
छोटे-छोटे कार्यों से ही बनती है पहचान Publish Date : 15/05/2025
छोटे-छोटे कार्यों से ही बनती है पहचान
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
अपनी पहचान बनाने के लिए कार्य और व्यवहार का अच्छा होना एक अनिवार्य शर्त है-
क्या आप अपनी एक ऐसी पहचान अपने कार्य स्थल कंपनी या इंस्टिट्यूट में बनाना चाहते हैं, जिससे भविष्य में लोगों द्वारा आपको जाना जाए। यदि ‘‘हां” तो इसके लिए आपको आज से ही प्रयास करने होंगे। दरअसल कार्यस्थल पर अधिकतर पेशेवर ऐसे होते हैं जो केवल अपनी नौकरी में मिले काम पर ही अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं तो वहीं कुछ पेशेवर आपने काम से इतर मुश्किल वक्त में अपने सहकारियों का समर्थन करके और नए अवसरों का लाभ उठाने के लिए कुछ नया सीख कर अपने प्रबंधक एवं सहकर्मियों के बीच अपनी खास जगह बना लेते हैं।
ऐसे व्यक्ति हमेशा एक अच्छे पेशेवर के रूप में जाने जाते हैं, इसलिए यदि आप भी अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहते हैं तो आप अपने काम में हमेशा कुछ नया सीखने के लिए तैयार रहे और अपने व्यवहार को सहज बनाने के लिए प्रतिदिन छोटे-छोटे प्रयास करते रहें, जिसका लांभ आपको निश्चित रूप से प्राप्त होता है।
समय निकालकर आत्म-चिंतन अवश्य करें
यदि आप अपने जीवन में कुछ बड़ा करना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले आत्म चिंतन करें। अपने सपनों को पूरा करने के लिए स्वयं से यह सवाल पूछे कि मैं अपने जीवन में क्या हासिल करना चाहता हूं इस प्रश्न का जवाब लिखने के लिए समय निकालें इसके अलावा अपनी सूची में उन चीजों के बारे में विस्तार से लिखे जिन्हें आप हासिल करना चाहते हैं।
लोगों से प्रतिक्रिया ले
यदि आप वाकई में अपने जीवन में सफल होना चाहते हैं तो आपके लिए यह जानना भी बेहद जरूरी है कि आपके सहकर्मी और प्रबंधक आपके बारे में क्या सोचते हैं। अपने बारे में जानने के लिए कार्यस्थल पर कुछ भरोसेमंद सहकर्मियों से अपने बारे में उनकी प्रतिक्रिया लें। ऐसा आप व्यक्तिगत या ईमेल के जरिए भी कर सकते हैं।
अपने बारे में प्रतिक्रिया लेने के लिए उनसे पूछे कि मैं यह विचार कर रहा हूं कि मैं लोगों पर किस तरह का प्रभाव डालता हूं और ऐसी कौन सी चीज हैं जिन पर मुझे कार्य करने की जरूरत है। इसमें मदद के लिए क्या आप मेरे साथ अपने काम के अनुभव को साझा कर सकते हैं। इससे आपके व्यवहार में बदलाव होगा और अपने कार्य स्थल पर आप अपनी एक अलग पहचान भी बना सकेंगे।
साथियों के काम की सराहना करें
अपने गुणों और कौशल का आत्म चिंतन करने के साथ-साथ उसको अपने सहकारियों के प्रयासों पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए। एक अच्छा नेतृत्व वह नहीं जो केवल खुद पर काम करता है, बल्कि वह है जो अपनी टीम के अन्य सदस्यों के विचारों को भी तारीफ करता है। इसके लिए अपने साथियों का समर्थन करें और अपने टीम के सदस्यों की समय समय पर सराहना करें।
निरंतर प्रयास करने से मिलती है सफलता
आप भविष्य में अपनी किस प्रकार की छवि बनाना चाहते हैं, यह आप पर ही निर्भर करता है। अपने सहकर्मियों या अन्य लोगों के दिलों में जगह बनाने के लिए रोजमर्रा छोटे-छोटे ही सही लेकिन प्रयास जरुर करें। लोगों के विश्वासपात्र बने और उनके विचारों को ध्यान से सुनें। इसके अलावा आप अपने मूल्यों के साथ-साथ अपने सहकारियों के मूल्य की भी कद्र करे।
लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।