
विभिन्न खाद्य पदार्थों में मिलावट का पता लगाना Publish Date : 01/05/2025
विभिन्न खाद्य पदार्थों में मिलावट का पता लगाना
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 रेशु
देशी घी में वनस्पति घी, आलू तथा शकरकन्द आदि स्टार्च युक्त पदार्थों तथा सिंथेटिक रंग की मिलावट की जाती है। वनस्पति घी की मिलावट का पता लगाने के लिए एक टेस्ट ट्यूब में 5 मिली. संदेहास्पद देशी घी लें तथा इसमें 5 मिली. हाइड्रोक्लोरिक अम्त और 0.4 मिली. 2 प्रतिशत सांद्रता वाला फरफ्युरॉल घोल या शुगर क्रिस्टल डालें। जब ग्लास रॉड से इसे 2 मिनट तक हिलाए। घी में लाल या गुलाबी रंग का उत्पन्न होना वनस्पति घी की उपस्थिति बताता है।
स्टार्च युक्त पदार्थों का पता लगाने के लिए 5 मिली. देशी घी को एक टेस्ट ट्यूब में उबालें तथा ठण्डा होने पर इसमें आयोडीन घोल की एक-दो बूंद हालें। नीला रंग उत्पन्न होने पर स्टार्च युक्त पदार्थ जैसे आलू, शकरकन्दी, अरारोट आदि की मिलावट मानें। मिलावटी देशी थी को प्राकृतिक रंग देने के लिए या सफेद करने के लिए सिंथेटिक रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। इनका पता लगाने के लिए संदेहास्पद थी की 2 ग्राम मात्रा को ईघर में घोल लें तथा छान लें। अब इसे दो हिस्सों में विभाजित कर लें। एक हिस्से में। मिली. हाइड्रोक्लोरिक अम्ल डालें तथा दूसरे हिस्से में। मिली. 10% सोडियम हाइड्रॉक्साइड का पोल डालें। दोनों को अच्छी तरह हिलाकर रख दें। हाइड्रोक्लोरिक अम्ल बाले हिस्से में गुलाबी रंग का बनना या सोडियम हाइड्रॉक्साइड बाले हिस्से में पीले रंग का बनना पी में सिंथेटिक रंग की मिलावट का संकेत है।
सरसों के तेल में मिलावट का पता लगाना
सरसों के तेल में अक्सर एग्रीमोन सीड ऑयल की मिलावट प्रकाश में आती है। इसका पता लगाने के लिए एक टेस्ट ट्यूब में 5 मिली. तेल लें तथा इसमें 5 मिली. सांद्र हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिलाकर सावधानीपूर्वक हिलाएं तथा रख दें। थोड़ी दाबाद नीचे की ओर अलग हुई एसिड लेबर में येलो, अरिंज- येलो या क्रिमसन एम का उत्पन्न होना एग्रीमोन सीड ऑयल की मिलावट का संकेत है।
हरी सब्जी में सिन्थेटिक रंग की मिलावट
भंडारित व बासी हरी सब्जियों को तरोताजा दर्शाने के लिए कुछ लोग मेलाकाइट ग्रीन कलर का प्रयोग करते हैं] जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होते हैं। इसका पता करने के लिए सफेद ब्लाटिंग पेपर को गीला कर सब्जी पर रगड़ें। इससे सिंथेटिक रंग ब्लाटिंग पेपर पर आ जायेगा। यदि ऐसा करने से भी रंग नहीं आता है तो सब्जियों को गुनगुने पानी में 15 मिनट तक डुबोकर रखें, यदि इन्हें रंगा गया है तो पानी में रंग आ जायेगा।
दालों तथा बेसन में मिलावट का पला लगाना
चने तथा अरहर की दाल में खेसारी दाल की मिलावट का पता करने के लिए 5-10 ग्राम दाल में 50 मिली. तनु हाइड्रोक्लोरिक एसिड डाल कर 15 मिनट तक उबालें। यदि गुलाबी रंग उत्पन्न तक आते। दाहि बा खेसारी दाल की मिलावट समझें।
