
जुकाम और खांसी के लिए कुछ आयुर्वेदिक घरेलू उपचार Publish Date : 11/10/2025
जुकाम और खांसी के लिए कुछ आयुर्वेदिक घरेलू उपचार
डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा
जुकाम और खांसी के लिए प्राकृतिक घरेलू इलाज - सर्दी-जुकाम की समस्या होने पर अपनाएं यह सटीक आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपचार-
अंग्रेजी दवाओं और कफ़ सिरप के स्थान पर, आप मौसमी जुकाम और खांसी से राहत पाने के लिए कुछ आसान आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय अपना सकते हैं, ताकि आप बेहतर महसूस कर सकें।
आयुर्वेद के अनुसार, हमारे शरीर में मौजूद तीन दोषों यानि वात, पित्त, कफ़ में से किसी एक में भी यदि असंतुलन होता है, तो यह बीमारी का कारण बन सकता है। ऐसे में शरीर में पित्त और कफ़ दोष के बढ़ने से बंद नाक और खांसी आदि की समस्या होती है।
इस समस्या से निपटने के लिए, हमारे प्रस्तुत लेख में जुकाम और खांसी के लिए कुछ प्राकृतिक एवं घरेलू इलाज दिए गए हैं, जो इस प्रकार से हैं-
तुलसी
आयुर्वेद में, तुलसी को ‘‘प्रकृति की दवाइयों की मां’’ और ‘‘जड़ी-बूटियों की रानी’’ कहा जाता है। तुलसी के पत्ते व्यक्ति को आम जुकाम और खांसी से लड़ने की क्षमता को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
काम करने का तरीका
तुलसी रोग प्रतिकारक (एंटीबॉडी) को बढ़ाती है, जिससे किसी भी प्रकार के संक्रमण (इंफ़ेक्शन) को शुरुआत में ही रोका जा सकता है। तुलसी में खांसी से राहत देने वाले गुण होते हैं। यह चिपचिपे बलगम को बाहर निकालने में आपकी मदद करके सांस लेना आसान बनाती है।
सेवन करने का तरीका
तुलसी के पत्ते
सबसे पहले सुबह खाली पेट 4-5 तुलसी के पत्ते चबाएं। आप अपनी बीमारी से लड़ने की ताकत बढ़ाने के लिए तुलसी के पत्ते लेना जारी भी रख सकते हैं।
तुलसी काढ़ा
- तुलसी के कुछ पत्ते लें। इसे अच्छे से धो लें।
- एक पैन में पानी उबालकर तुलसी के पत्ते उसमें डालें।
- इसमें 1 चम्मच कद्दूकस किया हुआ अदरक और 5-6 काली मिर्च के दाने मिलाएं।
- मिश्रण को कम से कम 10 मिनट तक उबालें।
- आखि़र में, एक चुटकी काला नमक डालें और इसमें नींबू निचोड़ें।
- इसे 1 मिनट के लिए छोड़ दें।
- छाने और इसे गर्म गर्म ही सेवन करें।
तुलसी चाय
- कप पानी में तुलसी के ताजे पत्ते डालें।
- 10 मिनट तक कम आंच पर इन्हें उबालें।
- एक छलनी का उपयोग कर इस पानी को छान लें।
- नींबू का रस डालकर अच्छी तरह मिला लें।
- जुकाम और खांसी से राहत पाने के लिए गर्म-गर्म पिएं।
शहद
ढेर सारे प्रतिरोगाणु (एंटीमाइक्रोबियल) गुणों वाला शहद न सिर्फ़ स्वाद में बहुत अच्छा होता है, बल्कि गले की खराश को कम करने में भी मदद करता है। यह एक असरदार ख़ांसी मिटाने वाली सामग्री़ है।
काम करने का तरीका
शहद गाढ़े बलगम को ढीला करके और उसे कफ़ के जरिए बाहर निकालने में आपकी मदद करके छाती की जकड़न से राहत देता है। यह बलगम वाली खांसी को कम करने में भी आपकी मदद करता है।
सेवन करने का तरीका
खांसी की गंभीरता को कम करने के लिए रात में सोने से पहले एक चम्मच शहद लें। जब तक आपको खांसी से राहत न मिल जाए, तब तक इसे लेते रहें।
अदरक के रस में शहद
- 1 चम्मच शहद लें।
- उसमें 1 चम्मच अदरक का रस और 1 चुटकी काली मिर्च पाउडर डालें।
- गले में खराश और खांसी से राहत पाने के लिए एक बार सुबह और एक बार रात को सोने से पहले सेवन करें।
