
केवल ग्रेड को महत्व न दें Publish Date : 18/08/2025
केवल ग्रेड को महत्व न दें
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
‘‘कॉरपोरेट की दुनिया में ग्रेड़ के स्थान पर हमेशा ही संवाद कौशल और अनुभव को अधिक महत्व दिया जाता रहा है।’’
वर्तमान समय में ग्रेड पर ध्यान केंद्रित करना ही छात्रों की प्राथमिकता में शामिल है, इस कारण छात्र रचनात्मक कार्यों को सीखने के स्थान पर किताबी ज्ञान पर अधिक जोर दे रहे हैं। ऐसे में केवल ग्रेडिंग प्रक्रिया से ध्यान हटाकर छात्रों को कौशल सीखने पर फोकस करने से उनकी उपलब्धि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। आज के समय को देखते हुए ग्रेड के साथ-साथ कुछ रचनात्मक सीखना भी शिक्षा का एक जरूरी लक्ष्य होना चाहिए।
छात्र बाहर निकलें किताबी दुनिया से
ग्रेड सिस्टम छात्रों के जीवन में एक सकारात्मक भूमिका तो निभा रहा है, लेकिन सवाल यह है कि किस हद तक। यह छात्रों को अधिक रचनात्मक और आत्मविश्वासी बनाने की दिशा में एक बाधा के रूप में भी काम कर रहा है। छात्रों को चाहिए कि वे अपनी किताबी दुनिया से अलग भी कुछ अन्य रचनात्मक कार्यों को सीखकर अपने कौशल का विकास कर सकते हैं।
वर्तमान समय की ग्रेडिंग व्यवस्था
ग्रेड छात्रों की क्षमता और परीक्षा में उनके मूल्यांकन की एक व्यवस्था है। ग्रेडिंग प्रणाली में छात्रों को उनके प्राप्त अंकों के आधार पर A1, A2, B1, B2, और C1 आदि ग्रेड प्रदान किए जाते हैं।
कॅरियर में ग्रेड का महत्व
आमतौर पर छात्र ग्रेड और डिग्री प्राप्त करने पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे उन्हें अच्छी नौकरी पाने और अपने कॅरियर को आगे बढ़ाने में आवश्यक मदद मिल सकती है। लेकिन आपको यह समझना होगा कि केवल एक अच्छा ग्रेड ही आपकी कॅरियर ग्रोथ में सहायक नहीं होगा। क्योंकि आज के कॉरपोरेट जगत में ग्रेड सें अधिक आपके संवाद कौशल और अनुभव अधिक आदि को महत्व दिया जा रहा है।
रचनात्मकता और कौशल सीखें
औपचारिक शिक्षा के दौरान छात्र, जो ग्रेड प्राप्त करते हैं, उसका प्रभाव बहुत हद तक आपके कॅरियर पर नहीं पड़ता, जबकि आपकी रचनात्मकता और अन्य कौशल आपको कॅरियर में एक ऊंचाई पर ले जा सकते हैं। इसलिए आपने अपने जीवन में क्या सीखा है, यह कॅरियर को आगे बढ़ाने के लिए अधिक महत्वपूर्ण है, न आपके द्वारा कि अर्जित किए गए ग्रेड।
ग्रेड अधिक महत्वपूर्ण या सीखना
ग्रेडिंग सिस्टम से शिक्षा क्षेत्र में छात्रों की कमजोरियों और खूबियों के बारे में पता चलता है। इससे यह भी पता चलता है कि छात्रों को किस विषय पर कितना काम करने की आवश्यकता है। अध्ययन से अलग कुछ अन्य रचनात्मक गतिविधियों जैसे खेल, संगीत और क्विज आदि गतिविधियों में भी आप शामिल हो सकते हैं। इससे छात्रों में पढ़ाई के साथ-साथ कुछ नया सीखने, संवाद कौशल विकसित करने का भी अवसर प्राप्त होगा, जो उनके कौशल और व्यक्तित्व विकास में सहायक होता है। हालांकि अब स्कूलों द्वारा भी कोर्स में पाठ्यक्रम से हटकर कुछ अन्य गतिविधियों को शामिल किया जाने लगा है, जिससे कि छात्रों का सर्वांगीण विकास हो सके।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।