
कॅरियर के लिए जरूरी हैं लाइफ स्किल Publish Date : 12/07/2025
कॅरियर के लिए जरूरी हैं लाइफ स्किल
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
छात्र जब अपने बेहतर प्रदर्शन के लिए नए कौशल सीखते हैं, तब उनके अंदर प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित होती है-
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, भारतीय शिक्षा प्रणाली के लिए एक ऐतिहासिक पहल थी, जिसके अंतर्गत छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए शिक्षा के क्षेत्र में कई बदलाव किए गए। नई शिक्षा नीति के तहत लाइफ स्किल को पाठ्यक्रम के एक भाग के रूप में शामिल करने की अनुशंसा की गई। ताकि छात्रों का बौद्धिक विकास व उनके भविष्य को उपयोगी बनाया जा सके, जिसके परिणामस्वरूप जॉब मार्केट में उन पेशेवरों की मांग बढ़ गई है, जो शैक्षणिक योग्यता के साथ-साथ दूसरे कौशलों जैसे- संचार कौशल, रचनात्मक सोच आदि की भी जानकारी रखते हैं। इसलिए छात्र व युवा, शिक्षा को सिर्फ शैक्षणिक परिणामों तक ही सीमित न रखें, बल्कि समय के साथ नए कौशल भी सीखते रहें।
जीने की एक कला
लाइफ स्किल जीवन जीने की एक कला है, जिसकी मदद से छात्र अपने जीवन में आने वाली कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना बिना डरे व सहज भाव से कर सकते हैं। यह हमें सकारात्मक, सफल और संतुष्ट जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है। साथ ही व्यक्तिगत जीवन, सामाजिक जीवन और नैतिक मूल्य जैसे सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने में भी मदद कर सकता है। इस कौशल को अपनाकर छात्र एक स्वस्थ और सुखी जीवन व्यतीत कर सकते हैं। यह कौशल छात्रों को संयम, समर्पण और स्थिरता के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
आत्मविश्वास में वृद्धि
नए कौशल सीखने की इस अनवरत प्रक्रिया में छात्रों के आत्म-सम्मान व आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। गौरतलब है कि छात्र जब भी अपने प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए नए कौशल सीखते हैं, तो उनके अंदर प्रतिस्पर्धा करने की भावना विकसित होती है। लाइफ स्किल्स, छात्रों को जीवन की वास्तविकताओं का सामना करने के लिए मानसिक रूप से तैयार करती है।
शिक्षा के लिए जरूरी
एक सर्वे के अनुसार, यह देखा गया कि युवा जीवन में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए जीवन कौशल को महत्वपूर्ण मानते हैं। एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि स्कूली शिक्षा का छात्रों के जीवन पर अत्यधिक सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए शिक्षक को छात्रों के संपूर्ण विकास के लिए जीवन कौशल आधारित पाठ्यक्रम को प्राथमिकता देनी चाहिए। इसके अतिरिक्त लाइफ स्किल्स को अपने जीवन में अपनाकर शिक्षा में लैंगिक समानता, पर्यावरण संरक्षण और आय सृजन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भी इनका उपयोग किया जा सकता है।
कॅरियर निर्माण में महत्वपूर्ण
यह कौशल उन युवाओं के लिए बेहद जरूरी है, जो अभी अपने कॅरियर के शुरुआती पड़ाव पर हैं। यह कौशल छात्रों व युवाओं को एक सफल उम्मीदवार के तौर पर पेश करने के साथ-साथ निर्णय लेने की क्षमता, समस्या का समाधान आदि सीखने में भी मदद करेगा।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।