
सीवर लाइन में जहरीली गैस व ओवरफ्लो की पहले ही मिल सकेगी सूचना Publish Date : 15/06/2025
सीवर लाइन में जहरीली गैस व ओवरफ्लो की पहले ही मिल सकेगी सूचना
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 रेशु चौधरी
पीएसआइटी ने विकसित की डिवाइस, स्मार्ट सिटी मिशन में कानपुर विकास प्राधिकरण करेगा इसका उपयोग।
तमाम तकनीकी कौशल के इस दौर में भी सीवर लाईन सफाई का काम जोखिमपूर्ण बना हुआ है। आयेदिन सफाई कर्मियों की मौत की खबर सामने आती रहती है। अब इसे रोकने के लिए इंफ्रासेंस नाम की एक डिवाइस विकसित की गई है, जोकि सीवर सफाई के कार्य में बेहद उपयोगी साबित होगी। यह डिवाइस सीवेज लाइन के ओवरफ्लो होने और सीवर के गहरे गड्ढों, लाइनों में खतरनाक गैसों का स्तर कितना जानलेवा है, इसकी जानकारी पहले से ही दे देगी। इससे सीवर सफाई के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को भी टाला जा सकेगा।
सीवर टैंक की सफाई के दौरान जहरीली गैस के कारण दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रणवीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी (पीएसआइटी) से बीटेक छात्र गौरव तिवारी और अंशिका सिंह ने इंफ्रासेंस नाम की डिवाइस तैयार की है। इंटरनेट आफ थिंग्स (आइओटी) और अन्य तकनीकों के प्रयोग से बनी इस डिवाइस का आकार मात्र दो सेमी है। इससे सीवर ओवर फ्लो को ट्रैक करेगा, खतरनाक गैसों के उत्सर्जन, तापमान और लोकेशन की सटीक जानकारी मिलेगी। यह सिस्टम सीवर प्लांट के अलावा केमिकल इंडस्ट्री, लेदर फैक्ट्रियों, बायोगैस प्लांट, आरओ ट्रीटमेंट प्लांट और हाउसिंग सोसाइटी के ड्रेनेज सिस्टम में उपयोगी साबित हो सकता है। डिवाइस की लागत मात्र पांच हजार रुपये है। इसे सीवर लाइन के पाइप के साथ लगाया जा सकेगा। जैसे ही सीवर लाइन में ओवर फ्लो की स्थिति बनेगी, यह डिवाइस इसकी तत्काल सूचना आप तक पहुंचा देगी।
डिवाइस के दो प्रारूपः इस डिवाइस का सबसे बड़ा लाभ मानव जीवन रक्षा के तौर पर मिलने वाला है और इस डिवाइस के दो प्रारूप होंगे। एक को सीवर लाइन के साथ फिक्स किया जा सकेगा जो निरंतर इसकी निगरानी करेगा। दूसरा प्रारूप ऐसा है, जिसे सीवर लाइन में सफाई के लिए उत्तरने वाले कर्मचारी अपने साथ ले जा सकेंगे। यह डिवाइस मोबाइल एप या कंप्यूटर से जुड़ सकेगी और उसी के जरिये अलर्ट भेजेगी।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।