क्या आपको मेंटर की जरूरत है      Publish Date : 09/05/2025

                  क्या आपको मेंटर की जरूरत है

                                                                                                                                            प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

माइक्रो-मेंटरशिप की मदद से आप तब भी बेहतर मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं, जब आपके पास कॅरिअर संबंधी सही राय देने वाला गुरु न हो।

एक अच्छा मेंटर आपके लिए, खासकर कॅरिअर के शुरुआती पड़ाव पर, बेहद जरूरी होता है। कभी-कभी ऐसा मार्गदर्शक ढूंढ़ना काफी मुश्किल हो जाता है, जिसके पास आपको सही सलाह देने के लिए समय और रुचि हो। इस वजह से कई लोगों को सही और सटीक मार्गदर्शन नहीं मिल पाता है। हालांकि, मॅटरशिप के लिए आपके पास ऐसे विकल्प भी मौजूद होते हैं, जिन्हें आप जाने-अनजाने में अनदेखा कर देते हैं। ये छिपे हुए विकल्प आपके शिक्षक, दोस्त या माता-पिता हो सकते हैं।

इनसे मिलने वाले मार्गदर्शन को ‘माइक्रो-मेंटरशिप’ कहा जाता है। इसका मतलब है कि एक ही मेंटर पर निर्भर रहने के बजाय अलग-अलग लोगों से सलाह लेना। इसके जरिये, आप तब भी मेटरशिप का लाभ उठा सकते हैं, जब आपके पास सही सलाह देने वाला कोई गुरु न हो।

छिपे हुए मेंटर को तलाशें

                                          

कई बार आपको यह एहसास ही नहीं हो पाता कि आपके आसपास पहले से ही अच्छी सलाह देने वाले लोग मौजूद हैं। इन पर ध्यान देने के बजाय आप ऐसे पेशेवरों को तवज्जो देते हैं, जो काफी मशहूर होते हैं। ये छिपे हुए मेंटर प्रोफेसर, पूर्व शिक्षण सहायक, पारिवारिक मित्र, पिछली इंटर्नशिप के सहकर्मी या दूर के परिचित हो सकते हैं। ये आपको अच्छी नसीहत दे सकते हैं, क्योंकि वे आपकी रुचियों, खूबियों और कमियों को अच्छी तरह से जानते हैं। उनसे राय-मशविरा कतई न करें, जो आपको नहीं जानते और न ही सही सलाह देने के लिए उनके पास वक्त है।

क्राउडसोर्स सलाह मांगे

                                                     

अपने कॅरिअर के लिए अहम फैसले लेते वक्त किसी एक इन्सान के फैसले पर निर्भर रहना ठीक नहीं है। इसलिए अपने लिए लोगों का एक समूह बनाएं। आप एक क्राउडसोर्स बनाने के लिए लिंक्डइन पर उन लोगों के सथ भी जुड़ सकते हैं, जो आपके ही क्षेत्र या विषय की जानकारी रखते हों। फिर आप उनसे सहजता से सलाह और उनका मार्गदर्शन मांग सकते हैं।

अपने मन की भी सुने

आपको किसी अनुभवी व्यक्ति की बात पर भरोसा करने के साथ-साथ अपने अंतर्मन की बात भी सुननी चाहिए। इसके लिए आपको अपने अंदर ऐसी क्षमता विकसित करनी होगी, जिससे आप यह समझ सकें कि आपके लिए क्या सही है और क्या नहीं। आत्म-मूल्यांकन आपको एक ऐसी भूमिका को चुनने में मदद कर सकता है, जिसमें शुरुआती स्तर पर वेतन भले ही कम हो, लेकिन भविष्य में उसके अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।

डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और चैटबॉट

आप डिजिटल तकनीक के माध्यम से ऐसे लोगों से भी सलाह ले सकते हैं, जिनके विचार आपको बहुत पसंद हैं या जो आपके रोल मॉडल हैं। ‘आस्क मी एनीथिंग’ सेशन में से ऐसे लोगों से जुड़कर उनसे अपने सवाल पूछ सकते हैं। आप अपने सवालों के प्रभावी जवाब जानने के लिए चैटजीपीटी जैसे चैटबॉट की भी मदद प्राप्त कर सकते हैं।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।