कृषि के मौसम का पूर्वानुमान      Publish Date : 26/03/2025

                     कृषि के मौसम का पूर्वानुमान

                                               ग्रामीण कृषि मौसम सेवा      

                                                                        भारत मौसम विभाग

                                              सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्वोगिकी विश्वविद्यालय

                                                               मोदीपुरम- मेरठ, उत्तर प्रदेश

                                                           मौसम आधारित कृषि परामर्श सेवाएं

दिनाँक- 25.03.025

मेरठ (उत्तर प्रदेश) के मौसम पूर्वानुमान, जारी करने का दिनः 2025.03.25 (अगले 5 दिनों के 8:30 IST तक वैद्य)

मौसम कारक

26-03-025

13-03-025

14-03-025

15-03-025

16-03-025

वर्षा (मिमी)

0.0

0.0

0.0

0.0

0.0

अधिकतम तापमान (सें0)

35.0

37.0

36.0

32.0

32.0

न्यूनतम तापमान (सें0)

16.0

18.0

18.0

16.0

15.0

अधिकतम सापेक्षिक आर्द्रता (%)

55

50

40

38

42

न्यूनतम सापेक्षिक आर्द्रता (%)

27

25

24

21

21

वायु की गति (किमी प्रति घंटा)

2

4

20

24

23

वायु की दिशा (डिग्री)

166

285

291

297

303

क्लाउड कवर (ओक्टा)

0

0

0

0

2

चेतावनी

कोई चेतावनी नही

कोई चेतावनी नही

कोई चेतावनी नही

कोई चेतावनी नही

कोई चेतावनी नही

 

पूर्वानुमान सारांशः                

आमतौर पर मौसम शुष्क रहेगा। अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 30.0 से 37.0 डिग्री सेल्सियस तक रहेगा। इस दौरान पूर्वान्ह 7.21 को सापेक्षिक आर्द्रता 50 से 60 तथा दोपहर के बाद अपरन्ह 2.24 को 20 से 30 डिग्री सेल्सियस रहेगा। हवा 1.0-24.0 किमी/घंटे की गति से चलने का अनुान है। ईआीएफएस उत्पादों के अनुसार 28 मार्च से 03 अप्रैल 2025 में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक और न्यूनतम तापमान भी सामान्य से अधिक और रहेगा वर्षा सामान्य हो सकती है।

मौसम की चेतावनियाँ (अगले दिन के 08:30 तक मान्य):

27-29 मार्च से तेज हवाएं चलने के पूर्वानुमान के दृष्टिगत अधिक सिंचाई से बचना चाहिए अन्यथा फसलें गिर सकती हैं।

मौसम चेतावनियों के कृषि पर होने वाले सम्भावित प्रभाव और सम्बन्धित एग्रोमेट की सलाहः

इस मौसम में गेहूं की हल्की सिंचाई 5 से.मी. तक ही करें। तेज हवा चलने की स्थिति में सिंचाई से परहेज करें, अन्यता फसल के गिरने का डर रहता है।

सामान्य सलाहः

आने वाले दिनों में मौसम शुष्क ही रहेगा, अतः चना, मटर, सरसों एवं मसूर आदि की कटाई व मड़ाई पूरी कर लें, इस मौसम में खीरा, ककड़ी, करेला, लौकी, तुरई, पेठा, पालक, फूलगोभी, बैंगन, भिंड़ी और अरबी जैसी सब्जी की फसलों की बुवाई की जता सकती है।

लघु संदेश सलाहः

आने वाले दिनों में मौसक शुष्क ही बना रहेगा, अतः किसान भाईयों को समस्त फसलों एवं सब्जियों में आवश्यकता के अनुसार हल्की सिंचाई करने की सलाह दी जाती है।

