केमिकल टेस्टिंग के क्षेत्र में संवारें अपना करियर      Publish Date : 04/04/2025

         केमिकल टेस्टिंग के क्षेत्र में संवारें अपना करियर

                                                                                                                    प्रोफसर आर. एस. सेंगर

दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में विभिन्न मशहूर कंपनियों के द्वारा 80 रूपये प्रति किलाग्राम की दर से बेचे जा रहे गाय के दूध की चर्चा इन दिनों काफी गर्म है। देश नस्ल की गाय के इस दूध को विभिन्न पोषक तत्वों से भरपूर माना जाता है, जो सेहत के लिए भी काफी लाभकारी रहता है। इसी प्रकार दूध या दूध से बनने वाले अन्य उत्पादों जैसे पनीर, दही, छाछ, छेना, आइसक्रीम, मक्खन और घी आदि की आवश्यकता भी लगभग प्रत्येक घर में दैनिक आवश्यकता बनी रहती है।

आज के समय में दूध के इन उत्पादों को बनाने में केवल बड़ी कंपनियां ही शामिल नहीं हैं, बल्कि अन्य कइ्र छोटे-बड़े उद्यम शहरों अथवा ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे उत्पाद बना रहे हैं, जिसके लिए उन्हें कुशल कारीगरों के साथ ही पेशेवरों की आवश्यकता रहती है, जो कि उनके उत्पादों की क्वालिटी को मेंटेन कर सकें। उनके द्वारा बनाए गए उत्पादों की केमिकल टेस्टिंग कर सकें, जिससे कि उनके द्वारा बनाए गए उत्पादों की क्वलिटी एश्योरेंस सुनिश्चित् किया जा सके। आनंद डेयरी और मदर डेयरी के जैसे बड़े दूध प्लांट्स में इस काम के लिए इनके प्रत्येक प्लांट में केमिस्ट नियुक्त होते हैं अन्यथा तो डेयरी टेक्नोलॉजिस्ट्स होते हैं, जो आने वाले दूध का सैंपल लेकर उसका पूरा एनालिसिस करते हैं।

                                              

वह लोग देखते हैं कि दूध में यूरिया, नाइट्रेट अथवा कोई अन्य केमिकल तो मिला हुआ नहीं है। कंपनियों में नियुक्त किए गए यह प्रोफेशनल्स हाईली क्वालिफाइड होते हैं। यह डेयरी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में डिगी अथवा डिप्लोमाधारी प्रोफेशनल्स होते हैं। चूँकि वर्तमान में ऐसे छोटे-छोटे उद्यमों/प्रतिष्ठानों की संख्या लगातार बढ़ रही है, इसके चलते डेयरी सेक्टर में भी विभिन्न रूपों में रोजगार के अवसरों का सृजन हो रहा है।

अपार अवसर है मौजूदः डेयरी सेक्टर में युवाओं के लिए विभिन्न प्रकार के रोजगार के अवसरों की भरपूर गुंजाइश है। डेयरी सेक्टर में युवा अपनी योग्यता और कुशलता के अनुसार डेयरी टेक्नोलॉजिस्ट, डेयरी इंजीनियर, डेयरी साइंटिस्ट, केमिकल टेस्टर से लेकर प्रोसेसिंग और मैन्युफैक्चरिंग आदि के जैसे क्षेत्रों में अपना करियर बना सकते हैं अथवा वह अपना स्वयं का कारोबार भी आरम्भ कर सकते हैं। दुग्ध उत्पादन, उच्च नस्ल के पशुओं का पालन और इससे सम्बन्धित अन्य उत्पादों से सम्बन्धित कारोबार भी आरम्भ किया जा सकता है।

स्वरोजगार के बेहतर अवसरः- डेयरी सेक्टर में वर्तमान समय में जॉब्स के अलावा स्व-रोजगार के भी असीम अवसर उपलब्ध हैं। ऐसे में तमाम आईआईटी के युवा भी इस क्षेत्र में अपना व्यवसाय आरम्भ कर रहे हैं। यह लोग अपना डेयरी प्लांट स्थापित कर वहां से उपभोक्ताओं को शुद्व दूध, शुद्व पनीर, दही और घी के जैसे अनेक उत्पाद उपलब्ध करा रहे हैं। कार्य के संचालन हेतु उनके पास स्वयं के गाय और भैंस आदि जानवर उपलब्ध होते हैं। उनके अपने वेटेरिनरी डॉक्टर्स उपलब्ध होते हैं जो दुधारू जानवरों के खानपान पर अपनी दृष्टि निरंतर बनाए रखते हैं।

दूध से बनने वाले उत्पाद सम्बन्धित ट्रेनिंग

दूध और इससे बनने वाले उपोत्पादों की बढ़ती हुई माँग को हुए युवा लघु स्तर पर अपना व्यवसाय आरम्भ कर सकते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि अपना कारोबार आरम्भ करने के लिए राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल में दो प्रकार का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। पहली ट्रेनिंग दूध और इससे बनाए जाने वाले उत्पाद/व्यंजन से सम्बन्धित है। यह पांच से सात दिवसीय प्रोग्राम है, जिसके अन्तर्गत ट्रेनी को खोया, पनीर और छेना के जैसे दुग्ध उत्पादों को सुरक्षित तरीके से किस प्रकार बनाया जाए के सम्बन्ध में प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।

इस प्रशिक्षण को प्राप्त कर युवा अपने शहर अथवा कस्बे में दूध से बने उत्पादों को तैयार करने में पूरी तरह से सक्षम हो जाते हैं। राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में दूध और दूध से बनाए जाने वाले उत्पाद/व्यंजन आदि को बनाने की कला के अतिरिक्त मिल्क टेस्टिंग तकनीक से सम्बन्धित प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है और यह प्रोग्राम भी पांच से सात दिवसीय ही होता है। इस प्रोग्राम के माध्यम से लोग छोटे स्तर पर दूध और दूध बने उत्पादों को बनाने और मिल्क टेस्टिंग में कुशलता प्राप्त कर लेते हैं।

                                                

अभी तक इन प्रोग्रामों के प्रशिक्षण हेतु किसी भी प्रकार की विशेष योग्यता की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसे में कोई भी अभिलाषी व्यक्ति उक्त संस्थान से इस ट्रेनिंग को प्राप्त कर सकता है। हालांकि, संस्थान के द्वारा समय-समय पर आयोजित किए जाने वाले इस प्रोग्राम के लिए पहले रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है।

वेटेरिनरी डॉक्टर्स सुनिश्चित करते हैं कि जानवरों को कौन सी दवाएं दी जाए जिससे कि उनके दूध में एंटीबायोटिक दवाओं का प्रभाव न दिखें। इसी प्रकार से तमाम युवा राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल से पांच दिवसीय अथवा सात दिवसीय ट्रेनिंग प्राप्त कर वैज्ञानिक तरीके से दुग्ध उत्पाद बनाने के क्षेत्र में लगातार आ रहे हैं।   

ट्रेनिंग हेतु देश के कुछ प्रमुख संस्थान

नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट, करनाल, हरियाणा।

http://ndri.res.in

बनारस हिंदु यूनिवर्सिटी, वाराणसी।

https://bhu.ac.in

इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली।

www.ignou.ac.in

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।