें फैसला ?

कार्यक्षेत्र से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य हैं, जो बताते हैं कि नौकरी में सहन करने का समय गया। एचआर हर दिन नौकरी पर जाने से डरने लग गए। कार्यक्षेत्र में खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से असुरक्षित महसूस करने लगे। अपने काम से ज्यादा, अपनी किसी समस्या पर सोचने में ज्यादा वक्त बिताने लगे। अगर कार्य से जुडा तनाव आपके निजी जीवन को प्रभावित करने लगे। आपका आत्मविश्वास डगमगाने लगे, तो नौकरी छोड़ने का समय हो गया है।

जब एक बार आप नौकरी छोड़ने का निर्णय कर लेते हैं, तब इसे पेशेवर और संजीदगी के साथ करें। कार्यस्थल के हालातों को लेकर आपके मन में गुस्सा हो और कुछ कह कर निकलने जा रहे हो. पर यह रुपैया लंबी अवधि में आपको फायदा नहीं पहुंचाना। खराब व्यव्हार करके कंपनी से संपर्क सामना करें। अगर नौकरी छोड़ने का मन बना ही लिया है. उसने पहले की

तैयारी भी जरूर करें-

अगले कदम के लिए रहे तैयारः इस्तीफा देने से पहले आपको सिर्फ नई नौकरी की तलाश शुरू कर देनी चाहिए।

समय पर हो इस्तीफे पर बातः ज्यादातर कंपनियों में नौकरी छोड़ने की सूचना दी हफ्ते पहले दे देनी होती है। समय पर नौकरी छोडने की सूचना दें और उपयुक्त तरीके से इस्तीफे के लिए आवेदन करें। अपने बॉस से व्यक्तिगत मुलाकात में भी इस्तीफे की बात कहें। ध्यान रखें कि इस्तीफे के लिए आपका आवेदन पत्र कर्मचारियों के डाटा में शामिल होता है। इसलिए इस्तीफे का आवेदन पेशेवर ढंग से लिखे।

बदलाव के दौर में समय का सही उपयोगः बदलाव से पहले अपनी योजनाओं को लेकर स्पष्ट हो ज्वर कि छुट्टी पर जाने से पहले, आपको का करना चाहिए। अगर आपने किसी प्रोजेक्ट को खत्म करके जाने का वादा किया है, तो उस काम तसे अवश्य ही पूरा करें। इसके साथ ही अपने सभी कामों के बारे में बॉस को बता कर जाएं।

पहले से जाने के लिए रहें तैयारः अगर बॉस के साथ आपका तालमेल ठीक नहीं है. तो संभव है कि वह नौकरी छोड़ने की सूचना पाकर तुरंत ही आपको नौकरी से जाने के लिए कह दे। यहां ध्यान दें कि आपके पास व्यक्तिगत वीजे, संपर्क सूत्र, महत्वपूर्ण पेपर आदि आपके पास पहले से व्यवस्थित कर लें। कपनी से मिल रही सभी सुविधाओं को लेना बंद कर दें।

किसी की बुरई ना करें: बॉस के साथ अपनी अंतिम मुलाकात में किसी की बुराई करने से खुद को रोकें। इससे आपकी छवि खराब भी हो सकती है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।