मौत के बाद आत्मा के साथ कुछ ऐसा होता है      Publish Date : 25/04/2025

             मौत के बाद आत्मा के साथ कुछ ऐसा होता है

                                                                                                                        प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

इंसान ने अगर पृथ्वी पर अच्छे कर्म किए है तो उसे बार-बार के जीवन से मुक्ति मिल जाती है और उसको मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। पुराणों में कहा गया है कि मरने के बाद इंसान यदि स्वर्ग जाता है तो उसकी आत्मा को सभी प्रकार के सुख दिए जाते हैं। जबकि अगर कोई इंसान पृथ्वी पर रहते हुए बुरे कर्म करता है तो उसको नर्क में भेजा जाता है, और वहां पर उसके साथ उसके कर्मों के अनुसार ही उसे यातनाएं मिलती है। इसलिए हमे अपने जीवन में बुरे कर्मों से दूर रहने का प्रयास करना चाहिए। पुराणों के अनुसार बुरे कर्म करने वाले लोगों की आत्माओं को कुछ इस प्रकार की यातनाएं दी जाती हैं-

                                     

कुंभीपाकः ऐसे व्यक्ति जो पशु-पक्षियों को मारकर खाते हैं। यमदूत ऐसी आत्माओं को दण्ड़ तेल में उबालकर देते हैं।

सारमेयादनः पराए धन को लूटने वाले और भ्रष्टाचारियों की आत्माओं को नर्क के विचित्र प्राणी काट-काट कर खाते है।

रौरव: जो व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के प्रति हिंसा करते हैं, वे रौरव नामक भयंकर जीव बनकर घोर नर्क में पड़ते हैं।

अपः पानः मदिरापान करने वाले लोगों को इस नर्क में भेजा जाता है, जहां उसके मुंह में गर्म लोहे की सलाखों से छेद किया जाता है।

वैतरणीः यदि कोई धर्म का पालन नहीं करता है। तो उसकी आत्मा को रक्त, गर्म, नख, मांस से भरी नदी में फेंक दिया जाता है।

                                        

तामिस्रः जो व्यक्ति दूसरों के धन, स्त्री और पुत्र का अपहरण करता है, उस दुरात्मा को तामिस्र नामक नरक की यातनाएं सहनी पड़ती है। इसमें यमदूत उन आत्माओं को अनेक प्रकार के कष्ट देते हैं।

शाल्मलीः जो व्यक्ति व्यभिचार करता है, उसे शाल्मली नामक नरक में गिराकर उसकी आत्मा को लोहे के कांटों के बीच पीसा जाता है। इस तरह उसे अपने कर्मों का फल भोगना पड़ता है।

तप्ससूर्मिः जो व्यक्ति किसी दूसरे की स्त्री के साथ समागम करता है, उसे तप्ससूर्मि यातना दी जाती है इसमे उस व्यक्ति की आत्मा को कोड़े से पीटकर गर्म लोहे के स्तंभों से आलिंगन करवाया जाता है।

सूचीमुखः सदा धन-संग्रह करते रहने और दूसरों की उन्नति से ईर्ष्या रखने वालों को इस नर्क में यमराज के द्वारा भेजा जाता है। जहां ऐसे व्यक्तियों की आत्मा को सुई से वस्त्रों की तरह सिल दिया जाता हैं।

अतः हम सभी को अपने जीवन में सदैव ही अच्छे एवं शुभकर्म करने चाहिए, जिससे कि हमारी आत्मा को नरक की घोर यातनाओं से बचाया जा सके।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।