
अक्टूबर के महीने में भी हो सकती है मानसून की अधिक बारिश Publish Date : 02/10/2025
अक्टूबर के महीने में भी हो सकती है मानसून की अधिक बारिश
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि इस साल देश ने सफल मानसून देखा है जो कि कई वर्षों के बाद देखने को मिला है। मानसून के दौरान बादल फटने, भूस्खलन व बाढ़ जैसी आपदाएं भी देखने को मिली है। देश के पूर्वी और उत्तर पूर्वी में क्षेत्र में सामान्य से 20 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है। इन क्षेत्रों में 1367.3 एमएम बारिश को समान माना जाता है, जबकि इस बार केवल 1089.9 एमएम बारिश रिकार्ड की गई है।
बिहार, अरुणाचल प्रदेश, और मेघालय में काफी कम बारिश दर्ज की गई है। महापात्र ने बताया कि वर्ष 1901 के बाद से ऐसा दूसरी बार हुआ है कि जब इस क्षेत्र में इतनी कम बारिश दर्ज की गई है। इससे पहले वर्ष 2013 के मानसून सीजन में 1065.7 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई थी। महापात्र ने बताया कि पिछले 20 साल से पूर्वी और उत्तर पूर्वी राज्यों में बारिश की मात्रा कम देखी जा रही है, लेकिन साल 2020 के बाद से ही इस क्षेत्र में यह गिरावट दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि साल 2001 में इस क्षेत्र में सबसे अधिक बारिश हुई थी, जो कि वर्ष 1901 के बाद से छठी बार हुआ था। उन्होंने उत्तर पश्चिम भारत में मानसून के आसार पर बात करते हुए बताया कि जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर में इस क्षेत्र में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है।
इस बार मौसम के दौरान प्रत्येक माह की बारिश में काफी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। यह सब जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहा है। मौसम विभाग के अनुसार इस साल सामान्य से 8% अधिक बारिश रिकार्ड की गई है। देश में 868.6 एमएम बारिश को सामान्य माना जाता है जबकि इस साल 937.02 मिली मीटर बारिश रिकार्ड की गई है। इसकी वजह से ही लोगों को बाढ़ व भूस्खलन के चलते आफत भी काफी झेलनी पड़ी है। कई प्रदेशों में तो बारिश इतनी अधिक हुई कि उसे काफी नुकसान भी हुआ है।
इसके अतिरिक्त बारिश के कारण लगभग 1500 लोगों की मौत भी हुई है। इसमें 935 लोगों की बाढ़ और भारी बारिश से जबकि 570 लोगों की मौत बज्रपात से भी हुई है।
अक्टूबर में हो सकती है अधिक बारिश
मौसम विभाग के द्वारा लगाए गए अनुमान के अनुसार अक्टूबर में सामान्य से 15 प्रतिशत अधिक बारिश होने का अनुमान लगाया जा रहा है। साथ ही इस दौरान पूर्वी, उत्तर पूर्वी और उत्तर पश्चिमी भारत में अधिकतम तापमान भी सामान्य से अधिक रह सकता है और बारिश का यह क्रम मानसून सीजन के उपरांत दिसंबर तक भी बना रह सकता है। उत्तर पश्चिमी हिस्से को छोड़कर अन्य राज्यों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।
दक्षिण भारत के तमिलनाडु तटीय आंध्र प्रदेश रॉयल सीमा केरल और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में दुर्गावती औसत 112 प्रतिशत से अधिक बारिश होने की संभावना है। वर्ष 1971 से 2020 के दौरान अक्टूबर से दिसंबर आबादी में बारिश का पैमाना 334.13 मिमी रहा है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।