
वर्मी-कम्पोस्ट वास्तव में क्या है? Publish Date : 05/05/2025
वर्मी-कम्पोस्ट वास्तव में क्या है?
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 रेशु चौधरी
वर्मी-कंपोस्ट एक जैविक खाद है जो कीड़ों, विशेष रूप से लाल वर्म (Eisenia fetida) द्वारा बनाई जाती है। यह प्रक्रिया वर्मी-कंपोस्टिंग कहलाती है, जिसमें वर्मों को कार्बनिक अपशिष्ट, जैसे कि खाद्य अवशेष, पत्ते, और अन्य जैविक सामग्री के साथ रखा जाता है। यहाँ पर वर्म इन सामग्री को खाकर उन्हें पचाते हैं और अपने शरीर के माध्यम से एक समृद्ध, पोषक तत्वों से भरपूर खाद का निर्माण करते हैं।
वर्मी-कंपोस्ट के लाभ
1. पोषक तत्वों से भरपूरः वर्मी-कंपोस्ट में नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम, और अन्य माइक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक होते हैं।
2. मिट्टी की गुणवत्ता में सुधारः यह मिट्टी की संरचना को बेहतर बनाता है और उसकी जलधारण क्षमता को बढ़ाता है, और मिट्टी की जीवाणु गतिविधियों को भी बढ़ावा देता है।
3. रासायनिक खादों का विकल्पः वर्मी-कंपोस्ट का उपयोग रासायनिक खादों के स्थान पर किया जा सकता है, जिससे पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
4. अपशिष्ट प्रबंधनः यह खाद्य अपशिष्ट और अन्य जैविक सामग्री को नष्ट करने का एक प्रभावी तरीका है, जिससे लैंडफिल प्रोसेस में कमी आती है।
वर्मी-कंपोस्ट बनाने की प्रक्रिया
1. सामग्री संग्रहः खाद्य अपशिष्ट, सूखे पत्ते, घास, और अन्य कार्बनिक सामग्री को इकट्ठा करें।
2. वर्मों का चयनः लाल वर्म (Eisenia fetida) का उपयोग करें, जो वर्मी-कंपोस्टिंग के लिए सबसे प्रभावी होते हैं।
3. संग्रहण स्थानः एक कंटेनर या बिन तैयार करें, जिसमें वर्मों को रखा जा सके। इसमें वेंटिलेशन और नमी का ध्यान रखें।
4. वर्मों को जोड़ें: इकट्ठा की गई सामग्री में वर्मों को मिलाएं और उन्हें उचित नमी और तापमान प्रदान करें।
5. समय और देखभालः वर्मों को समय-समय पर भोजन दें और सुनिश्चित करें कि सामग्री नमी का उचित स्तर बना रहे। लगभग 2-3 महीने में वर्मी-कंपोस्ट तैयार हो जाती है।
6. उपयोगः तैयार वर्मी-कंपोस्ट को बागवानी या कृषि में उपयोग करें।
निष्कर्ष
वर्मी-कंपोस्ट एक उत्कृष्ट जैविक खाद है जो न केवल पौधों की वृद्धि में मदद करती है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी लाभकारी होने के साथ ही मृदा के स्वास्थ्य में भी सुधार करती है। इसे बनाना सरल है और यह अपशिष्ट प्रबंधन में भी सहायक है। यदि आप बागवानी या खेती में रुचि रखते हैं, तो आपके लिए वर्मी-कंपोस्टिंग एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।