विदेश में पढ़ाई करने के लिए      Publish Date : 06/07/2025

                     विदेश में पढ़ाई करने के लिए

                                                                                                                                                   प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

विदेश में पढ़ाई करने से न केवल अन्य देशों की संस्कृतियों को समझने का अवसर प्राप्त होता है, बल्कि इससे कॅरियर बनाने के बेहतर अवसर भी प्राप्त होते हैं-

ऐसे में यदि आप एक छात्र हैं और उच्च शिक्षा प्राप्त करने की योजना बना रहे हैं, तो आपके भविष्य के लिए एक बेहतरीन अवसर विदेश में पढ़ाई करना भी हो सकता है। इससे न केवल विदेश की संस्कृति को समझने का, बल्कि शुरुआत से ही वैश्विक स्तर पर बेहतरीन कॅरियर बनाने के अवसर भी प्राप्त होते हैं। भारत में उपलब्ध पाठ्यक्रमों से इतर आप विदेश में कोर्सेज की विस्तृत श्रृंखला का चयन कर सकते हैं। आज विदेश में पढ़ाई करना पहले जितना कठिन कार्य नहीं रह गया है। सही मार्गदर्शन और अपने पसंदीदा कोर्स का चयन करके आप आसानी से विदेश में पढ़ाई कर सकते हैं।

विदेश में पढ़ाई करने के लाभ

                                              

कनाडा छात्रों के लिए तीन वर्षीय स्टे-बैक पॉलिसी प्रदान करता है, जिसके दौरान छात्र वर्क वीजा और स्थायी निवास के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसी तरह, यूएसए के दो-वर्षीय स्टे-बैक पॉलिसी से छात्र अपने वीजा को वर्क वीजा में बदल सकते हैं। यूके ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए अपने दो-वर्षीय स्टे-बैक वर्क वीजा को एक बार फिर से शुरू कर दिया है। विदेश के कई विश्वविद्यालय ऐसे हैं, जो बेहतर कोर्स के साथ-साथ छात्रवृत्तियां भी प्रदान करते हैं। इसके अलावा विदेश में पढ़ाई के दौरान विविध संस्कृतियों को अपनाने से, छात्र दुनिया की गहरी समझ भी विकसित करते हैं।

आवेदन करने का समय

विदेश में अधिकतर विश्वविद्यालय और कॉलेज दो, फॉल और स्प्रिंग इनटेक के तहत विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश देते हैं। जहां फॉल इनटेक आमतौर पर सितंबर में शुरू होता है, जो दिसंबर में खत्म होता है, वहीं स्प्रिंग इनटेक जनवरी में शुरू होता है और मई में खत्म होता है। कुछ कॉलेज गर्मियों में भी एक छोटे-से इनटेक के तहत भी मौका देते हैं, जो अप्रैल में शुरू होता है और जून-जुलाई तक चलता है।

कोर्सेज और प्रवेश प्रक्रिया

छात्र बिजनेस ऐंड मैनेजमेंट, कंप्यूटर साइंस, मेडिसिन, आर्किटेक्चर, इंजीनियरिंग आदि में स्नातक के बाद मैनेजमेंट ऐंड लीडरशिप, एमबीए, इंटरनेशनल रिलेशन ऐंड बिजनेस, साइकोलॉजी आदि के परास्नातक कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। इसके लिए छात्रों को अंडर ग्रेजुएट के लिए सीएटी/एसीटी, एमबीए/एमआईएम के लिए जीमैट या जीआरई, एमएस/पीएचडी के लिए जीआरई, मेडिकल कोर्सेज के लिए एमसीएटी/नीट और लॉ कोर्सेज के लिए एलसीएटी को उत्तीर्ण करना अनिवार्य होता है। इसके अलावा आईईएलटीएस, पीटीई और टॉफेल जैसी अंग्रेजी भाषा प्रवीणता परीक्षा देना आवश्यक है।

आवेदन कैसे करें

विश्वविद्यालयों और पाठ्यक्रमों पर शोध करने के बाद आप संबंधित कॉलेज या विश्वविद्यालय के आधिकारिक लिंक पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया के तहत आवश्यक दस्तावेज जैसे- परीक्षा स्कोर, अनुशंसा पत्र आदि एकत्र करना, एक आकर्षक निबंध तैयार करना, आवेदन पत्र भरना, साक्षात्कार, शुल्क का भुगतान करना और समय सीमा से पहले आवेदन जमा करना आदि शामिल होता हैं।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।