कितने खुश हैं अपनी जॉब से!      Publish Date : 20/08/2025

                     कितने खुश हैं अपनी जॉब से!

                                                                                                                                                          प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

सोहन और कबीर एक एमएनसी कंपनी में कार्य करते हैं। दोनों काफी अच्छे दोस्त भी हैं, लेकिन काम के प्रति दोनों का नजरिया अलग-अलग है। सोहन अक्सर अपने दोस्तों से कहता है कि वह अपनी जॉब से खुश नहीं है, जबकि कबीर को अपनी जॉब से कोई शिकायत नहीं है। आज केवल सोहन ही नहीं, बल्कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग आसानी से मिल जाएंगे, जो अपने जॉब से खुश नहीं हैं। नतीजतन, जो अपने जॉब से नाखुश होते हैं, वे न तो अपने करियर के साथ न्याय कर पाते हैं और न ही संस्थान के साथ।

वहीं जब, आप आनंद यानी एंज्वॉय के साथ जॉब करते हैं, तो ऐसी स्थिति में जॉब आपके लिए करियर नहीं, बल्कि पैशन बन जाता है। इससे आपके कार्य में न केवल परफेक्शन आता है, बल्कि धीरे-धीरे आप संस्थान में सबके चहेते भी बन जाते हैं।

करते हैं जॉब को एंज्वॉय ?

                                                   

इस बात को कैसे जानें कि आप अपने जॉब को एंज्वाय करते हैं या नहीं? आइए इसके लिए डालते हैं इन बिंदुओं पर एक नजर-

  • यदि आपको कोई काम दिया जाता है और उस कार्य को आप एंज्वॉय के साथ पूरा करते हैं।
  • कार्य की समाप्ति पर थकान महसूस होने के बाद भी दूसरे दिन पूरे उत्साह के साथ कार्य में जुट जाते हैं।
  • यदि आप ऑफिस के कार्यों या प्लॉनिंग करने में खुद को व्यस्त पाते हों, तो समझिए कि जॉब के प्रति आप अधिक गंभीर हैं।
  • महत्वपूर्ण कार्यों को बिना दबाव महसूस किए समय से पहले पूरा करना।
  • हर कार्य को लगन और उत्साह के साथ पूरा करना, जॉब के प्रति आपके लगाव को जाहिर करता है।

न हो असंतुष्टि

सच पूछिए, तो अपने जॉब से वही लोग अधिक असंतुष्ट होते हैं, तो अपने करियर को चुनते वक्त असावधानी बरतते हैं।

इससे कैसे बचा जा सकता है :

  • किसी जॉब के पीछे इसलिए न भागें कि अधिकांश लोग इसी कार्य को कर रहे हैं।
  • जॉब का चुनाव करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि आपकी योग्यता उस जॉब के अनुकूल है या नहीं!
  • आपको आर्गनाइजेशन में अपनी यदि आप रिस्क नहीं लेना चाहते हैं, तो इन बातों पर अमल कर सकते हैं।
  •  सबसे पहले यह जानने की कोशिश करें कि जॉब से असंतुष्ट होने वाले कारक कौन-कौन से हैं! इसके बाद यदि उन कारकों को हल करने की पहल करेंगे, तो आपका कल निश्चित रूप से बेहतर होगा।
  • यदि कंपनी की व्यवस्था के कारण जॉब से खुश नहीं हैं, तो समस्याओं को दरकिनार करते हुए, अपने कार्य को प्रोफेशनल तरीके से करना चाहिए। जॉब को दबाव में नहीं, बल्कि उत्साह के साथ करने का प्रयास करना चाहिए। लेकिन अति- उत्साह से दूर रहने की कोशिश करें।
  • यदि आप जॉब से ज्यादा परेशान हैं, तो कुछ दिनों तक अपने रूटीन वर्क से हट कर कार्य करना भी फायदेमंद हो सकता है।
  • यदि अपने कार्य को कॉन्फिडेंस के साथ पूरा करते हैं, तो कम दबाव महसूस करेंगे। यदि आप समझते हैं कि यह काम आपको किसी भी हालत में करना है, तो आप उसे एंज्वॉय करें यानी उसे खुशी-खुशी करें।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।