
सीखने में शहर से ज्यादा समय खर्च कर रहे गांव के लोग Publish Date : 04/06/2025
सीखने में शहर से ज्यादा समय खर्च कर रहे गांव के लोग
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
हाल ही में किए गए एक देशव्यापी सर्वे के नतीजों में यह बात सामने आई है कि सीखने में शहर के लोगों की अपेक्षा गांव के लोग अधिक समय खर्च कर रहे हैं। वर्ष 2024 में शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों ने अपनी सीखने की गतिविधियों अर्थात् समय के उपयोग में अपना अधिक समय व्यतीत किया है। अपनी विभिन्न दैनिक गतिविधियों के लिए लोग अपना समय कैसे आवंटित करते हैं
उपरोक्त विषय पर आधारित सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से आयोजित सर्वेक्षण में मंत्रालय ने सीखने की गतिविधि को औपचारिक शिक्षा पर बिताए गए समय के रूप में परिभाषित किया है। इसमें स्कूल/विश्वविद्यालय में उपस्थिति, पाठ्येतर गतिविधियां, होमवर्क और अन्य चीजों को भी शामिल किया गया हैं। साथ ही इसमें सीखने से संबंधित यात्रा का समय भी शामिल है।
मंत्रालय की ओर से पहला टाइम सर्वे
सांख्यिकी व कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से आयोजित किया गया पहला सर्वेक्षण यूज सर्वे (टीयूएस) जनवरी-दिसंबर, 2019 के दौरान किया गया था, जबकि दूसरा सर्वेक्षण जनवरी-दिसंबर 2024 के बीच आयोजित किया गया। इस सर्वे में छह वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग वाले लोगों के लिए समय के उपयोग की जानकारी एकत्र की गई थी।
दूसरे संस्करण के सर्वे से पता चला है कि पिछले पांच वर्षों में महिलाओं ने पुरुषों के साथ सीखने की गतिविधियों पर बिताए जाने वाले समय के अंतर को कम कर दिया है। महिलाओं ने जहां सीखने की गतिविधियों में औसतन 84 मिनट का अपना समय व्यतीत किया, वहीं पुरुषों द्वारा इस प्रक्रिया में बिताया गया समय पिछले पांच वर्षों के भीतर 102 मिनट से घटकर 94 मिनट पर रह गया।
यहां उल्लेखनीय बात यह है कि वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2024 में शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में सीखने की गतिविधि पर बिताया गया समय भी कम हुआ है। सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2024 में शहरी क्षेत्रों में लोगों ने सीखने की गतिविधियों पर प्रतिदिन 87 मिनट खर्च किए, जबकि 2019 में उन्होंने 95 मिनट खर्च किए गए थे। इसी प्रकार, वर्ष 2024 में ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों ने 90 मिनट खर्च किए, जबकि वर्ष 2019 में यह आंकड़ा 92 मिनट का रहा था।
बहरहाल, मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत, आस्ट्रेलिया, जापान, कोरिया गणराज्य, न्यूजीलैंड, अमेरिका और चीन जैसे उन कुछ देशों में शामिल है जो राष्ट्रीय स्तर पर टाइम यूज सर्वे कराते हैं ताकि यह विश्लेषण किया जा सके कि लोग अपनी विभिन्न दैनिक गतिविधियों के लिए अपना समय किस प्रकार से आवंटित करते हैं।
सर्वेक्षण का प्राथमिक उद्देश्य वैतनिक और अवैतनिक गतिविधियों से जुड़े पुरुषों और महिलाओं की भागीदारी का पता लगाना था।
- सांख्यिकी व कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से आयोजित किया गया सर्वेक्षण।
- 84 मिनट का समय महिलाओं ने सीखने में व्यतीत किया, वहीं पुरुषों में यह पांच वर्षों में 102 मिनट से घटकर 94 रह गया है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।