आस्ट्रेलियन टीक (एमएचएटी 16) : 5 करोड़ तक की आमदनी      Publish Date : 18/07/2025

आस्ट्रेलियन टीक (एमएचएटी 16) : 5 करोड़ तक की आमदनी

                                                                                                                              प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 शालिनी गुप्ता

आमतौर पर दुनियाभर में अकंसिया बबूल की 1,200 से भी अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं। भारत में लगभग सभी जगह पाया जाने वाला बबूल भी इसी अकेसिया बबूल की एक प्रजाति है। पान में जिस कत्थे को हम खाते हैं, वह भी इसी की एक अन्य प्रजाति की लकड़ी से प्राप्त किया जाता है।

आज हम इस की एक विशेष प्रजाति की चर्चा कर रहे हैं, जिस का आस्ट्रेलिया और अन्य कई देशों में बहुत बड़े पैमाने पर व्यावसायिक रोपण किया गया है। इस से वहां के किसान भरपूर मुनाफा कमा रहे हैं। इसकी लकड़ी का ब्यापार जगत में सोकप्रिय नाम 'आस्ट्रेलियन टीक, बेहतरीन, खूबसूरत, टिकाऊ, बहुमूल्य लकड़ी के सभी प्रमुख गुणों जैसे कठोरता, घनत्व, मजबूती एवं लकड़ी में पाए जाने वाले रेशों के मापदंड पर इस की लकड़ी आजकल सागौन से कहीं भी उन्नीस नहीं बैठती। यही वजह है कि अल्पकाल में ही इस ने अपार लोकप्रियता हासिल कर ली है और लकड़ी के व्यापार में बहुत बड़ा मुकाम बना लिया है।

                                                        

भारत हर साल लगभग 40 लाख करोड़ रुपए की लकड़ी व नौनटिबरवुड आयात करता है बिहार में इस की खेती करने पर किसानों को न केवल बेहतरीन आमदनी होगी, बल्कि देश की बहुमूल्य विदेशी पैसे की बचत भी होगी।

यह तेजी से बढ़ने वाली एक प्रजाति है, जो न केवल उष्ण कटिबंधीय और उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करती है, बल्कि इस की लकड़ी का व्यापारिक मूल्य भी कहीं अधिक है।

हर्बल फार्म 2017 सेंटर पर पिछले 30 सालों में किए गए प्रयोगों से यह साफ हो गया है कि इस की बढ़वार, लंबाई और मोटाई दोनों ही मामलों में महोगनी, शीशम, मिलिया डुबिया, मालाबार नीम और टीक की अन्य प्रजातियों की तुलना में सर्वाधिक है। कई मामलों में तो इस की वृद्धि इन सब से दोगुनी तक पाई गई है। इस की विशेषता तेज वृद्धि, उच्च गुणवत्ता की लकड़ी और मिट्टी को समृद्ध करने की क्षमता में है।

वर्तमान में देश में उपलब्ध सब से तेजी से बढ़ने वाली और उच्चतम गुणवत्ता की लकड़ी उत्पादन देने वाली एकेसिया मंगियम की एकमात्र विकसित प्रजाति एमएचएटी 16 है। इसे 'मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म्स एवं रिसर्च सेंटर', कोंडागांव ने पिछले कई दशकों के प्रयास से विकसित किया है। यह न केवल बेहतर गुणवत्ता की लकड़ी उत्पादन देती है, बल्कि मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा भी बड़ी तेजी से बढ़ती है, जिससे यह एक टिकाऊ, लाभकारी व इकोफ्रेंडली विकल्प बन जाती है।

सही पौधे का चयन

एकेसिया मंगियम की सफलता सत्र से पहले इस बात पर निर्भर करती है कि कौन से पीधे चुने जाते हैं। इस प्रजाति में चयन करने की दिक्कत इसलिए बढ़ जाती है कि ज्यादातर प्रजातियों के पत्ते लगभग एकजैसे दिखाई देते हैं, लेकिन असली फर्क लकड़ी की गुणवत्ता में रहता है।

इस प्रजाति का पौधा तेजी से बढ़ता है। मजबूत जड़ प्रणाली के लिए यह प्रसिद्ध है पौधे की सेहत, उस की जड़ प्रणाली और तने की मोटाई जैसे कारकों को ध्यान में रखना चाहिए, उच्च शूट/रूट अनुपात वाले पौधे तेजी से बढ़ते हैं और विपरीत परिस्थितियों में भी जिंदा रहते हैं।

मुख्य बिंदु

  • पौधा रोगमुक्त और कीटमुक्त होना चाहिए।
  • अच्छी तरह से विकसित जड़ प्रणाली होनी चाहिए।
  • तना मजबूत और काष्ठीय होना चाहिए।

पौधों का रोपण

एकेसिया मंगियम एमएचएटी-16 के पौधों को 3 से 5 महीने की आयु के बाद रोपण के लिए तैयार किया जा सकता है। इस के पौधे पौलीवेग या रूट ट्रेनर्स में उगाए जाते हैं। यह वर्षों में रोपण के लिए सर्वोत्तम समय है। हालांकि सिचाई की सुविधा उपलब्ध हो, तो इसे सर्दी के मौसम में भी लगाया जा सकता है। जिस किसान के पास ड्रिप इरिगेशनकी सुविधा हो, तो वे इसे मध्य मार्च तक भी लगा सकते हैं।

मुख्य बिंदु

  • पौधों की ऊंचाई 25-40 सेंटीमीटर होनी चाहिए।
  • रोपण के लिए मानसून का समय आदर्श होता है।

कटिंग से पौधों का उत्पादन

एकेसिया मंगियम की इस विशेष प्रजाति के पौधे मुख्य रूप से स्टेम कटिंग के माध्यम से उगाए जाते हैं। एमएचएटी-16 प्रजाति की कटिंग से उगाए गए पौधे बड़ी तेजी से बढ़ते हैं और उन की जड़ प्रणाली मजबूत होती है। कटिंग्स को आईबीए के विशेष अनुपात के साथ उपचारित किया जाता है, ताकि जड़ें जल्दी विकसित हों।

मुख्य बिंदु

  • जड़ों के तीव्र गति से विकास के लिए वर्मी कंपोस्ट और साफसुथरी रेती का मिश्रण सब से उपयुक्त होता है.

