स्पीड और एक्यूरेसी से मिलेगी कामयाबी      Publish Date : 31/07/2025

            स्पीड और एक्यूरेसी से मिलेगी कामयाबी

                                                                                                                                                          प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

सरकारी नौकरी किसे नहीं पसंद, खासकर जब बात बैंक में अधिकारी बनने की हो। कई छात्र बैंक में अधिकारी बनने का सपना संजोए बैंकिंग परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। अगर आप भी इनमें से एक हैं और यदि आपने आईबीपीएस आरआरबी ऑफिसर स्केल-I जैसी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा का फॉर्म भरा है, तो यह आपके लिए सुनहरा मौका है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसकी परीक्षा प्रतिवर्ष जुलाई-अगस्त माह में ऑनलाइन मोड में आयोजित की जाती है। इसलिए आपके पास परीक्षा की तैयारी के लिए केवल एक महीने का ही समय बचा है। प्रारंभिक परीक्षा में सफल होने के लिए आपको इस एक महीने में अपनी तैयारी के लिए एक स्पष्ट रोडमैप बनाने एवं उन टॉपिक्स को समझने पर अधिक ध्यान देना चाहिए, जो परीक्षा दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं।

                                                         

परीक्षा का स्तर

आईबीपीएस आरआरबी ऑफिसर स्केल-I आईबीपीएसपीओ (प्रोबेशनरी ऑफिसर) के समकक्ष ही होती है, फर्क सिर्फ परीक्षा के स्तर का होता है। आईबीपीएस पीओ परीक्षा की कठिनाई का स्तर आरआरबी अधिकारी स्केल- I परीक्षा से थोड़ा अधिक होता है। हालांकि सिलेबस और एग्जाम पैटर्न समान होता है।

परीक्षा के स्वरूप को समझें

इस परीक्षा में प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा के बाद साक्षात्कार होता है। प्रारंभिक परीक्षा में आपके तार्किक और मात्रात्मक योग्यता कौशल का परीक्षण, जबकि मुख्य परीक्षा में तर्क और मात्रात्मक योग्यता के साथ सामान्य जागरूकता, अंग्रेजी भाषा, हिंदी भाषा और कंप्यूटर ज्ञान जैसे कौशलों का परीक्षण किया जाता है।

स्पीड और एक्यूरेसी पर दें ध्यान

प्रारंभिक परीक्षा में सफल होना बैंक अधिकारी बनने का पहला चरण होता है। रीजनिंग और क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड जैसे विषयों की योजनाबद्ध तरीके से तैयारी करनी चाहिए। आप नियमित रूप से मॉक टेस्ट और पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों का अभ्यास करके अपनी स्पीड और एक्यूरेसी लेवल को बढ़ा सकते हैं। इससे ही आप प्रश्नों का निर्धारित समय में जवाब देकर सफलता पा सकते हैं।

महत्वपूर्ण टॉपिक्स पर फोकस करें

रीजनिंग विषय में कोडिंग और डिकोडिंग, असमानता, पहेली, न्याय वाक्य, बैठने की व्यवस्था, रक्त-संबंध आदि टॉपिक्स महत्वपूर्ण हैं। वहीं क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड विषय इस परीक्षा का दूसरा महत्वपूर्ण भाग है, जिसमें आप सरलीकरण, संख्या श्रृंखला, द्विघात समीकरण, डाटा व्याख्या, प्रतिशत, लाभ और हानि आदि टॉपिक्स की तैयारी करके अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं।

स्टडी टेक्निक से करें पढ़ाई

स्टडी टेक्निक की मदद से कठिन विषयों को समझने में आसानी होती है। इसलिए आप किसी भी विषय या टॉपिक को अलग अंदाज में पढ़ना चाहते हैं, तो पोमोडोरा टेक्निक, स्पेस्ड रिपीटिशन मेथड, माइंड मैपिंग जैसी स्टडी टेक्निक की मदद लें। इसके अलावा फ्लैशकार्ड टेक्निक का उपयोग महत्वपूर्ण सूत्रों को याद रखने के लिए कर सकते हैं। पढ़ने की प्रक्रिया को आसान बनाने और रिवीजन करने के लिए अपने नोट्स बनाएं।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।