                                  फसल विशिष्ट सलाहः 

     फसल

                                          फसल विशिष्ट सलाहः

गेहूँ

गेहूँ के बीज का उत्पादन कर रहे किसान, गेहूँ की बोयी गई प्रजाति की शुद्वता को बनाएं रखने के लिए रोगिंग (अवांछित पौधों को निकाल दें) करें। अब गेहूँ की फसल जल्द पकने की अवस्था में हैं। अतः किसान भईयों को सलाह दी जाती है कि वह फसल की कटाई-मड़ाई करने के उपरांत भण्ड़ारण करने पूर्व अनाज को अच्छी तरह से सुखा लें, जिससे अनाज में 10 प्रतिशत से अधि नमी न रहे। इसकी पहचान के लिए किसान भाई गेहूँ के दाने को दांतों के नीचे दबाकर कट की आवाज आने पर ही गेहूँ को भड़ारण के योग्य समझे। भण्ड़ार-गृह की दीवार और फर्श आदि पर मैलाथियॉन 30 प्रतिशत ई.सी. को 1:100 के अनुपात में पानी में घोलकर 3 लीटर प्रति वर्गमीटर की दर से छिड़काव करें तथा बोरों को भी 15 मिनट तक इसमें डुबोने के बाद सुखाकर गेहूँ का भण्ड़ारण करें। अनाज के भण्ड़ारण के समय नीम की पत्तियों को छाया में सुखाकर इसके साथ भण्डारण करने से अनाज में कीट आदि लगने की समस्या नहीं आती है। 

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जायद की मक्का फसल को 5 से 6 सिंचाईयों की आवश्यकता होती है। अतः आवश्यकता के अनुसार प्रति 10 से 12 दिन के हिसाब से सिंचाई करें। साथ ही खरपतवार के नियंत्रण के लिए निराई-गुड़ाई भी करते रहें।

काला चना

उदे में थ्रिप्स के अनुसार निगरानी करते हें। चनें की प्रथम सिंचाई से पूर्व नियंत्रण के लिए सुरक्षात्मक जैविक कीटनाशक नीम ऑयल का छिड़काव करें।

गन्ना

बसंतकालीन गन्ने की बुवाई के लिए नवीन एवं उन्नत किस्में को.शा.-13235, को. लख.-14201 ब्व-15023, को.शा.-17231, को.शा.-18231, को. लख.-16202, को.शा.-16233, को.शा.-14233, को.शा.-0118 एवं को.लख.-94184 आदि किस्मों की बुवाई करें। बीज गन्ने के उपचार के लिए कार्बेन्डाजिम अथवा थायोफिनेट मिथाइल 0.1 प्रतिशत का प्रयोग करें। गन्ने की बसंतकालीन बुवाई हेतु 05 टन प्रति एकड़ की दर से कार्बनिक खाद (गोबर की खाद या प्रेसमड) अथवा 72 कि.ग्रा. नाइट्रोजन, 32 कि.ग्रा. फॉस्फोरस और 24 कि.ग्रा. पोटाश एवं 10 कि.ग्रा. जिंक सल्फेट प्रति एकड़ की दर से उर्वरकों का प्रयोग करें।

 

बागवानी विशिष्ट सलाहः

बागवानी

बागवानी विशिष्ट सलाह

आम

आम के पाउड्री मिल्ड्यू रोग की रोकथाम हेतु डाइनोकैप (कैराथीन) 1.0 मिली प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें।

अमरूद

अमरूद के उकठा रोग के नियंत्रण हेतु 20 ग्राम कार्बेन्डाजिम 10 लीटर प्रति पौधा घोलकर जड़ों में सिंचाई के समय दें। इसके साथ ही 15 ग्राम जिंक सल्फेट व 1 मिली लीटर डाईमेथोएट 30 ई.सी. प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।

पशु-पालन विशिष्ट सलाहः

       पशु

                                        पशु-पालन विशिष्ट सलाह

भैंस

पशुओं में खुरपका एवं मुंहपका बीमारी (एफ.एम.डी.) का टीकाकरण अवश्य कराएं। यह टीकाकरण पशु चिकित्सालयों में किसानों के द्वार पर जाकर पशु-पालन विभाग के द्वारा निःशुल्क लगाया जाता है।

 

दुधारू पशुओं को थनैला रोग से बचाने के लिए पशु का पूरा दूध निकालें और दूध का दुहन करने के बाद उसके थनों को कीटाणुनाशक पेटेशियम परमैनेट 1 ग्राम प्रति लीटर की दर से घोल बनाकर पशु के थनों को साफ करें।

बकरी

बकरियों में पी.पी.आर. का टीकाकरण पशु चिकित्सालयों में पशु-पालन विभाग के द्वारा निःशुल्क लगाया जा रहा है।

मौसम यम्बन्धी चेतावनियों का सम्भावित प्रभाव (सामान्य):

17 से 29 मार्च को तेज हवाएं चलने का पूर्वानुमान के दृष्टिगत अधिक सिंचाई करने से बचें अन्यथा फसल गिर सकती है।

प्रभाव आधारित सलाह (समान्य):

गेहूँ की सिंचाई इस समय में हल्की करें। तेज हवा चलने की स्थिति में सिंचाई करने से बचें अन्यथा फसल गिर सकती है।