खपली गेहूं का आटा बिकता है बहुत महंगा      Publish Date : 12/10/2025

              खपली गेहूं का आटा बिकता है बहुत महंगा

                                                                                                                                      डॉ. आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 शालिनी गुप्ता                          

खपली गेहूं, जिसे एम्मर खपली गेहूं भी कहा जाता है, की खेती देशभर में जोर पकड़ रही है, जो किसानों को सामान्य गेहूं की तुलना में अधिक मुनाफा दिला सकती है। पूरी तरह से प्राकृतिक गेहूं की यह किस्म औषधीय गुणों से भरपूर है जो समग्र स्वास्थ्य में योगदान करती है।

पूरी तरह से प्राकृतिक गेहूं की यह किस्म औषधीय गुणों से भरपूर है ऐसे इस रबी सीजन में किसानों को खपली गेहूं की खेती सामान्य गेहूं की तुलना में कई गुना ज्यादा मुनाफा दिला सकता है। बिहार के बेगुसराय जिले जैसे क्षेत्रों में, खपली गेहूं की खेती बढ़ रही है, जिससे किसानों को आय के नए स्रोत मिल रहे हैं। गेहूं के इस प्रकार के प्रयोग से न केवल किसानों की आय में वृद्धि हुई है, बल्कि कुल उत्पादन में भी वृद्धि हुई है।

खपली गेहूं के आटे का बाजार मूल्य अधिक है, जिससे किसानों के लिए बढ़ा हुआ मुनाफा सुनिश्चित होता है। खापली गेहूं से प्राप्त उत्पादों की कीमतें प्रीमियम होती हैं, जिससे किसानों की वित्तीय स्थिरता बढ़ती है। बिहार में खपली गेहूं की बढ़ती खेती के साथ, किसान नए और लाभदायक रास्ते तलाश रहे हैं, कृषि परिदृश्य को नया आकार दे रहे हैं और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं।

12 से 16 हजार क्विंटल के बीच कीमत

                                                                

गेहूं की इस किस्म की सख्त और हल्के भूरे रंग की बाहरी परत अनाज को लंबे समय तक बचाती है। दस हजार साल पहले मध्य पूर्व काल में किसानों ने ही इस गेहूं के चीज को बचाया था। देश में इसके बीज पर कोई अध्ययन नहीं हुआ है, क्योंकि यह रासायनिक दवा नहीं है। हेल्दी है। वर्तमान में आम गेहूं का मूल्य प्रति क्विंटल 2500 रुपये है, लेकिन इस गेहूं का मूल्य 12000-16000 रुपये है।

खपली गेहूं औषधीय गुणों से भरपूर

खपली गेहूं फाइबर, वसा और प्रोटीन से भरा हुआ है। सामान्य गेहूं की तुलना में इसमें कम आवरन और कैल्शियम है। फाइबर से भरपूर इसका आटा आपको वजन कम करने में मदद करेगा। खपली गेहूं का आटा लाल रंग का है और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स है, जो शरीर से चीनी को धीमी करने में मदद करता है, जो सामान्य गेहूं से अलग है। मधुमेह के रोगियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद, इस गेहूं का सेवन रक्त शर्करा के स्तर को विनियमित करने में सहायता करता है। इसके अलावा, इसकी समृद्ध पॉलीफेनोल सामग्री विभिन्न अन्य बीमारियों को रोकने में योगदान देती है।

मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद

रक्त शर्करा को नियंत्रित करने के कारण यह मधुमेह रोगियों के लिए एक अच्छा विकल्प है। यह भीपॉलीफेनोल्स से भरपूर है, जो कैंसर, हृदय रोगों और न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों को कम करने में मदद करते हैं। यह आम गेहूं की तरह है इस्तेमाल किया जाता है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।