आईआईटीबीएचयू के वैज्ञानिकों ने बनाए नैनो पार्टिकल्स      Publish Date : 13/07/2025

  आईआईटीबीएचयू के वैज्ञानिकों ने बनाए नैनो पार्टिकल्स

                                                                                                                                                          डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

उत्तर प्रदेश के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी-बीएचयू के बायोमेडिकल इंजीनियरों ने एक खास तरह के नैनो पार्टिकल्स विकसित किए हैं। यह नैनीपार्टिकल खून के थक्के बनने से रोक सकते है और श्रीम्बोटिक विकारों (खून के धक्के जमने से होने वाली बीमारियां) का इलाज भी कर सकते हैं।

यह कम लागत वाले नैनो पार्टिकल्स बर को तरल अवस्था में रखने और चिकित्सा उपकरणों की दक्षता बढ़ाने में मददगार साबित हो सकते हैं।

वैज्ञानिकों की एक टीम ने नैनो पार्टिकल्स को बनाया, जिन्हें पोटेशियम फेरिक ऑक्सप्लेट नैनो पार्टिकल्स कहा जाता है। ये खून को जमने से रोकने में मदद करते हैं, जिसे एंटीकोगुलेशन गुण कहते हैं। इसका मतलब है कि वे खून को पतला बनाए रखने में सहायक हो सकते हैं ताकि वह रक्त वाहिकाओं में आसानी से बहे और कोई रुकावट न आए।

आईआईटी-बीएचयू के स्कूल ऑफ बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के शोधकर्ता सुदीप मुखर्जी ने बताया कि पार्टिकल्स पोर्ट शियम फेरिक ऑक्सर से बनाए गए हैं। पोटॅशियम रक्त वाहिकाओं और हृदय के लिए जरूरी होता है। शोध में पाया गया कि ये नैनो पार्टिकल्स रक्त को 48 घंटे तक तरल अवस्था में रख सकते हैं, जो बट के सुरक्षित कलेक्शन, जांच और ट्रांसफ्यूजन के लिए महत्वपूर्ण हैं।

शोधकर्ताओं ने चूहों पर किए गए प्रयोगों में इन नैनो पार्टिकल्स की सुरक्षा और प्रभावशीलता का गहन परीक्षण किया।

परिणामों से पता चला कि ये नैनो पार्टिकल्स रक वाहिकाओं में पतली बनने से रोकते हैं और चूहों में Thrombosis (रक्त जमाव) को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करते हैं। इसकी पुष्टि अल्ट्रासाउंड और पावर पिलर इमेज से हुई। ये नैनो पर्टिकल्स रक में मौजूद कैल्शियम आयनों से जुड़कर फाइछिन नामक प्रोटीन के बनने को रोकते हैं, जो रक्त के थक्के बनाने में मदद करता है।

शोध में यह भी पाया गया कि पर्टिकल से कोर कैचेटर (मेडिकल भीम को रक्त में रखने पर के अन से रुक गए और प्रोटीन का जमाव कम हुआ, जिससे रक्त प्रवाह बेहतर हुआ।

खास बातज यह है कि ये नैनी पार्टिकल्स पानी में आसानी में घुल जाते हैं और शरीर के वसा ऊतकों में जमा नहीं होते, जिसमें ये सुरक्षित और जैविक अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त हैं।

शोधकर्ताओं का कहना है कि ये नैनो पार्टिकल्स समय तक को रोकने और चिकित्सा उपकरणों की शक्ति को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।