आपका अटैचमेंट स्टाइल      Publish Date : 21/07/2025

                          आपका अटैचमेंट स्टाइल

                                                                                                                                                        सरिता सेंगर एवं शीतल शर्मा

आप किसी भी रिश्ते में तब तक आगे नहीं बढ़ सकती, जब तक कि पूरी तरह से उससे जुड़ न जाएं। यह जुड़ाव ही हमारे रिश्तों को मजबूती देता है, लेकिन यह जुड़ाव सकारात्मक ही हो, ऐसा होना भी कोई जरूरी नहीं। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि आप अपने अटैचमेंट स्टाइल को अच्छी तरह से समझें।

हम सभी लोग अपने जीवन में किसी न किसी के साथ गहरे संबंध बनाते हैं। माता-पिता, जीवन-साथी, दोस्त या साथी आदि। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आप इन रिश्तों में कैसे पेश आती हैं? कभी आप किसी रिश्ते से बहुत अधिक जुड़ जाती हैं, तो किसी रिश्ते में बहुत दूर हो जाती हैं तो कभी-कभी बीच में ही झूलती रहती हैं। असल में, इन सभी अनुभवों की जड़ में होता है- आपका अटैचमेंट स्टाइल, जिसके बारे में आपको पता होना ही चाहिए, ताकि रिश्ते में जिस बदलाव की जरूरत हो, उसे पहचानकर अमल में लाया जा सके।

पहले जानेंः असल में आपका अटैचमेंट स्टाइल वह मनोवैज्ञानिक ढांचा है, जो यह तय करता है कि आप दूसरों लोगों के साथ भावनात्मक रूप से किस प्रकार से जुड़ पाती हैं। यह शैली आपके बचपन के अनुभवों, खासकर माता-पिता या देखभाल करने वालों के साथ रिश्ते के आधार पर बनती है, जो मुख्य रूप से चार प्रकार की होती है-

सिक्योर (सुरक्षित): अगर बचपन में आपको स्नेह, सुरक्षा और स्थिरता मिली है तो आपका अटैचमेंट स्टाइल सिक्योर हो सकता है। आप आत्मविश्वासी, भावनात्मक रूप से संतुलित और भरोसेमंद हो सकती हैं। साथ ही आप दोस्तों, साथी और परिवार वालों से संवाद करना पसंद करती हैं और खुद की सीमाओं को भी अच्छी तरह से समझती हैं। यह अटैचमेंट स्टाइल रिश्तों में स्थिरता लेकर आता है।

एंग्जायस (चिंतित): अगर आपका अटैचमेंटस्टाइल एंग्जायस है तो आप अत्यधिक जुड़ाव और भावनात्मक सुरक्षा की तलाश में रहती होंगी। आपको अक्सर यह डर लगा रहता होगा कि आपका साथी आपको छोड़ देगा। इस कारण आप जुड़ाव की भावना से दूर, जरूरतमंद और अत्यधिक भावुक भी हो सकती हैं।

अवॉइडेंट (त्याग): अगर आप अवसर अपने करीबियों से भावनात्मक दूरी बनाए रखती हैं, क्योंकि आपको रिश्तों की नजदीकियों से डर लगता है तो हो सकता है कि आप अवॉइडेंट अटैचमेंट की स्थिति में हों। ऐसे में आपके लिए अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त करना मुश्किल होता है, जिससे आप दूसरों से जुड़ने में थेड़ा असहज महसूस कर सकती हैं। इस कारण आप अपने आपको अक्सर अकेला महसूस करती हैं। हालांकि, बावजूद इसके आप फिर भी खुश रहने का पूरा प्रयास करती हैं।

डिसऑर्गनाइज्ड (अव्यवस्थित): अगर आपका अटेचमेंट स्टाइल यह है तो आप अपने रिश्तों में उलझन महसूस करती होंगी। आपकी भावनाएं अधिकतर अस्थिर बनी रहती हैं यानी कि आप कभी किसी के बहुत करीब आ जाती हैं तो कभी उससे अचानक दूरी भी बना लेती हैं। असल में, यह अटैचमेंट स्टाइल अक्सर उनमें देखा जाता है, जिन्होंने बचपन में गहरे ट्रॉमा, हिंसा या अस्थिर वातावरण का सामना किया हो। यह रिश्तों में भ्रम और अनिश्चितता पैदा करता है, जिस कारण आपका साथी भावनात्मक रूप से अपने आपको असुरक्षित महसूस करता है।

जानना क्यों जरूरी हैः अपने अटैचमेंट स्टाइल को जानने से आप पहचान पाती हैं कि आप अपने रिश्तों में बार-बार एक ही गलती को क्यों दोहराती हैं। उदाहरण के लिए, अगर आप बार-बार भावनात्मक रूप से अनुपलब्ध पार्टनर की ओर आकर्षित होती हैं तो आप एंग्जायस अटैचमेंट स्टाइल में हैं।

पहचान कर खुद पर काम करें

अपने अटैचमेंट स्टाइल को जानना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि यह हमारे रिश्तों में व्यवहार, भावनात्मक प्रतिक्रियाओं और संबंधों की गहराई को अत्यधिक प्रभावित करता है। अटैचमेंट स्टाइल हमारे बचपन के अनुभवों से विकसित होता है और यह तय करता है कि हम दूसरों पर कितना भरोसा करते हैं, अपनी भावनाएं कैसे व्यक्त करते हैं और मुश्किल समय में किस तरह काउंसलर पैटर्न की समझ विकसित होती है।

यदि रिलेशनशिप हमें अपने अटैचमेंट स्टाइल को समझते है तो हम अपनी कमजोरियों, डर और प्रतिक्रिया के तरीकों को बेहतर तरीके से पहचान सकते हैं। इससे हम रिश्तों में अधिक समझदारी, सहानुभूति और संतुलन बना पाते हैं। असुरक्षित अटैचमेंट स्टाइल को पहचान कर हम खुद पर काम कर सकते है, जिससे स्वस्थ और स्थायी रिश्ते दोनों ही अच्छे बनते हैं।

लेखकः सरिता सेंगर, एक जानी मानी सोशल वर्कर हैं।