सफल लीडर कैसा होता है      Publish Date : 20/06/2025

                      सफल लीडर कैसा होता है

                                                                                                                                                      प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

यदि आपको एक सफल लीडर बनना है तो उसके गुणों में, एक सफल लीडर टीम के अन्य सदस्यों की सभी बातों पर ध्यान देता है और उन्हें खुलकर बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित भी करता है।

                                                        

एक नेतृत्वकर्ता के रूप में आपको हमेशा पेशेवर ढंग से पेश आने और सभी की समस्याओं को हल करने की जरूरत नहीं होती है। बजाय इसके अपनी टीम के साथ एक खुले दिल, शांत दिमाग, जिज्ञासु मन और सहयोग करने की भावना के साथ उसके साथ डटे रहना ही काफी होता है।

जब एक लीडर अपने सहकर्मियों के साथ अच्छा तालमेल बिठाकर चलता है, तो बाकी सदस्य सिर्फ यही महसूस नहीं करते कि उनकी बातें सुनी जा रही है, बल्कि वे हमेशा इससे प्रेरित भी रहते हैं। अगर आप भी एक पेशेवर हैं और अपनी टीम को अच्छी तरह से संभालना चाहते हैं, तो कुछ बातों को ध्यान में रखकर यह नेतृत्व कौशल आसानी से सीख सकते हैं।

तालमेल बिठाना क्यों महत्वपूर्ण है

तालमेल बिठाने का मतलब किसी दूसरे व्यक्ति या स्थिति को ठीक करने की कोशिश करने के बजाय उसके साथ बने रहना ही काफी होता है। सामंजस्य तब होता है, जब कोई लीडर अपने कर्मचारी को गहराई से नोटिस करता है, सक्रिय रूप से उसकी बात सुनता है, ताकि उसे महसूस हो सके आप उसे अच्छी तरह समझते हैं। कर्मचारी जब तनाव में रहता है, तो सामंजस्य स्थापित करने वाले लीडर उनकी भावनाओं की कद्र करते हैं। जब कर्मचारियों को लगता है कि उनके लीडर उनकी भावनाओं की परवाह करते हैं, तो उनकी खुशी में बढ़ोत्तरी तो होगी ही, साथ ही उनकी उत्पादकता में भी वृद्धि होगी।

इरादा हो नेक

तालमेल बिठाने की शुरुआत एक सही इरादे से होती है। आलोचना करने, सलाह देने, योजना बनाने या बचाव करने की अपनी प्रवृत्ति को इस सबसे अलग रखें। हर कदम पर सहकर्मियों की मदद के लिए तैयार रहें। अपने आप से कहें कि मैं एक ऐसा स्थान बनाऊंगा, जहां सभी लोग अपने आपको सुरक्षित महसूस करें। उनसे कहें कि मैं यहां आपके साथ हूं और आप अकेले नहीं हैं। ऐसे में आपकी उपस्थिति ही पर्याप्त होती है।

शांत रहें

यदि आप तनावग्रस्त या जल्दबाजी में हैं, तो कर्मचारी इसे महसूस करते हैं। सामंजस्य के लिए आपको नियंत्रित रहने की आवश्यकता है। बिना प्रतिक्रिया दिए उनके अनुभव को आत्मसात करने के लिए शांत रहें और ध्यान भटकाने वाली चीजों से हमेशा दूर रहें। वॉकिंग मीटिंग का विकल्प चुनें, इससे तनावपूर्ण भावनाओं को कम करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही अपने कर्मचारियों के साथ खुलेपन के साथ बातचीत करें।

सांकेतिक बात करें

सामंजस्य स्थापित करने के लिए सिर हिलाएं और आई कॉन्टैक्ट बनाए रखें। उन्हें बताएं कि मुझे ऐसा लगता है कि आप कुछ निराश महसूस कर रहे हैं। जब कर्मचारी वास्तव में महसूस करते हैं कि आप उनकी बातों पर गौर कर रहे हैं, तो वे अपनी समस्याएं और भावनाओं को आपके साथ आसानी से साझा कर सकेंगे।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।