सीड साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी: एक हाईब्रीड करियर      Publish Date : 04/07/2025

         सीड साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी: एक हाईब्रीड करियर

                                                                                                                                                        प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

हमारे देश में कृषि यानी फार्मिंग, एक बहुत बड़ी आबादी के लिए जीवनोपार्जन का महत्वपूर्ण माध्यम है। इसलिए सीड साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी का भी इसमें बहुत महत्त्व है। जेनेटिकली संशोधित बीटी कॉटन या हाईब्रीड बीजों के बारे में आज लगभग सभी जानते हैं। इन बीजों को नया आकार-प्रकार देने का काम सीड साइंस ही करती है। पूरी दुनिया में बीजों का कारोबार करीब 30 बिलियन डॉलर का है, जिसके अगले 10-12 सालों में 75 बिलियन डॉलर होने की संभावना है। इसी के चलते तमाम नेशनल, मल्टीनेशनल कंपनियां बीजों के निर्माण, शोधन व खरीद फरोख्त के क्षेत्र में उतर रही हैं।

कार्य क्षेत्र

                                                    

सीड साइंड ऐंड टेक्नोलॉजी के कार्य का दायरा बहुत बड़ा है, जो बीजों के विकास, परिपक्वीकरण, अंकुरण और अंकुरण भ्रूण जैसे पहलुओं से जुड़े फिजियोलॉजी, पैथोलॉजी व बायोलॉजी आदि से जुड़ा होता है। इसके लिए तमाम तरह की बीज सेम्पलिंग, टेस्टिंग, कंडीशनिंग, डिस्ट्रीब्यूशन और स्टोरेज आदि के मामलों पर शोध के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में सीड साइंटिस्ट, एनालिस्ट तथा टेक्नोलॉजिस्ट की अहम भूमिकाएं होती है, जो बीजों के आकलन, मूल्यांकन, जलवायु आदि के बारे जानकारी जुटाते रहते हैं।

कोर्स

देश के कृषि संस्थानों से उम्मीदवार सीड साइंस एंड टेक्नोलॉजी में मास्टर डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। यह कोर्स दो साल के होता हैं, जिसमें पीएच.डी भी की जा सकती है, जो तीन साल की होती है। पीएचडी के लिए स्नातक स्तर पर 55 फीसदी अंक प्राप्त करना आवश्यक है। इसी क्षेत्र में करियर बनाने वाले छात्रों के लिए जेनेटिक्स या प्लांट ब्रीडिंग में मास्टर डिग्री प्रोग्राम करना भी एक बढ़िया विकल्प है। पाठ्यक्रम में सीड/हाईब्रीड प्रोडक्शन/डेवलपमेंट, फिजियोलॉजिकल टेक्नीक्स, सीड क्वालिटी कंट्रोल, सीड टेक्नोलॉजी, सीड टेस्टिंग/सर्टिफिकेशन, इंसेक्ट पेस्ट मैनेजमेंट, सीड स्टोरेज, सीड प्रोसेसिंग तथा नर्सरी मैनेजमेंट जैसे विषयों पर गहन प्रशिक्षण दिए जाते हैं।

योग्यताएं

दाखिला ग्रेजुएशन के बाद लिया जाता है, जिसके लिए एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर, बायोलॉजी या फॉरेस्ट्री में बैचलर होना जरूरी है। कोर्स में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा होती है। कुछ संस्थानों में मैरिट के आधार पर भी एंडमिशन दिया जाता है।

जॉब के अवसर

भारत का सीड एक्सपोर्ट बिजनेस तीसरी दुनिया के देशों में बड़ी तेजी से फल-फूल रहा है। ऐसे में सीड इंडस्ट्री में बतौर एग्रीकल्चर साइंटिस्ट, रिसर्च ऑफिसर, सीड प्रोडक्शन/सर्टिफिकेशन अफसर, सीड टेस्टिंग अफसर, सीड इंस्पेक्टर और लेक्चरर के तौर पर सरकारी विभागों में और प्रोडक्शन डायरेक्टर, क्वालिटी कंट्रोल अफसर, प्लांट सुपरवाइजर जोनल एरिया मैनेजर, सेल्स मैनेजर, फील्ड असिस्टेंट तथा सेल्स एक्जीक्यूटिव के रूप में अच्छी सैलरी मिल सकती है।

प्रमुख संस्थानः

  • इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट, पूसा रोड, न. दिल्ली-12 वेबसाइट : www.iari.res.in
  • आचार्य एन.जी. रंगा एग्रीकल्चरल विवि, हैदराबाद–500030 वेबसाइट: www.angrau.net
  • चन्द्रशेखर आजाद यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर ऐंड टेक्नोलॉजी, कानपुर, उप्र-208002 वेबसाइट: www.csauk.ac.in
  • चौधरी चरण सिंह, हरियाणा एग्रीकल्चर वि.वि. हिसार-125004 वेबसाइट: www.hau.nic.in
  • गोविन्द बल्लभ पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर ऐंड टेक्नोलॉजी पंतनगर, उत्तराखंड–263145 वेबसाइट : www.gbpuat.ac.in
  • यूनिवर्सिटी ऑफ लखनऊ वेबसाइट: www.lkouniv.ac.in
  • पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी लुधियाना, पंजाब-141004 वेबसाइट: www.pau.nic.in
  • यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर साइंस बंगलुरू, कर्नाटक-560065 वेबसाइट: www.uasbng.kav.nic.i

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।