
एमएसई-स्पाइस योजना का उद्देश्य Publish Date : 17/10/2025
एमएसई-स्पाइस योजना का उद्देश्य
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं अन्य
इस योजना का उद्देश्य माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSES) को सर्कुलर इकोनॉमी को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह योजना विशेष रूप से प्लास्टिक, रबर और इलेक्ट्रॉनिक्स अपशिष्ट प्रबंधन जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित है। यह पुनर्चक्रण, पुनः उपयोग और उत्तरदायी उपभोग को बढ़ावा देती है। इसका लक्ष्य सतत विकास को बढ़ावा देना और MSES को अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणीय मानकों का पालन सुनिश्चित कराने में सहायता प्रदान करना है।
एमएसई गिफ्ट (GIFT-ग्रीन इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंसिंग फॉर ट्रांसफॉर्मेशन) योजनाः यह योजना माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज (MSEs) के बीच सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है। इस योजना के अंतर्गत एमएसई को हरित तकनीकों और सतत प्रथाओं को अपनाने हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जैसे कि नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत, ऊर्जा-कुशल मशीनरी और कचरा प्रबंधन प्रणाली।
अन्य केंद्रीय मंत्रालयों की योजनाएं तकनीकी उन्नयन के लिए सहयोग
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय
कॉमन रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट हब (CRTDH) योजनाः इस योजना का उद्देश्य सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों (MSES) द्वारा अनुसंधान और तकनीकी विकास गतिविधियों को बढ़ावा देने हेतु कॉमन रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट हब (CRTDHs) की स्थापना करना है। ये हब MSES को नए या उन्नत उत्पाद/प्रक्रिया विकास और कौशल संवर्धन गतिविधिया करने में सहायता प्रदान करते हैं। सहभागी संस्थान MSES को हँड्स-ऑन प्रशिक्षण, स्किल डेवलपमेंट और शोध सूचना सुविधाएं प्रदान करते हैं।
व्यक्तिगत, स्टार्टअप्स और एमएसएमई के नवाचारों को बढ़ावा देना (PRISM योजना): DSIR-PRISM योजना का उद्देश्य व्यक्तिगत नवप्रवर्तकों का समर्थन करना है, जिससे समावेशी विकास के एजेंडा को पूरा किया जा सकें। यह योजना उन संस्थानों या संगठनों को भी सहायता प्रदान करेगी, जो किसी विशिष्ट अधिनियम के तहत स्वायत्त संगठन के रूप में स्थापित हैं या सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन अधिनियम, 1860 या भारतीय ट्रस्ट अधिनियम, 1882 के तहत पंजीकृत हैं। इसका उद्देश्य एमएसएमई क्लस्टर्स की सहायता के लिए अत्याधुनिक नई तकनीक के समाधान विकसित करना है।
रक्षा मंत्रालय टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड (TDF) TDF योजना का उद्देश्य रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है और यह 'मेक इन इंडिया' पहल का हिस्सा है। यह DRDO द्वारा संचालित एक योजना है, जो त्रि-सेनाओं, रक्षा उत्पादन और DRDO की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार की गई है। यह योजना सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों विशेषकर एमएसएमई की भागीदारी को प्रोत्साहित करती है, ताकि रक्षा क्षेत्र के लिए अत्याधुनिक तकनीकी क्षमताओं को विकसित किया जा सके।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय
इंडिया एआई मिशनः
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा शुरू किया गया इंडिया एआई मिशन, भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में वैश्विक नेता बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। इस मिशन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि AI के लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुँच सकें। यह मिशन नवाचार, अनुसंधान, और AI प्रौद्योगिकियों के विकास पर ध्यान केंद्रित करता है, और नैतिक और जिम्मेदार AI प्रथाओं को प्राथमिकता दी जाती है।
भारी उद्योग मंत्रालय
C414 लैब सेंटर फॉर इंडस्ट्री 4.0: SAMARTH उद्योग पहल के तहत भारी उद्योग विभाग द्वारा शुरू की गई C414 लैब का उद्देश्य भारतीय विनिर्माण क्षेत्र में उद्योग 4.0 प्रौद्योगिकियोंका प्रचार करना है। यह केंद्र उद्योग में इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), साइबर-फिजिकल सिस्टम और स्मार्ट विनिर्माण जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए प्रशिक्षण और जागरूकता बढ़ाने का कार्य करता है।
संभावित समाधान
यह प्रस्तावित समाधान एमएसएमई क्षेत्र के लिए तकनीकी उन्नयन समर्थन कार्यक्रमों, सामान्य सुविधाओं के निर्माण, नवाचार को बढ़ावा देने, ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के विकास, औद्योगिक अनुसंधान, डिजाइन और मानकीकरण के साथ एक समग्र और केंद्रित दृष्टिकोण प्रदान करने के उद्देश्य से तैयार किए गए हैं। ये समाधान छह प्रमुख स्तंभों के आधार पर लागू किए जाएंगे।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।