
असली फूल 24 घंटे तो नकली की लाइफ कम से कम एक साल Publish Date : 14/07/2025
असली फूल 24 घंटे तो नकली की लाइफ कम से कम एक साल
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं गरिमा शर्मा
आर्टिफिशियल फूलों का बढ़ा चलन, इच्छानुसार रंग और आकार में उपलब्ध हैं-
शादियों के सीजन में आर्टिफिशियल फूलों की डिमांड बढ़ जाती है। ऐसे में नकली फूलों का कारोबार भी एक नयां रंग ले रहा है। इनकी सबसे खास बात यह है कि यह दिखने में हुबहू असली फूलों की तरह होते हैं और इनकी लाइफ कम से कम एक साल होती है। व्यापारियों का कहना है कि मुख्य रूप से सजावट से संबंधित यह आइटम चीन से मंगाए जा रहे हैं। शादियों में कार सजाने, घर की सजावट और मंडप तैयार करने सहित अन्य साज-सज्जा के लिए इनका भरपूर उपयोग किया जा रहा है।
असली फूलों की तरह दाम अचानक नहीं बढ़ते
मानसरोवर निवासी व्यापारी विनय कुमार ने बताया कि पिछले पांच सालों मे आर्टिफिशियल फूलों का काम काफी बढ़ गया है। शादियों के सीजन में अमूमन गुलाब, चमेली व गेंदा के फूलों की मांग बढ़ जाती है, ऐसे में मांग को देखते हुए फूलों के दाम भी बढ़ जाते हैं। लेकिन, आर्टिफिशियल फूलों और सजावटी आइटम में ऐसा नहीं होता, मांग के मुताबिक आपूर्ति हो जाती है, तो इनकी कीमतें भी अचानक नहीं बढ़ती।
इच्छानुसार फूल और उनका साइज तय हो रहाः व्यापारियों ने बताया कि आर्टिफिशियल फूलों और सजावटी आइटम की सबसे अधिक खरीद इवेंट कारोबार से जुड़े लोग कर रहे हैं। इसके अलावा कुछ लोग सीधे तौर पर शादियों और घर में सजावट के लिए अपनी इच्छानुसार फूलों का चुनाव और उनका साइज तय कर ऑर्डर देकर इन्हें तैयार करवा रहे हैं।
इसलिए पसंद कर रहे लोग
- कई सालों तक एक जैसे बने रहते हैं, मुरझाते नहीं।
- इन्हें किसी तरह की देखभाल की आवश्यकता नहीं होती।
- इनका रंग, आकार समेत डिजाइन इच्छानुसार बदल सकते है।
- किसी भी मौसम में इनका उपयोग किया जा सकता है।
- एक बार खरीदने के बाद कृत्रिम फूल लंबे समय तक चलते हैं।
- प्राकृतिक फूलों की तुलना में किफायती होते हैं।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।