इंटर्नशिप का उचित लाभ प्राप्त करना भी सीखें      Publish Date : 10/05/2025

        इंटर्नशिप का उचित लाभ प्राप्त करना भी सीखें

                                                                                                                                                           प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

इंटर्नशिप के दौरान आपका ध्यान संचार व टीम वर्क जैसे कौशल बढ़ाने और योजनाबद्ध ढंग से सीखने पर केन्द्रित होना चाहिए।

इंटर्नशिप का मतलब है सीखने और काम करने का मिश्रण है। इसलिए इंटर्नशिप एक मूल्यवान शिक्षण अनुभव होना चाहिए, लेकिन कभी-कभी ऐसा नहीं होता है। कई बार इंटर्न को इंटर्नशिप के दौरान ऐसे उबाऊ और अप्रासंगिक कार्य करने पड़ते हैं, जिनका उनकी पढ़ाई या कॅरिअर से कोई सरोकार नहीं होता है। इससे उनकी उस क्षेत्र में रुचि भी खत्म हो जाती है, जिसमें वे काम करना चाहते हैं। इंटर्न का कार्यकाल आमतौर पर छोटा, अधिकार सीमित और संसाधनों तक उनकी पहुंच कम होती है।

ऐसे में उनके लिए काम करना थोड़ा कठिन होता है। साथ ही, मार्गदर्शन की कमी भी तनाव का कारण बन सकती है, जो उनके सीखने और नौकरी पाने के मौकों को कम कर सकती है। ऐसे में अगर आप भी इंटर्नशिप कर रहे हैं या करने की सोच रहे हैं, तो इसे कॅरिअर के लिहाज से उपयोगी बनाने के लिए आपको कुछ संरचित, सहायक और समावेशी रणनीतियां बनानी होंगी।

सीखने के हों स्पष्ट लक्ष्य

                                             

सीखने के लिए आपको नए ज्ञान और कौशल हासिल करने का प्रयास करते रहना होगा। सीखने के लक्ष्यों में विशिष्ट कार्य शामिल होते हैं, जिन्हें इंटर्न से करने की अपेक्षा की जाती है। इंटर्नशिप के दौरान आपका ध्यान तकनीकी ज्ञान, संचार व टीम वर्क जैसे कौशल विकसित करने पर ही होना चाहिए। आप इन्हें संकाय सलाहकारों, अन्य सहयोगी और नियोक्ताओं के सहयोग से भी विकसित कर सकते हैं। इससे आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि इंटर्नशिप के दौरान आपको अपना ध्यान कहां केंद्रित करना है और अपने कौशल को कैसे निखारना है? ऐसा करके आप इंटर्नशिप अनुभव का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।

चरण दर चरण सीखें

इंटर्न सबसे बेहतर तरीके से तब सीखते हैं, जब वह आसान काम से शुरुआत करके धीरे-धीरे चुनौतीपूर्ण कामों की ओर बढ़ते हैं। इसलिए आपको भी इंटर्नशिप के दौरान ऐसा ही करना चाहिए। फिर धीरे-धीरे उनमें ऐसे बदलाव लाएं, जिनसे आपको लाभ हो। इससे आपको आत्मविश्वास और धीरे-धीरे अपनी समझ बढ़ाने में मदद मिलती है। उन असाइनमेंट से भी लाभ होता है, जिनकी समय-सीमा निर्धारित होती है।

खुलकर बात करें

इंटर्न और उनके मेंटर के बीच खुला व स्पष्ट संचार होना बेहद जरूरी है। चाहे इंटर्नशिप व्यक्तिगत हो या ऑनलाइन, एक प्रभावी संचार रणनीति बेहद कारगर होती है। इसमें बैठकों के जरिये प्रगति की समीक्षा करने, नए कार्यों और विचारों पर चर्चा करने तथा इंटर्न को अपनी चिंताओं को व्यक्त करने का अवसर मिलता है।

सही सलाहकार का चयन

इंटर्नशिप की कामयाबी काफी हद तक मेटरशिप पर निर्भर करती है। इसलिए आपको इंटर्नशिप के दौरान सही मेंटर या सलाहकार का चयन करना चाहिए। इससे आपको कार्यस्थल पर समान पृष्ठभूमि वाले लोगों से मिलने का मौका मिलेगा, जिससे पेशेवर और मनोवैज्ञानिक रूप से लाभ होता है। आपको अपनेपन की भावना को बढ़ाने के लिए सहकर्मी परामर्श और लगातार सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल होते रहना चाहिए।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।