भविष्य को उड़ान देती कानून की राहें      Publish Date : 04/06/2025

              भविष्य को उड़ान देती कानून की राहें

                                                                                                                                                          प्रोफेसर आर. एस. सेगर

आर्थिक गतिविधियों के विकास और डिजिटल दौर के बाद से वकालत का क्षेत्र लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके परिणाम स्वरूप निजी क्षेत्रों में भी रोजगार के विभिन्न नए अवसर भी सृजित हुए हैं।

आज के समय में कोई भी क्षेत्र कानून से अछूता नहीं है। सामान्य जीवन को गतिविधियों से लेकर औद्योगिक, साइबर, प्रशासनिक जैसी हर गतिविधि के क्षेत्रों में कानून के जानकारों की आवश्यकता पड़ती है और यह एक महत्वपूर्ण पक्ष है, जिसकी जानकारी योजनाओं के स्तर पर जरूरी होता है। नए दौर में कानून के जानकारों के लिए कॉरपोरेट वर्क कल्चर भी एक अवसर के रूप मे सामने आया है। इसीलिए युवाओं के लिए यह एक स्थायित्व और विकास की संभावनाओं से भरा करियर साबित हो सकता है।

कानून के पाठ्यक्रमों में क्रिमिनल लॉ, कॉरपोरेट लॉ. बौद्धिक सम्पदा तथा पेटेंट कानून, साइबर लॉ, फैमिली लॉ, बैंकिग लॉ और टैक्स लॉ आदि इस क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा होते हैं। इसमें प्रवेश पाने के लिए एलएलबी की डिग्री प्राप्त के बाद वकालत करने के लिए स्टेट बार कॉउन्सिल में एनरोल कराने की आवश्यकता होती है।

हमारे कॅरियर विशेषज्ञ प्रोफेसर आर. एस. सेंगर कहते है, ‘‘यह. एक हाई प्रोफाइल और सुपर स्पेशियलाइन्ड फील्ड है। हर क्षेत्र में शामिल होने के कारण हम इसे न्यू इमर्जिंग फील्ड भी कह सकते हैं। यह एक ऐसा क्षेत्र है. जहां गवर्नमेंट और प्राइवेट, दोनों ही सेक्टर्स में अच्छे अवसर उपलब्ध हैं। यह कठिन जॉब और हाई पेइंग करियर है। इसमें पढ़ने की आदत होने के साथ, प्रेजेंटेशन स्किल्स, संवाद की कुशलता होना भी बहुत जरूरी होता है।’’

परीक्षा एवं कोर्स प्रवेश

भारत में लॉ कोर्सेज में प्रवेश लेने के लिए सत्र के दौरान प्रवेश परीक्षा देनी होती है। इनमें से क्लैट (सीएलएटी), एआईएलईटी, एलसैट इंडिया (एलएसएटी) आदि प्रमुख हैं।

बैचलर डिग्री कोर्सेजः वेचलर ऑफ लॉ (एलएलबी) कोर्स के विकल्प उपलब्ध हैं। 3 वर्ष की अवधि का एलएलबी कोर्स, ग्रेजुएशन डिग्री के बाद कर सकते हैं। अंडोजुएट छात्रों के लिए 5 वर्ष की अवधि का इंटीग्रेटेड कोर्स (बीएएलएलबी) उपलब्ध है। इंटीग्रेटेड कोर्स में बीए, बीबीए जैसे ग्रेजुएट प्रोग्राम्स एलएलबी डिग्री के साथ शामिल होते हैं।

मॉस्टर कोर्सेजः मॉस्टर ऑफ लॉ यानी एलएलएम एक वर्ष या अधिक वर्षों की अवधि का हो सकता है। इसके लिए मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से कम से कम 50 प्रतिशत अंकों के साथ एलएलबी की डिग्री होनी चाहिए। हालांकि वर्तमान में लॉ के कई डिप्लोमा कोर्स भी उपलब्ध हैं।

कहां मिलेगा काम

                                                            

सरकारी मौकेः बार-कॉउसिल की परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद आप सरकार और उसके विभिन्न विभागों के लिए केस लड़ सकते हैं। लॉ करने के बाद आप बतौर एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में अपनी प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं, शुरुआती दौर में किसी सीनियर एडवोकेट के अधीन प्रैक्टिस कर सकते हैं। अपनी रुचि के अनुसार आप अपनी वकालत का क्षेत्र चुन सकते हैं। इनमें सिविल, टैक्स, क्रिमिंगल, कॉरपोरेट मामले आदि शामिल हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार और केंद्र सरकार समय-समय पर जुडिशल सर्विस और सिविल सर्विस की परीक्षा आयोजित करती हैं, इसमें सफल होकर आप कोर्ट में जज तथा अन्य ऊंचे पदों पर कार्य कर सकते हैं।

जुडिशल क्लर्क-शिप या लॉ क्लर्क, अथवा जज के सहायक के तौर पर भी कार्य कर सकते हैं, या जज को विधि संबंधी या केस से सम्बंधित अनुसंधान में सहायक का कार्य करते हैं। जुडिशल कलर्कशिप की परीक्षा पास करने के बाद आप इस पद पर सेवा कर सकते हैं।

निजी क्षेत्रः में बड़े औद्योगिक घरानों और लॉ फर्म्स में आवसायिक समस्याओं और अन्य न्यामिक समाधान के लिए लीगल एनालिस्ट की आवस्यकता होती है। एक लीगल एनालिस्ट के वार्षिक पैकेज की शुरुआत प्रति वर्ष से 10 लाख रुपये वेतन से होती है। स्टार्टअप्स और सोशल वर्क से संबंधित संगठनों में भी कानून के जानकारों की आवश्यकता होती है। हालांकि बाप इस क्षेत्र में शिक्षण कार्य भी कर सकते हैं। इसके अलावा विदेश से लॉ की डिग्री आपके लिए वैश्विक अवसर उपलब्ध कराती है।

लीगल जर्नलिस्टः मीडिया हाउसेस में लीगल, क्राइम व कोर्ट की खबरें कवर करने के लिए भी लॉ के छात्रों की मांग बनी रहती है।

लीगल ऐंडवाइजरः बहुत से उद्योगपति, कंपनियां, नेता तथा संस्थाएं न्यायिक अड़चनों के समाधान हेतु अपने यहां लीगल ऐंडवाइजर को नियुक्त करते हैं।

सैलरी

अगर आपने टॉप लॉ संस्थान से कोर्स किया है, तो एक अच्छी लॉ फर्म में शुरुआती पैकेज 10 लाख रुपये प्रति वर्ष तक का पैकेज आसानी से मिल जाता है। अनुभव और योग्यता के आधार पर आग 80 हजार रुपये प्रतिमाह तक वेतन भी प्राप्त कर सकते हैं।

प्रमुख संस्थान

  • नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बेगलुरु।
  • गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, गांधी नगर।
  • सिंख्येसिस सोसायटीज लॉ कॉलेज, पुणे।
  • नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, जोधपुर।
  • नाल्सर यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ, हैदराबाद।
  • फैकल्टी ऑफ लॉ, यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली।
  • नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी, भोपाल।
  • बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी।
  • नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ गारिविकत साइसेज, कोलकाता।
  • अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ उत्तर प्रदेश।
  • गुरु गोबिंद सिंह इंग्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, दिल्ली, आदि के अलावा अन्य बहुत सी यूनिवर्सिटीज एलएलबी और एलएलएम के साथ ही डिप्लोमा कोर्सेज ऑफर करती हैं।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।