
शिक्षक दिवस, 05 सितम्बर 2025 पर विशेष Publish Date : 04/09/2025
शिक्षक दिवस, 05 सितम्बर 2025 पर विशेष
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 शालिनी गुप्ता
हमारे समाज में क्या ऐसा कोई व्यक्ति भी है जिसका कोई पसंदीदा शिक्षक न रहा हो? आपको ऐसा क्यों लगता है कि वह आपका पसंदीदा शिक्षक है? शिक्षक दिवस पर यह लेख एक शिक्षक की उन खूबियों पर प्रकाश डालता है, जो उसे बनाती हैं और उन कारणों पर भी प्रकाश डाललता कि क्यों शिक्षकों का हर दिन, और विशेषरूप शिक्षक दिवस पर, सम्मान, प्रेम और आदर किया जाना आवश्यक है। प्रस्तुत है आज के इस लेख में शिक्षक दिवस पर तमाम शिक्षकों को श्रद्वा पूर्वक नमन-
शिक्षक दिवस का इतिहास
दुनिया भर में शिक्षकों को आदिकाल से ही उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए सराहा जाता रहा है। उन्हें राष्ट्र निर्माता माना जाता है। वे पाँच-छह साल की उम्र से लेकर 18-20 साल की उम्र तक बच्चों की देखभाल करते हैं। जैसा कि कहा जाता है, किसी बच्चे के प्रारंभिक वर्ष ही यह तय करते हैं कि वह बड़ा होकर कैसा इंसान बनेगा, और यह अधिकतर शिक्षकों के हाथों में ही होता है।
शिक्षकों के समर्पण के लिए, उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त न करना गलत होगा। शिक्षकों की उपलब्धियों और सेवाओं की सराहना करने के लिए, यूनेस्को के द्वारा अक्टूबर 1994 में दुनिया भर में शिक्षक दिवस मनाने की परंपरा शुरू की गई। हालाँकि, भारत में, शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों के अनुकरणीय योगदान के लिए, विद्वान, शिक्षक और राजनीतिज्ञ डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान में, उनके जन्मदिन 5 सितंबर को प्रत्येक वर्ष शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
हमारे प्रिय शिक्षकों को याद करने का एक विशेष दिन
एक शिक्षक का प्रभाव किसी व्यक्ति पर कक्षा से परे भी होता है। शिक्षक अपने विद्यार्थियों को समझने और पूरे मन से उनकी सेवा करने के लिए अथक प्रयास करते हैं। वे अपने विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण में बहुत ध्यान देते हैं, जिससे उन्हें एक दयालु और सामाजिक रूप से ज़िम्मेदार व्यक्ति बनने में मदद मिलती है। शिक्षक दिवस हमारे लिए अपने प्रिय शिक्षकों को याद करने और हमारे जीवन में उनकी भूमिका के लिए उनके प्रति कृतज्ञ होने का अवसर प्रदान करता है।
शिक्षक वह आधारशिला है जिस पर समाज का निर्माण होता है। एक शिक्षक की ज़िम्मेदारी बहुत बड़ी होती है, क्योंकि वे बौद्धिक और रचनात्मक मस्तिष्कों को आकार देने का काम करते हैं जो आगे चलकर समाज का भविष्य बनते हैं। डॉ. राधाकृष्णन के अनुसार, ‘‘शिक्षकों को देश का सर्वश्रेष्ठ मस्तिष्क होना चाहिए।’’ उनके सम्मान में मनाया जाने वाला शिक्षक दिवस, हमें बौद्धिक और नैतिक मार्गदर्शन और समर्थन प्रदान करने के लिए हमारे शिक्षकों को याद करने, उनकी सराहना करने, और उन्हें धन्यवाद देने का दिन है।
चाहे हम कितने भी बड़े हो जाएँ, लेकिन कुछ शिक्षक ऐसे जरूर होते हैं जिनके साथ हम अपने जीवन में हुई प्रगति को साझा करना चाहते हैं। कुछ शिक्षक ऐसे होते हैं जो हमें हमारे माता-पिता से भी अधिक अच्छी तरह समझते और हम पर विश्वास करते हैं, कुछ ऐसे होते हैं जिनके पास हम कभी भी और कहीं भी नज़र पड़ते ही दौड़ पड़ते हैं और कुछ ऐसे होते हैं जो अद्भुत शिक्षक होने के साथ-साथ हमारे अच्छे दोस्त भी साबित होते हैं। शिक्षक दिवस इन शिक्षकों को यह बताने का एक अवसर है कि उन्होंने हमारे जीवन पर कितना प्रभाव डाला है।
कभी-कभी, यह बस एक और अवसर होता है; ज़रूरी नहीं कि आपको उनके निरंतर प्यार और समर्थन के लिए अपना आभार व्यक्त करने के लिए शिक्षक दिवस तक इंतज़ार करना पड़े।
शिक्षक दिवस शिक्षकों के लिए एक शिक्षक के रूप में अपनी भूमिका और जिम्मेदारियों पर पुनर्विचार करने का दिन हो सकता है, तथा छात्रों के लिए ऐसे शिक्षकों के महत्व को समझने का दिन हो सकता है जो वास्तव में उनकी परवाह करते हैं।
शिक्षक दिवस मनाते हुए
शैक्षणिक संस्थानों में हर साल मनाए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में से, शिक्षक दिवस को एक महत्वपूर्ण अवसर माना जाता है। यह पूरे शैक्षणिक वर्ष का एक ऐसा दिन होता है जब शिक्षकों को विशेष और मूल्यवान होने का अहसास कराया जाता है।
शिक्षक दिवस पर, छात्र सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं और शिक्षकों के लिए खेलकूद का आयोजन करते हैं। वहीं दूसरी ओर, संस्थान शिक्षकों की अमूल्य सेवा के लिए उनके सम्मान में विशेष दोपहर का भोजन, जलपान और स्मृति चिन्ह प्रदान किया जाता है। हर शिक्षक सम्मान का हकदार है, और शिक्षक दिवस जैसा दिन ऐसा करने का सबसे उपयुक्त अवसर होता है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।