
पर्यावरण रक्षक और काफी सुविधाजनक कृषि यंत्र है ई- रीपर Publish Date : 10/03/2025
पर्यावरण रक्षक और काफी सुविधाजनक कृषि यंत्र है ई- रीपर
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 कृशानु
ई- रीपर एक सुविधाजनक और पर्यावरण रक्षक कृषि यंत्र है। कृषि यंत्र के क्षेत्र में नित नए नवाचार किए जा रहे हैं, जिनसे न केवल किसानों को खेती के काम करने सुविधा प्राप्त हो रही है, बल्कि इन यंत्रों के द्वारा उनके समय की भी काफी बचत हो रही है। इसी कड़ी में कृषि यंत्र निर्माता कम्पनी किसान मित्र ने नवाचार करते हुए लघु एवं मध्यम वर्गीय किसानों के लिए कृषि यंत्र ई- रीपर का निर्माण किया है, जो इलेक्ट्रिक बैटरी से संचालित किया जाता है। यह कृषि यंत्र हर मौसम और हर फसल के लिए उपयुक्त है। वर्तमान में किसानों को यह कृषि यंत्र किराए पर भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
ई- रीपर बहु-कार्यक्षमता वाला कृषि यंत्र- किसान मित्र कंपनी के संस्थापक ने बताया कि मुख्यतः लघु एवं मध्यम वर्गीय किसानों के लिए बहु-कार्यक्षमता वाला सुविधाजनक और पर्यावरण रक्षक कृषि यंत्र बनाया गया है, जो वीडर, टिलर, स्प्रेयर, बुवाई मशीन और रीपर के रूप में हाईब्रिड अटैचमेंट के साथ काम करने से विभिन्न कृषि उपकरणों की आवश्यकता को कम करता है। हर मौसम के लिए अनुकूल इस कृषि यंत्र को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है, कि खेत में ऊंचाई का समायोजन, रफ़्तार पर नियंत्रण, स्वतंत्र पहिया और ब्लेड के अलावा रात्रि में भी इसे आसानी से संचालित किया जा सकता है।
इलेक्ट्रिक रीपर की विशेषताएं- संस्थापकों ने इस कृषि यंत्र की विशेषताएं बताते हुए कहा कि इलेक्ट्रिक बैटरी से संचालित होने वाले इस कृषि यंत्र को एक बार चार्ज करने पर 8 घंटे तक काम किया जा सकता है। इसकी बैटरी को आसानी से तुरंत बदला भी जा सकता है। इसकी सहायता से एक घंटे में एक एकड़ फसल की कटाई की जा सकती है। यह गेहूं, चना, धान आदि के समेत अन्य फसलों के लिए उपयोगी है, जो फसल की सटीक कटाई करता है। इसे उबड़-खाबड़ रास्तों पर भी आसानी से चलाया जा सकता है। शून्य प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन होने के चलते इससे वायु प्रदूषण भी नियंत्रित होता है।
पर्यावरण का रक्षकः यह कृषि यंत्र किसानों के लिए काफी सुविधाजनक रहता है। वर्तमान में यह कृषि यंत्र किसानों के लिए एक हज़ार रुपये प्रति एकड़ की दर से किराए पर भी उपलब्ध है।
भविष्य की योजनाएं- कंपनी के संस्थापक ने बताया कि फीड बैक में किसानों द्वारा रीपर के साथ बाइंडर की भी मांग की गई है, जिससे कि उनका कार्य और आसान हो सके। इस कार्य हेतु अनुसंधान किया जा रहा। इसके अलावा भविष्य में इलेक्ट्रिक थ्रेशर, सोलर पंप और मिनी ट्रैक्टर के निर्माण का विचार भी किया जा रहा है, जिससे कि किसानों को और सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।