प्रकृति का मौसम विज्ञानी पक्षी टिटहरी      Publish Date : 11/09/2025

                  प्रकृति का मौसम विज्ञानी पक्षी टिटहरी

                                                                                                                                                                    प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

मौसम का मिजाजः टिटहरी ने दिए चार अंडे, तो किसानों ने लगाया अनुमान कि 4 महीने अच्छी बारिश होगी-

इस बार बारिश में चार महीने तक इंद्रदेवता क्षेत्र में मेहरबान रहेंगे। प्रकृति ने तो ऐसे बहुत से संकेत दिए हैं। लेकिन इसे यदि पुरातन कथाओं को आधार पर माना जाए तो क्षेत्र में एक टिटहरी ने चार अंडे दिए हैं और चारों अंड़ों के मुंह नीचे की ओर हैं। यह संकेत देता है कि चार महीने तक अच्छी बारिश होगी। वहीं मौसम विशेषज्ञों के द्वारा भी अच्छी बारिश की सहमति जताई है। मौसम विभाग ने जून से मानसून की बारिश शुरू होने की संभावना व्यक्त की थी।

एक तरफ जहां ज्योतिषशास्त्री मौसम विज्ञान के आंकड़ों के आधार पर मौसम की भविष्यवाणी करते हैं। वहीं कई जीव-जंतु भी प्राकृतिक तरीके से भविष्य की सूचनाएं देने में पीछे नहीं रहते हैं। जैसे टिटहरी के अंडे। लोकमान्यता के अनुसार टिटहरी का अंडे देना बारिश के लिहाज से शुभ संकेत माना जाता है। ग्रामीण मानते हैं कि टिटहरी जितने अंडे देती है, उतने ही महीने ही बारिश होती है। गांव के कहते हैं कि टिटहरी का एक साथ चार अंडे देना चार महीनों तक बारिश का संकेत होता हैं। जितने अंडों की नोक जमीन की ओर होती है, उतने ही महीने बारिश होने की किवदंती प्रचलित है। बुजुर्ग ग्रामीण कहते हैं कि टिटहरी एक ऐसा पक्षी है जो कभी पेड़ या शाखा पर नहीं बैठता है। यह खेतों में रहता है। जब ज्यादा गर्मी होती है, तभी मादा टिटहरी खेतों की मिट्टी की तपन के बीच अंडे देती है। पुराने समय से किसान इन्हीं अंडों को देखकर संभावित बारिश की भविष्यवाणी पुराने समय से ही करते आ रहे हैं।

                                                                     

इसी अनुभव के आधार में खेती की तैयारी की जाती थी। सालों से किसान बारिश होने और नहीं होने का अंदाजा टिटहरी के अंडों से लगाते रहे हैं। वर्षा शुरू होने से पहले गर्मी में ही यह पक्षी अंडे देता हैं। जिससे किसान बारिश का अंदाजा लगा लेते हैं और यह अंदाजा काफी हद तक सटीक भी बैठता है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।