
रिसर्च और स्किल युक्त शिक्षा से ही मिलेगा रोजगार Publish Date : 11/07/2025
रिसर्च और स्किल युक्त शिक्षा से ही मिलेगा रोजगार
संस्कृति विश्वविद्यालय के द्वारा 2000 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित और लगभग 3100 पेटेंट दाखिल किए। विवि में संचालित हैं 15 स्टार्टअप-
भारत सरकार द्वारा घोषित की गई नई शिक्षा नीति 2020 के मद्देनजर संस्कृति विश्वविद्यालय ने अपने कोर्स कैरिकुलम (पाठ्यक्रम) में आमूल-चूल परिवर्तन किए हैं। पाठ्यक्रमों को रोजगार से जोड़ा गया है। ऐसे पाठ्यक्रम तैयार किए गए हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर सकें। रिसर्च आधारित और कौशलयुक्त पाठ्यक्रम तैयार किए गए हैं। इसके साथ ही विभिन्न प्रकार के इंटर डिस्पलनरी कोर्सेज भी शामिल किए गए हैं।
संस्कृति विवि के कुलाधिपति, एसोचैम के वाइस चेयरमैन डॉ सचिन गुप्ता ने बताया कि उच्च शिक्षा में बड़े बदलाव की आवश्यकता बहुत दिनों से महसूस की जा रही थी। भारत के ऊर्जावान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इस पर गंभीरता बरतते हुए नई शिक्षा नीति घोषित की है। उच्च शिक्षा देने वाली संस्थाओं की जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने कोर्स कैरिकुलम को रि-डिजाइन कर स्किलफुल और इंटरप्रिन्योर विद्यार्थी तैयार करें।
हमने अपने विवि के पाठ्यक्रमों में बदलाव किए हैं। ये बदलाव नई शिक्षा नीति को देखकर और वर्तमान ग्लोबल मांग को देखते हुए किए गए हैं। भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत शिक्षण का ऐसा ढांचा बनाया है जिससे होकर गुजरने वाला विद्यार्थी न केवल ख्याति प्राप्त राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के मानकों पर खरा उतरते हुए सहजता से रोजगार पाएगा, साथ ही वह इस लायक बन सकेगा कि अपना रोजगार खड़ा कर सके।
उन्होंने कहा कि भारत बड़े अवसरों वाली भूमि है। यहां आज भी और आने वाले समय में विद्यार्थियों के लिए हर क्षेत्र में अनेक अवसर उपलब्ध होंगे।
कुलाधिपति ने अपने संदेश में कहा है कि संस्कृति विवि भविष्य का आकलन कर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में धीरे-धीरे मजबूत कदम रख रहा है। हम बड़ी-बड़ी कंपनियों से लगातार समझौते कर रहे हैं, ताकि विद्यार्थी अपने पाठ्यक्रम की पढ़ाई के दौरान ही रोजगार के प्रति निश्चिंत हो जाय। उसके पास नामचीन कंपनियों में सुनिश्चित साक्षात्कार के अवसर हों, ताकि वह अपने ज्ञान और कौशल का प्रदर्शन कर सके। जब वह पढ़ाई पूरी करे तो उसके पास कम से कम दो बड़ी कंपनियों के आफर लैटर हों। वैसे हमारी फैकल्टी इस बात के लिए भी विद्यार्थियों को प्रेरित करती है कि वे अपना रोजगार खड़ा कर सके, इसके लिए हमने इंडस्ट्री के साथ मिलकर नए पाठ्यक्रम तैयार किए हैं।
उन्होंने अपने संदेश में यह भी कहा कि हम अपने विश्वविद्यालय में शोध पर आधारित शिक्षा दे रहे हैं। तेजी से बदल रही दुनिया के लिए हर रोज हर क्षेत्र में शोध की आवश्यकता को नकारा नहीं जा सकता। तकनीकि के विकास के लिए शोध का कितना महत्व है यह हमारा देश जान चुका है। हमारी कोशिश है कि हम इस क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काम कर सकें। उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह देते हुए कहा कि उच्च शिक्षा के लिए वे बहुत सोच समझ कर विषय का चयन करें। अपनी रुचि और उद्देश्य को ध्यान में रखकर ही आगे की पढ़ाई करें, ताकि वे देश के लिए एक अच्छी प्रतिभा साबित हों।