
कॅरियर काउंसलर बन संवारें दूसरों का कॅरियर Publish Date : 22/08/2025
कॅरियर काउंसलर बन संवारें दूसरों का कॅरियर
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
कॅरियर का चयन करना 12वीं कक्षा तक कोई गंभीर मामला नहीं होता। लेकिन, 12वीं के बाद एक निश्चित कॅरियर चुनना और लक्ष्य निर्धारित करना आवश्यक हो जाता है। ऐसे में, अगर आप सही कॅरियर विकल्प चुनने के बारे में सुनिश्चित नहीं है, तो कॅरियर काउंसलर के पास जाने के अलावा आपके पास कोई और ऑप्शन नहीं बचता है।
सही कॅरियर विकल्प का चुनाव आपके जीवन की नींव रखता है। सही समय पर एक अच्छा निर्णय आपके जीवन को सुहावना बना सकता है और गलत निर्णय आपके जीवन की रेल को पटरी से उतार सकता है। कई छात्र तो ऐसे होते हैं, जो स्पष्ट रूप से जानते हैं कि वे क्या बनना चाहते हैं। वहीं दूसरी ओर ऐसे भी कई छात्र हैं, जो या तो भ्रमित हैं या कॅरियर वरीयताओं के बारे में कोई जानकारी नहीं रखते हैं।
कॅरियर काउंसलर से परामर्श छात्रों को सही कॅरियर के विकल्प और उन क्षेत्रों में रुचि लेने में मदद कर सकता हैं, जिनमें वे रुचि रखते हों। कॅरियर काउंसलर आपको भरोसा देते हैं और आपकी आवश्यकताओं को समझ कर आपके मनोबल को बढ़ाते हैं।
सही कॅरियर का चुनाव
एक सही कॅरियर का चयन करना जो कि आपकी योग्यता और व्यक्तित्त्व से मेल खाता हो, आपकी व्यावसायिक सफलता और तरक्की का आधार होता है। कॅरियर काउंसलर का मुख्य काम छात्रों को एक ऐसे क्षेत्र का चुनाव करने में मदद करना है, जो उनके कौशल और प्रवृत्तियों के अनुरूप हो। इसलिए कॅरियर काउंसलर की सहायता से, अधिकांश छात्र सही कॅरियर का चुनाव कर लेते हैं और अपने स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं।
इससे उन्हें कॅरियर को सफल बनाने में मदद मिलती है। कॅरियर काउंसलर व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारते हैं और नौकरी से संबंधित जिम्मेदारियों को समझने के लिए तैयार करते हैं। इसके साथ-साथ व्यक्ति के साक्षात्कार कौशल में सुधार करते हैं और व्यक्तित्व विकास और भविष्य के लिए एक उज्ज्वल दृष्टि प्रदान करते हैं।
कॅरियर काउंसलर बनने के लिए
एक कॅरियर काउंसलर बनने के लिए किसी खास शैक्षिक योग्यता या अनुभव की जरूरत नहीं होती। लेकिन फिर भी पब्लिक रिलेशन, ह्यूमेन रिसोर्स मैनेजमेंट, ह्यूमेन साइकोलॉजी और कॅरियर काउंसलिंग में डिग्री या फील्ड एक्सपीरियंस रखने वाले उम्मीदवार फायदे में रहते हैं। जिन्होंने शुरुआत से ही कॅरियर काउंसलर बनने का लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है, वे इंटरमीडिएट के बाद ऊपर बताए गए विषयों से ग्रेजुएट की डिग्री ले सकते हैं।
डिप्लोमा इन गाइडेंस ऐंड काउंसलिंग भी किया जा सकता है। इसके बाद कॅरियर काउंसलिंग से एमए किया जा सकता है। उच्चतर शिक्षा लेनी हो तो कॅरियर काउंसलिंग में एमफिल और पीएचडी भी कर सकते हैं। अगर आप कॅरियर काउंसलिंग की प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं, तो आपके पास उपयुक्त लाइसेंस भी होना चाहिए। इसके अलावा बतौर कॅरियर काउंसलर आपके लिए दूसरों को समझना और उनसे सहानुभूति रखना आवश्यक होता है।
आपका क्लाइंट कैसा भी हो सकता है, काउंसलर को उस पर पूरा ध्यान देना होता है। काउंसलर की दूसरों की मदद करने में रुचि होनी चाहिए। कॅरियर काउंसलर की कम्युनिकेशन स्किल्स शानदार होनी चाहिए। तभी आप ठीक तरह से क्लाइंट के साथ बात कर पाएंगे और उसको समझ पाएंगे। इसके अलावा उसे जॉब से संबंधित हर फील्ड की जानकारी होनी चाहिए।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।