वर्तमान समय में वेतन से अधिक समावेशी संस्कृति को प्राथमिकता      Publish Date : 09/04/2025

वर्तमान समय में वेतन से अधिक समावेशी संस्कृति को प्राथमिकता

                                                                                                                    प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

कॉन्फ्लिक्ट मैनेजमेंट सीखें और बनाएं वर्क लाइफ को बैलेंस

आजकल वर्क लाइफ बैलेंस बनाए रखने और बर्न आउट से बचने के लिए रिटायरमेंट ब्रेक काफी ट्रेड में है। रिटायरमेंट ब्रेक्स यानी छोटे-छोटे ब्रेक जो 1-2 सप्ताह से लेकर 6 महीने तक के हो सकते हैं।

दूसरी तरफ भारतीय वर्कफोर्स की प्राथमिकताएं भी बदल रही हैं। रैडस्टैंड इंडिया के वर्क-मॉनिटर 2025 सर्वे में यह बात सामने आई है कि कर्मचारी अब वर्क प्लेस फ्लेक्सिबिलिटी, सीखने-विकास के अवसर और वर्कप्लेस पर समावेशी संस्कृति को अधिक महत्व प्रदान कर रहे हैं।

समस्या की पहचान के साथ उसका समाधान भी जरूरी

किसी भी प्रकार की असहमति और विवाद को प्रबंधित करने के लिए उसके हल रचनात्मक और सम्मानजनक तरीके खोजना बेहद जरूरी है। कॉन्फ्लिक्ट मैनेजमेंट के दौरान यह महत्त्वपूर्ण है कि हम समस्या की पहचान करने के साथ समझे कि इसका समाधान कैसे सभी पक्षों के लिए लाभकारी हो सकता है।

1. इमोशनल इंटेलिजेंस

इसका मतलब है अपनी भावनाओं और दूसरों की भावनाओं को समझना और उन पर उचित प्रतिक्रिया देना। इसके लिए आत्म-जागरूकता और समानुभूति पर फोकस करें।

1. क्या और कैसे करें

एक्टिव लिसनिंग

  • कैसे करें संबंधित की पूरी बात सुने बिना जवाब न दें।
  • शारीरिक भाषा और चेहरे के हाव-भाव से यह संदेश दे कि आप उन्हें सुन रहे हैं।
  • बीच में न बोलें और न ही शीघ्रता से किसी निष्कर्ष पर पहुंचें।

2. भावनाओं को नियंत्रित करना

  • कैसे करें गहरी सांस लें और शांत रहने का प्रयास करें।
  • यदि आप महसूस करें कि आपकी भावनाएं भड़क रही हैं, तो थोड़ी देर के लिए बातचीत को बीच में ही रोक दें और शांत होने के बाद फिर से बात करना शुरू करें।

3. स्पष्ट और प्रभावी संचार

  • अपनी बातों को सीधे, लेकिन शालीनता से रखें।
  • अपनी भावनाओं और विचारों को एक स्टेटमेंट के रूप में कहें, जैसे कि मैं महसूस करता हूँ।

4. समाधान पर ध्यान केंद्रित करना

  • अपना पूरा ध्यान समाधान पर बनाए रखें, न कि किसी पर आरोप लगाने या दोष देने पर।
  • दोनों पक्षों के लिए स्वीकार्य और व्यावहारिक समाधान की तलाश करें।
  • समझौता करने और दोनों पक्षों की अवश्यकताओं को संतुलित करने का प्रयास करें।

5. लचीलापन

  • समझने का प्रयास करें कि सामने वाले की स्थिति क्या है और वह क्यों ऐसा महसूस कर रहा है।
  • समाधान में लचीलापन दिखाएं, ताकि सभी पक्ष संतुष्ट हो सके।
  • हमेशा हर किसी को जीतने का मौका देने वाली मानसिकता को बनाए रखें।

6. विवादों को हल करें

  • संघर्ष को पहचानने के बाद उसे बिना विलंब के हल करने का प्रयास करें।
  • समस्याओं के बढ़ने से पहले उन्हें सुलझाने के लिए पहल करें।
  • छोटे मुद्दों को बड़े होने से पहले सुलझाने की आदत को विकिसत करें।

7. खुले दिल से स्वीकार करना सीखें

  • आलोचना को व्यक्तिगत तौर पर न लें। बल्कि विचार करें कि किसी दूसरे व्यक्ति की प्रतिक्रिया से आप क्या नया सीख सकते हैं।
  • अगर आप गलत है, तो इसे स्वीकार करें और अपनी गलती को सुधारने का प्रयास करें।

वर्क लाइफ बैलेंस जरूरी

नौकरी की सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य, सहायता और वर्क लाइफ बैलेंस जैसे कारक अब अधिक महत्व रखते हैं। महत्त्व के मामले में वेतन अब चौथे स्थान पर पहुँच गया है। रेंडस्टैंड इंडिया के वर्कमॉनिटर-2025 के सर्वे में यह बात सामने आई है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।