
नीट से हटकर भी हैं रास्तें Publish Date : 16/06/2025
नीट से हटकर भी हैं रास्तें
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
यदि नीट में सफल नहीं हो पाए, तो आपको घबराने की जरूरत नहीं। इसके अलावा भी कई ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें आप कॅरियर बना सकते हैं।
नीट, जिसे हिन्दी में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा कहते हैं, भारत में मेडिकल और डेंटल कोसों में प्रवेश प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण और प्रतिस्पर्धी परीक्षा है। डॉक्टर बनने का सपना रखने वाला प्रत्येक विद्यार्थी इस परीक्षा में अवश्य शामिल होता है। उनमें से कुछ को सफलता मिलती है, लेकिन कुछ छात्र कड़ी मेहनत के बाद भी सफल नहीं हो पाते हैं। अगर आप भी उनमें से एक हैं, तो आपको घबराने या तनावग्रस्त होने को जरूरत नहीं है। बिना नीट के भी कई ऐसे बेहतरीन क्षेत्र हैं, जिनमें आप अपना कॅरियर बना सकते हैं।
डुअल डिग्री कोर्स
आप बीएससी मनोविज्ञान और उसके बाद नैदानिक मनोविज्ञान कोर्स का चयन कर सकते हैं। अगर आपकी रुचि शोध में है, तो आप बीफार्मा, माइक्रोबायोलॉजी या बायोकेमिस्ट्री स्नातक कोर्स करने के बाद मास्टर्स या एमफिल की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। इस कोर्स को पूरा करने के बाद फार्मास्यूटिकल कंपनियों में शोध के तमाम अवसर मौजूद हैं। अगर आप प्रबंधन में जाना चाहते हैं, लेकिन विज्ञान के प्रति अपनी रुचि को नहीं छोड़ना चाहते, तो आप एनएमआईएमएस द्वारा पेश किए जा रहे बीफार्मा के साथ एमबीए (फार्मा-टेक) जैसे डुअल डिग्री कोर्स का चयन कर सकते हैं।
बीएससी एलएलबी
आप बीएससी एलएलबी को कॅरियर विकल्प के रूप में चुन सकते हैं। यह एक एकीकृत स्नातक पाठ्यक्रम है, जो विज्ञान के ज्ञान को कानून के साथ जोड़ता है। कई विश्वविद्यालय जैसे गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी गांधीनगर, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, दिल्लीविश्वविद्यालय आदि ऐसे कोर्स पेश करते हैं।
फॉरेंसिक साइंस का क्षेत्र
यदि आपकी रुचि तथ्यों की जांच पड़ताल करने में है, तो आप स्नातक स्तर पर बीएससी इन फॉरेंसिक साइंस, बीए इन फॉरेंसिक इंवेस्टिगेशन, बीए इन साइकोलॉजी इत्यादि में से किसी कोर्स का चयन कर सकते हैं। इसके बाद आप एमएससी इन फॉरेंसिक साइंस, एमएससी इन डिजिटल फॉरेंसिस ऐंड इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी में स्नातकोत्तर भी कर सकते हैं। आप फॉरेंसिक एक्सपर्ट के रूप में देश के साथ विदेश में कहीं भी जॉब कर सकते हैं।
पीसीबी और मैथ्स वाले छात्रों के लिए विकल्प
पीसीबी और मैथ्स से बारहवीं करने वाले छात्र बायोइन्फॉर्मेटिक्स/कंप्यूटेशनल बायोलॉजी कर सकते हैं। कंप्यूटेशनल बायोलॉजी जीव विज्ञान डेटा का विश्लेषण और व्याख्या करने, जटिल जीवविज्ञान, प्रोटिओमिक्स, और सिस्टम्स बायोलॉजी जैसे क्षेत्रों में खोज करने के लिए कंप्यूटेशनल टूल और तकनीकों का उपयोग करने में शामिल करनी होती है।
सस्टेनेबिलिटी का क्षेत्र
एक उभरता हुआ कॅरियर क्षेत्र पर्यावरण विज्ञान है। इसमें सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए मनुष्यों और पर्यावरण के बीच जटिल अंतःक्रियाओं का अध्ययन भी शामिल है। पृथ्वी और पर्यावरण विज्ञान आईआईएसईआर भोपाल बीएस-एमएस डुअल डिग्री भूविज्ञान और पर्यावरण विज्ञान में प्रदान करते हैं।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।