पीले रंग की दालों में मैटानिल येलो डाई का इस्तेमाल भी किया जाता है। इसका पता लगाने के लिए थोड़ी सी दाल को पानी में डालकर ऊपर से थोड़ी मात्रा में सांद हाइड्रोक्लोरिक अम्ल डालें। पानी में गुलाबी रंग का दिखाई पड़ना सिंथेटिक डाई की उपस्थिति का संकेत है।
दालों को लेड क्रोमेट से भी रंगा जाता है। इसका पता लगाने के लिए 5 ग्राम दाल को 5 ग्राम पानी में डालकर अच्छी तरह हिलाएं तथा कुछ बूंदे हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की डालें। गुलाबी रंग जाने पर लेड क्रोमेट की मिलावट का संकेत मानें। बेसन में मिलावट का पता लगाने के लिए बेसन को दाल के स्थान पर प्रयोग करें।
आटे में मिलावट का पता लगाना
आटे में कंकड़ व रेत का पता लगाने के लिए । ग्राम आटे को 10 मिली. कार्बनटेद्राक्लोराइड में मिलाकरहिलाएं तथा थोड़ी देर के लिए रख दें। कंकड़ व रेत आदि पदार्थ नीचे बैठ जायेंगे तथा आटा ऊपर रहेगा। अतिरिक्त भूसी की मिलावट का पता लगाने के लिए चौड़े मुंह के एक पात्र में पानी भरें तथा आटे को उसके ऊपर छिड़कें। भूसी ऊपर तैरने लगेगी। इसी प्रकार आटे में चाक की मिलावट पता करने के लिए। ग्राम आटे को 5 मिली. तनू हाइड्रोक्लोरिक एसिड में डालें। यदि बुलबुले दिखाई पड़े तो चाक की मिलावट का संकेत मानें। चाय में मिलावट का पता लगाना चाय में कई प्रकार की मिलावट पाई जाती है, जैसे रंगी हुई पत्तियां, प्रयोग काई गई पत्तियों तथा आयरन फिलिंग्स आदि। रंगी हुई पत्तियों की पहचान के लिए चाय को सफेद पेपर पर डालकर रगड़ें। यदि आर्टिफीशियल कलर होगा तो कागज पर दिखाई पड़ेगा।
प्रयोग को गई पत्तियों की मिलावट का पत्ता करने के लिए चाय को भीगे हुए फिल्टर पेपर पर फैला दें। यदि प्रयोग की गई पत्तियों की मिलावट होगी तो पेपर पर गुलाबी तथा लाल रंग के धब्बे पड़ जायेंगे। आयरन फिलिंग्स का पता करने के लिए चाय के ऊपर चुम्बक घुमाएं। लोहे की फिलिंग्स चुम्बक पर चिपक जाएंगी। मसालों में मिलावट की पहचान मसाले कई प्रकार के अवयवों को मिलाकर बनाये जाते हैं, जैसे धनिया, हल्दी, मिर्च, काली मिर्च, इलायची, करी पत्ता आदि। जहां गर्म मसाले के रूप में विभिन्न अवयवों को मिलाकर प्रयोग किया जाता है, वहीं इन्हें अलग-अलग भी इस्तेमाल किया जाता है। मसालों में तरह-तरह की मिलावट की जाती है।
पिसे हुए मसालों में रंग की मिलावट का पता लगाने के नए संदेहास्पद मसाले को पेट्रोलियम ईशर से एक्सटेक करें तथा एक्सट्रैक्ट में 13 नार्मलता का सल्फ्युरिक एसिड डालें। लाल रंग उत्पन्न होने पर मसाले में सिंथेटिक रंग की मिलावट का संकेत मानें। यदि लाल रंग युक्त एक्सट्रैक्ट में डिस्टिल्ड वाटर मिलाने पर रंग लुप्त हो जाये तो मसाले को मिलावट से मुक्त मानें।
