
प्रोस्टेट सम्बन्धी समस्या का आयुर्वेदिक उपचार Publish Date : 16/10/2025
प्रोस्टेट सम्बन्धी समस्या का आयुर्वेदिक उपचार
डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा
वर्तमान समय में न चाहते हुए भी हम किसी न किसी विकार से ग्रसित हो ही जाते हैं। ऐसा ही एक विकार प्रोस्टेट ग्रंथि से भी जुड़ा हुआ होता है। जिसमें प्रोस्टेट ग्रंथि के अधिक विकसित होने या उसके बढ़ जाने से सम्बन्धित व्यक्ति को कई प्रकार की समस्याएं हो जाती हैं। आज के हमारे इस आर्टिकल में हमारे आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ0 सुशील शर्मा इसी समस्या के बारे में आपको विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं।
क्या होती है प्रोस्टेट की समस्या
प्रोस्टेट की समस्या आमतौर पर पुरुषों में होती है, और उम्र के साथ साथ इसकी संभावना और अधिक बढ़ती जाती है। प्रोस्टेट ग्रंथि पुरुषों की प्रजनन प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, जो वीर्य के एक भाग का उत्पादन करती है। जब यह ग्रंथि बढ़ती है, या इसमें सूजन होती है, तो इससे विभिन्न समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।
प्रोस्टेट ग्रंथि क्या होती है?
प्रोस्टेट पुरूष के शरीर में मौजूद एक ग्रंथि होती है, जिसे ‘पौरुष ग्रंथि‘ भी कहा जाता है। यह एक द्रव पदार्थ का उत्पादन करती है, जो स्खलन के दौरान शुक्राणुओं को ले जाने का कार्य करता है। पौरुष ग्रंथि मूत्रमार्ग के चारों ओर स्थित होती है। प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने का मतलब इसके अधिक विकसित होने से लगाया जाता है। आमतौर पर प्रोस्टेट ग्रंथि उम्र के साथ साथ बढ़ती है, जिससे मूत्राशय से मूत्र का प्रवाह अवरूद्ध हो जाता है।
प्रोस्टेट की समस्याएं क्या क्या होती है?
बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH): यह एक सामान्य स्थिति होती है, जिसमें प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने से मूत्र नली पर दबाव पड़ता है, और मूत्र संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
प्रोस्टेटाइटिसः प्रोस्टेट की सूजन को प्रोस्टेटाइटिस कहा जाता है, यह संक्रमण या अन्य कारणों से होती है।
प्रोस्टेट कैंसरः यह प्रोस्टेट ग्रंथि में उत्पन्न होने वाला कैंसर है, जो अधिक उम्र के पुरुषों में देखने को मिलता है।
प्रोस्टेट की समस्याओं के लक्षणः
प्रोस्टेट की समस्याओं के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं-
- रोगी को पेशाब करने में कठिनाई।
- बार-बार पेशाब करने की समस्या।
- रात को बार-बार पेशाब आना।
- पेशाब में खून आना।
- पेशाब के दौरान जलन या दर्द।
- निचले पेल्विक क्षेत्र में दर्द।
- वीर्य में खून आना।
- नींद में पेशाब निकल जाना।
- पेशाब कंट्रोल (मूत्र असंयमिता) नहीं कर पाना।
- पेशाब के रंग व गंध में बदलाव आना।
- यौन क्रियाओं में समस्याएं आना आदि।
प्रोस्टेट की समस्याओं के कारणः
प्रोस्टेट की समस्याओं के कारण निम्नलिखित हो सकते है-
उम्र का बढ़नाः उम्र के साथ साथ प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने से भी यह समस्या होने लगती है।
हॉर्मोनल परिवर्तनः टेस्टोस्टेरोन और अन्य हॉर्मोन में बदलाव होना।
जेनेटिकः परिवार में प्रोस्टेट की समस्या का होना।
जीवनशैली और आहारः असंतुलित जीवनशैली और अस्वास्थ्यकर आहार का सेवन करना।
संक्रमणः बैक्टीरियल संक्रमण का होना।
अन्य स्वास्थ्य समस्याएं: जैसे मोटापा, मधुमेह, और हाई बीपी आदि से ग्रस्त होना।
प्रोस्टेट की समस्या का आयुर्वेदिक उपचारः
प्रोस्टेट की समस्या के लिए आयुर्वेदिक में कुछ उपायों और जड़ी बुटियों के बारे में बताया गया है। जीवनशैली में बदलाव और आयुर्वेदिक उपचार के माध्यम से इस समस्या से निजात पाने में मदद मिल सकती है।
प्रोस्टेट की समस्या का आयुर्वेदिक उपचार इस प्रकार है-
शिलाजीतः
शिलाजीत प्रोस्टेट स्वास्थ्य को सुधारने में मददगार है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है, और सूजन को कम करता है।
त्रिफलाः
त्रिफला आंवला, बहेड़ा, हरड़ बूटियों का मिश्रण होता है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है। यह पाचन तंत्र में सुधार करता है और प्रोस्टेट स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
गोखरूः
गोखरू प्रोस्टेट की सूजन को कम करता है, और मूत्र संबंधी समस्याओं में सुधार करता है। यह मूत्र प्रणाली के स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है।
पुनर्नवाः
पुनर्नवा मूत्रवर्धक गुणों से युक्त होता है और प्रोस्टेट की सूजन को कम करने में सहायक होता है। यह मूत्र प्रणाली की सफाई करता है, और संक्रमण को रोकता है।
अश्वगंधाः
अश्वगंधा तनाव को कम करने और हॉर्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मददगार सिद्व होता है। यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारता है।
कांचनार गुग्गुलः
कांचनार गुग्गुल प्रोस्टेट की सूजन को कम करने में काम में लिया जाता है। यह लसीका तंत्र को सुधारता है और विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालता है।
प्रोस्टेट की समस्या को ठीक करने के कुछ अन्य उपायः
- संतुलित आहार का सेवन करें।
- जीवनशैली में अपेक्षित बदलाव करें।
- पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करते रहें।
- नियमित व्यायाम व ध्यान आदि करें।
लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।