सिंचाई

पौधों की वृद्धि की आवश्यकता: एकेसिया मंगियम एमएचएटी-16 के पौधों को नर्सरी अवस्था में तो नियमित नमी की जरूरत होती है। पौधों को हर दूसरे दिन पानी देना चाहिए, विशेषकर गरम मौसम में। इस से पौधों का विकास तेजी से होता है और उन के मुरझाने की संभावना कम होती है। खेतों में लगाने के बाद एक बार भलीभांति जड़ पकड़ लेने के बाद इसे कोई विशेष सिचाई की जरूरत नहीं होती। हालांकि सिंचाई करते रहने पर इस की वृद्धि दर में बहुत अच्छे नतीजे देखे गाए हैं।

मुख्य बिंदु

  • पौधों में जरूरत के मुताबिक सिंचाई करें।
  • गरम मौसम में पौधे की दशा को देखते हुए पानी की मात्रा और आवृत्ति तय करें।

ग्रेडिंग

एकेसिया मंगियम के पौधों की ग्रेडिंग से यह सुनिश्चित किया जाता है कि केवल उच्ब गुणवत्ता वाले पौधों का रोपण किया जाए. इस प्रजाति के पौधों की जड़ प्रणाली मजबूत होती है और तने की मोटाई अच्छी होती है, जो प्लांटेशन की सफलता को सुनिश्चित करती है।

मुख्य बिंदु

  • उच्च गुणवत्ता वाले पौधों का उपयोग प्लांटेशन की सफलता के लिए अनिवार्य है।
  • ग्रेडेड पौधों के रोपण से पौधे खेतों में बहुत कम मरते हैं और दोबारा रोपण की आवश्यकता कम होती है।

संभावित आर्थिक लाभ

                                                 

एमएचएटी-16 से प्राप्त लकड़ी उच्च गुणवत्ता की होती है। कई माने में यह आजकल मिलने वाली टीक की लकड़ी से भी बेहतर होती है। लगभग 10 साल बाद प्रत्येक पेड़ से औसतन 30-40 घन फुट लकड़ी प्राप्त की जा सकती है। इस की वर्तमान बाजार दर 1000-1500 प्रति घन फुट है। यदि एक एकड़ में लगाए गए 800 पेड़ों में से 600 पेड़ भी सफलतापूर्वक विकसित होते हैं, तो 10 सालों के बाद होने वाली कुल आय करोड़ों रुपए में हो सकती है।

अतिरिक्त आय

आस्ट्रेलियन टीक के पेड़ों पर काली मिर्च एमडीबीपी-16 की बेल चढ़ा कर 5 लाख से ले कर 15 लाख रुपया सालाना की अतिरिक्त आय ली जा सकती है। आस्ट्रेलियन टीक और काली मिर्च के अलावा वृक्षारोपण के बीच खाली पड़ी 50 फीसदी भूमि पर अंतर्वती फसल के रूप में औषधि और सुगंधीय पौधों की खेती से भी अतिरिक्त कमाई की जा सकती है। आस्ट्रेलियन टीक की यह प्रजाति काफी तेजी से बढ़ने वाली, टिकाऊ और अत्यधिक लाभदायक है, जो न केवल उच्च गुणवत्ता की लकड़ी प्रदान करती है, बल्कि सालभर में अपनी पत्तियों से लगभग 6 टन बेहतरीन हरी खाद भी मिलती है। इस के अलावा यह अपनी तरह का एकलौता पौधा है, जो वायुमंडल की नाइट्रोजन को ले कर धरती में इतनी ज्यादा मात्रा में नाइट्रोजन स्थिरीकरण करता है कि इसे जैविक नाइट्रोजन की फैक्टरी भी कहा जाता है। इस के रोपण से प्राप्त होने वाले आर्थिक लाभ और कम लागत ने आज इसे किसानों और निवेशकों के लिए एक आदर्श विकल्प बना दिया है। आस्ट्रेलियन टीक की विशेषताएं इसे अन्य किस्मों से बेहतर बनाती हैं, जिस से यह निवेश का सुनहरा अवसर देती है।

मुख्य लाभ

  • यह प्रजाति तेजी से बढ़ने वाली है।
  • उच्य गुणवत्ता वाली लकड़ी का उत्पादन।
  • नाइट्रोजन स्थिरीकरण से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार।
  • अंतर्वती फसलों से अतिरिक्त आय।
  • साल में इस के पन्नों से लगभग टन की बेहतरीन गुणवत्ता की हरी खाद का उत्पादन।
  • इस पेड़ पर काली मिर्च चढ़ाने पर इस से मिलने वाली नाइट्रोजन और पत्तों की हरी खाद के कारण काली मिर्च का उत्पादन कई गुना बढ़ गया है और इस से किसान की आमदनी में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।

एमएचएटी-16 प्लांटेशन को आर्थिक समृद्धि और पर्यावरणीय संरक्षण के दृष्टिकोण से एक आदर्श योजना माना जा सकता है। इस का सही प्रबंधन और देखभाल आप के निवेश को बड़े पैमाने पर लाभदायक बना सकता है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।