
हमारे जीवन रिश्तों की अहमियत Publish Date : 13/10/2025
हमारे जीवन रिश्तों की अहमियत
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
’रिश्तों में जब किसी दूसरे के प्रति दिल में वहम, दिमाग में ज़िद और बातों में मुकाबला आ जाए, तो समझ लीजिए कि रिश्तों की हार निश्चित ही है। वो रिश्ता ज्यादा चलने वाला नहीं है। ’कभी ना सोचे कि मेरे बिना किसी का काम नहीं होगा, यह संसार है यहां तो ताश का पत्ता गुम होने पर लोग, जोकर को भी बादशाह बना देते हैं।
’दिमाग को खूब पढ़ाना चाहिए लेकिन दिल को हमेशा अनपढ़ ही रखना लाभकारी रहता है, ताकि यह भावनाओं को समझने में हिसाब किताब ना करे। ’यदि आप हर सुबह नींद खुलते ही किसी लक्ष्य को लेकर उत्साहित नहीं हैं, तो आप जी नहीं रहे सिर्फ जीवन काट रहे हैं, इसलिए एक लक्ष्य ऐसा निर्धारित करें जो आपको सुबह बिस्तर से उठने पर मजबूर कर दे। ’ध्यान रखना बिना लक्ष्य के जीवन, बिना पता उस लिखें लिफाफे के समान है, जो कभी भी अपनी मंज़िल तक नहीं पहुंच सकता।’
जिसका मन मस्त है उसके पास समस्त है।
जिसकी मस्ती जिंदा है उसकी हस्ती जिंदा है।
खुश रहो,
प्यार से रहो,
मजबूत बनो,
चिंता मत करो,
खुद से प्यार करो,
जीवन बहुत सुंदर है,
जो होना है वह तो हो कर ही रहेगा इसलिए,
जीवन के हर मोड़ का आनंद लो,
वन्देमातरम, जय हिंद, जय भारत।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।