
एक्टिव लर्निंग नए कौशलों को सिखाने में होती है कारगर Publish Date : 08/08/2024
एक्टिव लर्निंग नए कौशलों को सिखाने में होती है कारगर
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
किसी भी परीक्षा की तैयारी विद्यार्थियों को एक्टिव लर्निंग के साथ करनी चाहिए, लेकिन अक्सर पढ़ाई के दौरान विद्यार्थियों को एक्टिव रखना ही सबसे बड़ी चुनौती होती है जिससे उनकी सीखने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। यदि आप अपने पढ़ने के तरीकों में बदलाव लाना चाहते हैं और आप चाहते हैं कि सभी विषयों को ध्यानपूर्वक पढ़ा जाए, तो आप विभिन्न तकनीक को आदि के जरिए पढ़ने की प्रक्रिया को आसान बनाने के साथ-साथ उसे प्रभावित भी बना सकते हैं।
आखिर एक्टिव लर्निंग क्या है
एक्टिव लर्निंग एक शिक्षक रणनीति है, जो छात्रों को चर्चा करने, जांच करने और कुछ नया करके अपने सीखने के कौशल को बढ़ाने में अति सहायक होती है। इस प्रक्रिया में छात्र नए कौशल का अभ्यास समस्याओं का समाधान जटिल प्रश्नों पर विचार और निर्णय लेने की अपनी क्षमता का विकास करने के साथ-साथ लेखन और चर्चा के माध्यम से अपने विचारों को शब्दों के जरिए व्यक्त कर सकते हैं। इससे छात्रों को न केवल विषय वस्तु की गहरी समझ विकसित करने में मदद मिलती है बल्कि जो वह सीख रहे होते हैं, उसके साथ व्यक्तिगत संबंध बनाकर कक्षा को और अधिक रोचक भी बना सकते हैं।
अपनी सॉफ्ट स्किल का करें विकास
एक्टिव लर्निंग से सीखे गए कौशल छात्रों को एक सफल पेशावर के रूप में तैयार करते हैं। यह छात्रों को उनके द्वारा चुने हुए उद्योग का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने और शाफ्ट स्किल जैसे डेटा एनालिटिक्स के लिए, पाइथन कोडिंग के लिए और गिटहब आदि के विकास की अनुमति देता है।
कैसे बढ़ाएं एक्टिव लर्निंग के द्वारा अपनी सक्रियता
एक्टिव लर्निंग छात्र के दिमाग को हमेशा व्यस्त रखता है, जिससे उन्हें हमेशा नई-नई चीजों के बारे में जानकारी मिलती रहती है। इस प्रक्रिया में छात्र चुपचाप बैठने के स्थान पर इसकी प्रत्येक गतिविधि में सक्रिय रूप से शामिल होते हैं। रियल टाइम कम्युनिकेशन का प्रयोग अन्य छात्रों के साथ कर सकते हैं, जिससे वह मौखिक रूप से अपनी प्रतिक्रियाएं भी दे सकें।
क्लास लेने का तरीका बदले
छात्रों को ऐसी कक्षाओं को अधिक महत्व देना चाहिए, जिसका उन्हें पहले से ही पता हो कि इसमें किस विषय पर चर्चा होने वाली है, ताकि वह पहले से ही नए टॉपिक या विषय के बारे में जानकारी लेकर आए। किसी भी विषय को लंबे समय तक याद रखना एक मुश्किल काम होता है इसलिए केवल थ्योरी पर ही निर्भर ना रहे, बल्कि अपनी पढ़ाई को आकर्षित बनाने के लिए नए-नए प्रयोगों की मदद भी लेते रहें।
पढ़ने के बाद उसे दोहराएं अवश्य
अपने पाठ्यक्रम से संबंधित जो कुछ भी आपने नया सीखा है, यदि आप उसे लगातार दोहराते नहीं है तो आपके सीखने का कोई फायदा आपको नहीं होता है। एक्टिव लर्निंग के लिए पाठ्यक्रम को नियमित रूप से दोहराते रहने की आवश्यकता होती है और जो कुछ भी नया आपने पढ़ा या लिखा है, उसे लंबे समय तक याद रखने के लिए ग्राफ, मानचित्रण, फ्लैश कार्ड आदि का भी उपयोग कर सकते हैं।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।