गमले की मिट्टी तैयार करने की वैज्ञानिक विधि      Publish Date : 15/09/2025

             गमले की मिट्टी तैयार करने की वैज्ञानिक विधि

                                                                                                                                                                                  प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
नए या कम अनुभवी बागवान अक्सर मुझसे पूछते हैं कि गमले की मिट्टी कैसे तैयार करें। दरअसल, अलग-अलग मिट्टियों लाल, काली और दोमट/भूरी की अपनी-अपनी विशेषताएँ होती हैं, और इनमें पौधे अलग गति से बढ़ते हैं। यही कारण है कि गमले में मिट्टी का मिश्रण भी थोड़ा-थोड़ा बदलना पड़ता है। नीचे मैं प्रत्येक प्रकार की मिट्टी के लिए उचित अनुपात बता रहा हूँ।

                                                                 
1) लाल मिट्टी : लाल मिट्टी हल्की और जल्दी सूखने वाली होती है। इस मिट्टी में नमी धारण क्षमता कम होती है।

मिश्रण अनुपात:

* लाल मिट्टी – 40%
* कोकोपीट – 20%
* पत्तियों की खाद – 15%
* वर्मीकम्पोस्ट या गोबर की खाद – 15%
* नदी की रेत – 5 से 7% (मिट्टी में ढीलापन देने के लिए)
* नीम खली – 2 से 5% (कीट-नियंत्रण व पोषण)
* फफूंदनाशक (ट्राइकोडर्मा) – 1 चम्मच प्रति 5 किलो
* एप्सोम साल्ट – 1 चम्मच प्रति 5 किलो मिश्रण
2) काली मिट्टी : काली मिट्टी भारी व नमी रोकने वाली होती है, इसमें ड्रेनेज समस्या हो सकती है।

मिश्रण अनुपात:

* काली मिट्टी – 35%
* नदी की रेत – 20%
* कोकोपीट – 15%
* पत्तियों की खाद – 10%
* वर्मीकम्पोस्ट/गोबर खाद – 15%
* नीम खली – 2 से 5%
* फफूंदनाशक (ट्राइकोडर्मा) – 1 चम्मच प्रति 5 किलो
* एप्सोम साल्ट – 1 चम्मच प्रति 5 किलो
3) दोमट/भूरी मिट्टी : यह संतुलित मिट्टी मानी जाती है, इसमें हवा, पानी और पोषण का अनुपात अच्छा होता है।

मिश्रण अनुपात:

* दोमट मिट्टी – 40%
* कोकोपीट – 15%
* वर्मीकम्पोस्ट – 20%
* पत्तियों की खाद – 10%
* रेत – 10%
* नीम खली – 5%
* फफूंदनाशक (ट्राइकोडर्मा) – 1 चम्मच प्रति 5 किलो
* एप्सोम साल्ट – 1 चम्मच प्रति 5 किलो
4) पीली मिट्टी : पीली मिट्टी अक्सर कम उपजाऊ और भारी होती है, इसलिए इसमें हल्कापन और जैविक पदार्थ बढ़ाना ज़रूरी है।

मिश्रण अनुपात:

* पीली मिट्टी – 30%
* कोकोपीट – 20%
* पत्तियों की खाद (लीफ मोल्ड) – 15%
* वर्मीकम्पोस्ट/गोबर खाद – 20%
* नदी की रेत – 10%
* नीम खली – 5%
* फफूंदनाशक (ट्राइकोडर्मा) – 1 चम्मच प्रति 5 किलो
* एप्सोम साल्ट – 1 चम्मच प्रति 5 किलो

महत्वपूर्ण सुझाव

                                                                   

पॉटिंग मिक्स तैयार करने के बाद इसे 4–5 दिन खुला छोड़ें ताकि बनने वाला गैसें बाहर निकल जाएँ।
जरूरत हो तो इसमें बोनमिल या मछली खाद भी 1–2% मिलाई जा सकती है। 
रिपॉटिंग के बाद तुरंत खाद या एप्सोम साल्ट न डालें, कम से कम 15 दिन बाद डालें।
केवल पीली मिट्टी में पौधे जल्दी कमजोर हो जाते हैं। इसलिए इसे लाल या दोमट मिट्टी के साथ मिलाकर प्रयोग करना और भी अच्छा रहता है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।