
बर्फ का ‘गरम’ घर Publish Date : 23/03/2025
बर्फ का ‘गरम’ घर
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 रेशु चौधरी
अभी तक आपने केवल बर्फ के घर ‘इग्लू’ के बारे में ही सुना होगा और इसे देखकर मन में सवाल भी आया होगा कि यह घर पिघलता क्यों नहीं है? और इसके अंदर लोग कैसे रहते होंगे? क्या उन्हें ठंड नहीं लगती होगी आदि।
कैटिक धरती पर इन्सानों की सबसे ठंडी बस्ती है। यहां पर कई महीनों तक लगातार बर्फ जमी रहती है और सूरज नहीं निकलता है। इस सर्द वातावरण में जीवित रहने के लिए लोग बर्फ के घर बनाते हैं, जिन्हें ‘‘इग्लू’’ कहते हैं और इनमें घरों में रहने वाले लोगों को ‘‘इनुइट’’ कहा जाता है। कनाडा, अलास्का, ग्रीनलैंड और साइबेरिया देश आर्कटिक का हिस्सा हैं। इग्लू के अंदर बाहर की तुलना में अधिक गर्माहट रहती है। ये स्थायी और अस्थायी, दो प्रकार के होते हैं। स्थायी इग्लू पूरी शीत ऋतु तक बने रहते हैं, जबकि अस्थायी एक या दो दिन के लिए ही होते हैं।
इग्लू की इंजीनियरिंगः बर्फ से घर बनाना और उसमें कई महीनों तक रहना सभी को चौंकाता है, तो इसके अंदर की गर्माहट को जानने से पहले इसकी बनावट को समझ लेते हैं। इग्लू निर्माण में ठोस बर्फ का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए पहले बर्फ को संपीड़ित कर ईंट बनाई जाती है। ईंटों को घुमावदार रखा जाता है, जिससे यह गुंबदाकार आकार में आसानी से जुड़ सकें। यह आकार तेज बर्फीली हवाओं से बचाता है। साथ ही अगर गर्मी बढ़ने पर बर्फ पिघलती है, तो तनाव गुंबद के केंद्र पर न होकर बाहर की तरफ आ जाता है। इससे इग्लू झुकता या टूटता नहीं है। ईंटों के बीच के छेद को बर्फ से भर दिया जाता है, जिससे हवा अंदर न जाने पाए। हवा से बचाव के लिए प्रवेश द्वार को छोटा रखा जाता है और अंदर जाने का रास्ता सीधा न होकर कम से कम एक समकोण पर होता है। आग से निकलने वाले धुएं को बाहर निकलने के लिए गुंबद के ऊपरी भाग में एक छोटा छिद्र छोड़ दिया जाता है।
इग्लू की गर्माहट का विज्ञान: संपीड़ित बर्फ में अद्भुत इन्सुलेटिंग गुण होते हैं। यह ठोस दिखाई देती है, लेकिन वास्तव में यह हवा के छोटे-छोटे पॉकेट से भरी होती है। 95 प्रतिशत बर्फ के क्रिस्टल के अंदर हवा भरी होती है, जो कि अच्छे से फैल नहीं पाती है। इससे गर्म हवा वहां फंसकर ही रह जाती है। बाहर से जो भारी ठंडी हवा आती है, वह फर्श पर जमा हो जाती है। इसका ज्यादातर हिस्सा गेट के पास ही होता है। गर्म हवा हल्की होती है और स्वाभाविक रूप से ऊपर उठती है। इसमें लोग रहने और सोने के लिए इन्हीं गर्म हवा वाले स्थानों का प्रयोग करते हैं।
इसके चलते बाहर का तापमान माइनस 50 डिग्री फॉरेनहाइट होने पर भी अंदर 19 से 61 डिग्री फॉरेनहाइट रहता है। कभी-कभी तो बाहर की तुलना में अंदर का तापमान 70 डिग्री फॉरेनहाइट अधिक होता है। बर्फ की तापीय चालकता कम होती है, जो इग्लू की गर्मी को आसपास के वातावरण में स्थानांतरित होने से रोकती है और यह एक प्रभावी इन्सुलेटर के रूप में कार्य करती है। इस प्रकार इग्लू पूर्णतया विज्ञान पर आधारित बर्फ के बने घर होते हैं।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।