
वर्षा ऋतु में मुर्गी-पालन हेतु उपयोगी टिप्स Publish Date : 08/06/2025
वर्षा ऋतु में मुर्गी-पालन हेतु उपयोगी टिप्स
डॉ0 डी. के. सिंह एवं अन्य
बरसात के मौसम में मुर्गी पालन कुछ चुनौतीपूर्ण कार्य हो जाता है, लेकिन यदि मुर्गीपालक थोड़ी सावधानी बरतें और सही तरीके से देखभाल करें तो मुर्गीपालक सम्भावित नुकसान से बच सकते है। बारिश के मौसम में किस प्रकार करें मुर्गियों की देखभाल, जिससे प्रोडक्शन बढ़े और नुकसान न हो, इसके बारे में हमारे विशेषज्ञ बता रहे हैं कुछ टिप्स-
मुर्गीपालक साफ-सफाई, सूखा वातावरण, मच्छरों से बचाव और सही खानपान आदि के जैसे छोटे-छोटे कुछ उपायों को अपनाकर अपने पोल्ट्री फार्म को सुरक्षित रख सकते हैं और इसके साथ ही वह अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं।
बरसात का मौसम अपने साथ विभिन्न प्रकार की परेशानियों को लेकर आता है। यह इंसान के साथ-साथ पशु-पक्षियों और अन्य जानवरों को भी इस मौसम में बीमारियों का शिकार अधिक बनाता है। विशेषरूप से यदि बात मुर्गियों करें तो इस मौसम में विभिन्न प्रकार के संक्रमण और बीमारियों के फैलने का खतरा मुर्गियों में अधिक होता है।
ऐसे में यदि आप पोल्ट्री फार्म का संचालन करते हैं या फिर अपने घर पर मुर्गी पालन करते हैं, तो इस मौसम में आपको कुछ विशेष प्रकार की सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है। आज के अपने इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको ऐसे ही कुछ बहुत आसान और कारगर टिप्स बताने जा रहे है, जिनकी सहायता से आप बरसात के मौसम में भी अपनी मुर्गियों को स्वस्थ और सुरक्षित रख सकते हैं तथा बीमारियों और उनके ऊपर होने वाले खर्च से बच सकते हैं।
साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की आवशकता
मुर्गियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए साफ और सूखा वातावरण बहुत आवश्यक होता है। बारिश के दौरान नमी की मात्रा काफी बढ़ जाती है जिससे बैक्टीरिया और फंगस आदि तेजी के साथ फैलते हैं। ऐसे में मुर्गियों के रहने की जगह यानी उनके बाड़े को प्रतिदिन आवश्यक रूप से साफ करते रहें और जहां तक संभव हो सके वहां की फर्श को सूखी बनाए रखें और फर्श पर गंदगी को जमा न होने दें।
मुर्गियों के चारे को नमी से बचकर रखें
बरसात में चारे (मिमक) में नमी आ जाना एक आम बात है, लेकिन यही नमी चारे को खराब कर सकती है। गीला चारा जल्दी खराब होता है और उसमें फंगस भी लग सकता है, जिसे खाकर मुर्गियां बीमार हो सकती हैं। इसलिए चारे को हमेशा सूखे और हवादार स्थान पर ही रखें, इसके लिए आप प्लास्टिक कंटेनर या एयरटाइट डिब्बों का उपयोग कर सकते हैं।
मच्छरों और मक्खियों तथा अन्य कीटों से सुरक्षा प्रदान करें
बरसात के मौसम में मच्छरों और मक्खियों के साथ ही अन्य कीटों की संख्या बढ़ जाती है। यह कीट विभिन्न संक्रामक रोगों के वाहक होते हैं, अतः इनसे बचाव के लिए मुर्गियों के बाड़े के चारों ओर मच्छरदानी या प्लास्टिक शीट अवश्य लगाएं। मुर्गियों के आसपास की नालियों और स्थानों पर पानी जमा होने से बचाव करें और ऐसे स्थानों की नियमित रूप से सफाई करते रहें।
बारिश के पानी को जमा न होने दें
बारिश का पानी अगर मुर्गियों के बाड़े या उसके आसपास इकट्ठा हो जाए तो वह कीड़े-मकोड़ों और परजीवियों के पनपने का कारण बन सकता है। इससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है। अतः आप प्रयास करें कि पानी की निकासी की उचित व्यवस्था बनी रहे और जमीन के गड्ढों को मिट्टी या रेत से भर दें, जिससे उनमें पानी का जमाव न होने पाए।
मुर्गियों को हमेशा सूखा और गर्म स्थान उपलब्ध कराएं
मुर्गियों को ठंडे और नम स्थान बिल्कुल पसंद नहीं आते हैं, ऐसे में बारिश के दौरान उन्हें किसी सूखे और गर्म स्थान पर ही रखें। ऐसे में यदि आवश्यक हो तो बाड़े में हीटर या बल्ब से हल्की गर्माहट बनाकर रखी जा सकती है।
मुर्गियों का नियमित टीकाकरण कराएं
बरसात के मौसम में मुर्गियों की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिससे वे जल्दी बीमार हो सकती हैं. इसलिए समय पर उनका टीकाकरण करवाएं. टीके मुर्गियों को वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं.
लेखकः डॉ0 डी. के. सिंह, पशु-चिकित्सा महाविद्यालय, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं।