ब्रांडवीर बन रहे किसान, खोल रहे खुद की कंपनी      Publish Date : 02/09/2025

               ब्रांडवीर बन रहे किसान, खोल रहे खुद की कंपनी

                                                                                                                                                                              प्रोफेसर आर. एस. सेगर एवं अन्य

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान फसलों को ब्रांड बनाने पर जोर दे रहे हैं, जिले में ऐसे 27 किसान मिले जो परंपरागत खेती करते हुए व्यवसायी भी बन गए। कृषि विभाग की मदद से किसानों ने अपनी कंपनी खोली। इन फसलों को पैक करके अपना ब्रांड देकर बाजारों में बेच रहे हैं जिससे उनकी आय चार गुना तक बढ़ गई है। कृषक उत्पादक कंपनी के तहत इन किसानों ने अपनी कंपनियों के पंजीकरण कराएं हैं। कृषि विभाग भी उत्पाद बेचने में किसानों की सहायता कर रहा है। कुछ उत्पाद माय स्टोर एप पर बेचे जा रहे हैं तो कुछ के लिए किसानों ने डिस्ट्रीब्यूटर भी बनाए हुए हैं।

कुछ इस तरह से यह किसान कर रहे कारोबारः किसान विनोद सैनी ने बताया कि उसने नीर आदर्श आर्गेनिक फार्मर प्रोड्यूसर लिमिटेड के नाम से कंपनी बनाई हुई है। वह वर्तमान में चावल, गेहूं, सरसों, मूंग, मसूर, उड़द और चना अपने खेतों में उगा रहा है। उसके साथ जुड़े 813 किसान भी यही फसलें उगा रहे हैं। इन फसलों को काटकर वह गेहूं को मशीन में पीसकर आटा बनाते हैं। दालों को भी मशीन में निकालकर दाल बनाते हैं। इसके बाद आटा, चावल, सरसो का तेल, दाल को पैक करते हैं। इन सभी की पैकिंग करके नीर नाम देकर बाजार में बेचा जा रहा है।

इसके अलावा इन किसानों ने भी बनाई अपनी कंपनी मनोज, अंशुल सहरन, जीवात्मा, विकास, शक्ति सिंह, लावण्या, बालकिशन, अनुज सिंह, सोनू शर्मा, विक्रांत तालियान, डिंपल, शेर सिंह, विनोद सिंह, मोनिका, आशु सिंह, कीर्तन सिंह के अलावा नौ अन्य किसानों ने किसान मल्टीप्रपज, माछरा कृषक विकास, रजपुरा कृषक विकास, परीक्षितगढ़ फार्मर प्रोड्यूसर, विकास फार्मर, जीवात्मा कृषक, रोहटा फार्मर, बहसूमा फार्मर, सीएससी मेरठ, कामधेनू लिमिटेड, खरखौदा फार्मर, लावन्या फार्मर, लावड वेजिटेबल, मंडोरा फ्लोरिकल्चर, मेरठ मिल्क प्रोड्यूसर, प्रथम पंक्ति, जालियानं फार्मर, यूपी स्टेट बायो एनर्जी आदि नाम से अपनी कंपनियां बनाई हुई है

15 लाख से लेकर ढाई करोड़ तक का है टर्नओवर

जिला कृषि अधिकारी राजीव कुमार सिंह ने बताया कि कंपनी बनाकर खुद के नाम से उत्पाद बेचने से किसानों की आय बढ़ी। अनुज सिंह नाम के किसान की कंपनी का टर्न ओवर ढाई करोड़ तक पहुंच गया है। अपनी कंपनी बनाने से बिचौलियों की भूमिका खत्म हो गई है। 2025-26 में इन कंपनियों की संख्या बढ़ाकर 100 से अधिक कर दी जाएगी।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।