काली मिर्च में पपीते के बीजों की मिलावट की पहचान करने के लिए एक बीकर में कार्बन टैट्राक्लोराइड लें तथा उसमें काली मिर्च डालें। इसमें यदि पपीते के बीजों की मिलावट होगी तो पपीते के बीज बीकर में ऊपर तैरते नज़र आयेंगे तथा शुद्ध काली मिर्च बीकर के तल में बैठ जाएगी।
धनिया पाउडर में सूखा गोबर मिलाये जाने की घटनाएं अक्सर प्रकाश में आती हैं। इसकी मिलावट का पता लगाने के लिए धनिया पाउडर को पानी में डालें। यदि गोबर की मिलावट होगी तो पानी से गोबर की गन्ध आयेगी तथा गोबर के कण पानी के ऊपर तैरेंगे। यदि इसमें अनाज की भूसी तथा लकड़ी का बुरादा मिलाया गया हो तो वे भी पानी के ऊपरी सतह पर तैरते नज़र आयेंगे।
लाल मिर्च में ईंट का पाउडर तथा पत्थर का चूरा भी मिलाया जाता है। इनका पता लगाने के लिए एक बीकर में क्लोरोफॉर्म तथा कार्बनटैट्राक्लोराइड का मिश्रण लें और उसमें मिलावटी लाल मिर्च को डालें। ईंट व पत्थर का पाउडर बीकर में नीचे बैठ जायेगा। मिर्च में रोडामिन रंग की मिलावट के लिए एक टेस्ट ट्यूब में 2 ग्राम लाल मिर्च का पाउडर लें तथा 5 मि.ली. एसीटोन डालें, तुरन्त उत्पन्न लाल रंग रोडामिन की उपस्थिति का संकेत है।
हल्दी में कई अनाजों के स्टार्च तथा सिंथेटिक रंग की मिलावट होती है। स्टार्च का पता लगाने के लिए हल्दी को माइक्रोस्कोप से देखने पर हल्दी के कण पीले रंग के, आकार में बड़े तथा एंगुलर स्ट्रक्चर युक्त दिखाई पड़ेंगे, जबकि स्टार्च के कण रंगहीन तथा आकार में छोटे दिखाई देंगे। हल्दी में लैंड क्रोमेट की मिलावट का पता लगाने के लिए हल्दी पाउडर की राख बनाकर 17 अनुपात में सल्फ्युरिक एसिड में घोलकर फिल्टर कर लें। अब इसमें 0.1% सांद्रता के डाइफिनाइल कार्बाजाइड की 1-2 बूंद डालें। गुलाबी रंग का उत्पन्न होना लैंड क्रोमेट की मिलावट का संकेत है।
हल्दी पाउडर में मैटानिल येलो सिंथेटिक रंग की मिलावट का पता लगाने के लिए उसमें सांद्र हाइड्रोक्लोरिक एसिड की कुछ बूंद डालें। तुरन्त उत्पन्न वायलेट रंग मिलावट का सूचक है। यदि यह रंग पानी से पतला करने पर लुप्त हो जाता है तो मिलावट नहीं है।
हींग में सोप स्टोन तथा अन्य मिट्टी की मिलावट के लिए थोड़ी सी हींग को पानी में मिलाकर छोड़ दें। मिलावटी पदार्थ तल में बैठ जायेंगे। चॉक की मिलावट के लिए हींग को कार्बन टैट्राक्लोराइड में मिलाकर हिलाएं। हींग नीचे बैठ जायेगी। अब ऊपर तैरते पदार्थ को नियारकर इसमें तनु हाइड्रोक्लोराइड डालें। यदि इसमें बुलबुले उत्पन्न हों तो चौक पाउडर की मिलावट समझे।
केसर में मक्का के भुट्टे के ऊपरी बालों की मिलावट के लिए केसर के बालों को हाथ से तोड़ें। शुद्ध केसर के बाल टूटने के बजाय मुड़ जायेंगे जबकि मक्का के टेंड्रिल्स अधिक भंगुर होने के कारण तुरन्त टूट जायेंगे। इसके अलावा शुद्ध केसर पानी में लम्बे समय तक रंग छोड़ती रहेगी जबकि मक्का के टेड्रिल व अन्य मिलावटी पदार्थों के साथ ऐसा नहीं होगा
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।