इलायची के अलग-अलग चार रंग और चार अंदाज      Publish Date : 26/05/2025

      इलायची के अलग-अलग चार रंग और चार अंदाज

                                                                                                                                 सरिता सेंगर एवं शीतल शर्मा

कौन-कहां होगी कारगर?

छोटी-सी दिखने वाली इलायची में कितनी किस्में, खुशबुएं और स्वाद छुपे हैं, ये जानकर आप हैरान रह जाएंगे! ज्यादातर लोग सिर्फ हरी इलायची के बारे में ही जानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इलायची काली, सफेद और यहां तक कि लाल रंग की भी होती है और यह सब केवल रंग में ही नहीं, बल्कि स्वाद, खुशबू और उपयोग करने के तरीकों में भी एक-दूसरे से बिल्कुल अलग होती हैं।

लंदन में रामबुतान रेस्टोरेंट की शेफ और मालिक सिंथिया शनमुगलिंगम का कहना है कि इलायची मेरा सबसे पसंदीदा मसाला है, इसकी खुशबू मुझे बचपन की मिठाइयों की याद दिलाती है। इलायची हर तरह के खाने में काम आने वाली चीज है। यह नमकीन और तीखे खाने के स्वाद को भी बढ़ा देती है।

                                                 

इससे आप मीठा भी बना सकते हैं और मसालेदार भी, जैसे खीर में डालें या बिरयानी में, यह इन दोनों का ही स्वाद निखार देती है। इलायची की जड़ें दक्षिण भारत में हैं। यूं तो इलायची के कई रंग होते हैं, लेकिन सबसे आम हरी इलायची होती है। इसका उपयोग भी सबसे अधिक किया जाता है। काली इलायची स्वाद में बहुत तेज होती है। इसका नमकीन और मसालेदार खाने में उपयोग किया जाता है। वहीं लाल इलायची का उपयोग अधिकतर चाइनीज और एशियन किचन में किया जाता है।

सफेद इलायची भारत में आम नहीं है। यह हरी इलायची होती है, जिसे ब्लीच कर उसका रंग हल्का कर दिया जाता है। इंडियन किचन नाम की किताब की लेखिका रूपा गुलाटी कहती हैं कि कभी-कभी वे हरी और काली इलायची दोनों एक ही डिश में डालती हैं। इन दोनों का स्वाद भी बिलकुल अलग ही होता है।

अगर आप खुशबूदार चावल या खीर बना रहे हैं, तो उसमें काली इलायची नहीं डालनी चाहिए, क्योंकि उसकी तेज खुशबू बाकी सारे स्वादों को दबा देती है। इसका स्वाद तेज और स्मोकी जैसा होता है। यह हरी इलायची से कहीं ज्यादा तेज स्वाद वाली होती है। रूपा गुलाटी क्ताती हैं कि काली इलायची मीट करी, लैंब पुलाव, चावल के मसालेदार व्यंजन और गरम मसाले में बहुत अच्छी लगती है। इसका स्वाद ऐसा होता है जो डिश को एक मजबूत बेस देता है।

                                                   

कश्मीरी यखनी नाम की डिश में ढेर सारे मसाले होते हैं, लेकिन अगर आप उसमें दो काली इलायची और डाल दें, तो वो डिश का लेवल ही बढ़ा देती है। उनका कहना है कि काली इलायची को मीठे में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसे- खजूर जैसी गहरी मिठास वाली चीजों में। इसका स्मोकी फ्लेवर वहां भी अच्छा जाता है। लाल इलायची का स्वाद काली इलायची जैसा ही होता है।

लेकिन भारत में इसे आमतौर पर खाना पकाने में प्रयोग नहीं किया जाता। जरूरत पड़ने पर इसे काली इलायची की जगह प्रयोग करते हैं। हरी इलायची का स्वाद ताजा और थोड़ा नींबू जैसा होता है।

रूपा गुलाटी ने बताया कि वह हरी इलायची को केक बटर, मिठाइयों, और खीर आदि में डालती हैं। कभी-कभी वह दूध में हरी इलायची की फली डालकर धीरे-धीरे उसे उबालती हैं, ताकि उसकी खुशबू अच्छी तरह मिल जाए। वहीं ज्ञानमुगलिंगम कहती हैं कि वह श्रीलंकाई नारियल के कस्टर्ड पुडिंग वटालप्पम में हरी इलायची का उपयोग करती हैं। लेकिन साथ ही वह इसे पुलाव, बिरयानी, दाल और चिकन मैरिनेड में भी डालती हैं, क्योंकि इसका हल्का स्वाद कई चीजों के साथ अच्छा लगता है।

सफेद इलायची हरी इलायची से बनी होती है। इसे ब्लीच किया जाता है। इसका स्वाद बहुत हल्का होता है। इसे भी आप केक, खीर, मलाईदार मिठाइयों में डाल सकते हैं। उन्होंने बताया कि अगर आपको जोरदार और तेज स्वाद चाहिए, तो इलायची के बीजों को तेल में डालें।

लेखकः सरिता सेंगर एक जानी मानी डायटीश्यिन और स्वाद विशेषज्ञा हैं।