शहद प्रकृति का एक चमत्कार है जो न सिर्फ़ हाज़में में सुधार करने में मदद करता है, बल्कि आपके चयापचय (मेटाबॉलिज्म) को भी बढ़ाता है। पूरे शरीर की एक व्यापक जांच के साथ अपने पूरे स्वास्थ्य की जांच करें।
मुलेठी
मुलेठी या उससे बने मिठाई, जिसे ‘स्वीट वुड’ भी कहते हैं, खांसी के लिए एक असरदार आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। मुलेठी पाउडर गले में खराश, खांसी और गले में बहुत अधिक मात्रा में बलगम से निपटने में लाभकारी है।
मुलेठी के काम करने का तरीका
मुलेठी में बलगम निकालने वाले गुण होते हैं। यह गले के अंदर बलगम को पतला और ढीला करता है। यह खांसी में राहत देता है और बलगम के जमाव को कम करता है।
सेवन करने का तरीका
मुलेठी पानी
1 चम्मच मुलेठी पाउडर लें और 1 गिलास गर्म पानी में मिलाएं। इसे दिन में दो बार सेवन करें।
मुलेठी की चाय
- मुलेठी की जड़ का 1 छोटा टुकड़ा लें और इसे उबलते पानी में डाल दें।
- कद्दूकस किया हुआ अदरक भी इसमें डालें और इसे लगभग 5 मिनट तक उबलने दें।
- इसके बाद एक टी बैग डालें और इस चाय को दिन में दो बार सेवन करें।
मुलेठी काढ़ा
- 1/4 चम्मच मुलेठी पाउडर, एक चुटकी दालचीनी पाउडर, काली मिर्च पाउडर और कुछ तुलसी के पत्ते लें।
- 1 कप उबलते पानी में डालें। 5 मिनट तक उबालें।
- एक कप में निकालें और इसमें 1 चम्मच शहद डालें।
- इस काढ़े को दिन में दो बार सेवन करें।
पिपली
जुकाम और खांसी से निपटने में पिपली एक असरदार जड़ी बूटी है। वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि यह आम जुकाम से जुड़े सिरदर्द और छाती के जमाव से भी यह राहत प्रदान करती है।
काम करने का तरीका
पिपली बलगम को ढीला करती है और इसे बाहर निकालने में मदद करती है। इस तरह रोगी आसानी से सांस ले पाता है। यह इसके बलगम निकालने वाले गुण के कारण ही सम्भव हो पाता है।
सेवन करने का तरीका
पिपली चूर्ण
- एक चुटकी पिपली चूर्ण लें।
- इसे 1 चम्मच शहद के साथ निगल लें।
- दिन में 1-2 बार दोहराएं और जुकाम और खांसी कम होने तक जारी रखें।
सौंठ
सूखी अदरक जिसे सौंठ या सुक्कु या सूंठ भी कहते हैं। यह हर्बल कफ़ सिरप की ख़ास सामग्री में से एक है। सौंठ को जब शहद के साथ लिया जाता है, तो वह जुकाम और खांसी में आराम देने वाली दवाई की तरह काम करती है।
काम करने का तरीका
सौंठ में कुछ अणु (मॉलिक्यूल) होते हैं जिनमें शोथरोधी (एंटी-इंफ्लेमेटरी) गुण होते हैं। इससे गले की खराश कम होती है।
सेवन करने का तरीका
शहद के साथ सौंठ
- 1/4 चम्मच सौंठ लें और उसमें 1 चम्मच शहद मिला लें।
- अच्छी तरह मिला लें और इसे कम से कम 3 दिन तक दिन में दो बार इसका सेवन करें।
सौंठ गोली
- एक पैन में 2-3 बड़े चम्मच देसी घी लें। आंच कम रखें।
- 2-3 चम्मच गुड़ पाउडर डालें और इसे पिघलने दें। इसमें 2-3 बड़े चम्मच सौंठ पाउडर मिलाएं। अच्छी तरह मिलाएं।
- इसे ठंडा होने दें।
- अब इसकी छोटी-छोटी गोलियां बना लें।
- आप 1 गोली दिन में दो बार ले सकते हैं।
दालचीनी
लकड़ी जैसे महकने वाले इस मसाले से स्वास्थ्य से जुड़े कई फ़ायदे होते हैं और उन फ़ायदों में से एक है जुकाम और खांसी से राहत। यह न सिर्फ़ आम जुकाम से राहत देती है, बल्कि गले में खराश के लिए भी बहुत अच्छ काम करती है।
काम करने का तरीका
दालचीनी को प्रतिविषाणु (एंटीवायरल) गुण के लिए जाना जाता है। यह आम जुकाम करने वाले विषाणु (वायरस) से लड़ने में आपकी मदद करता है। इसमें शोथरोधी (एंटी-इंफ्लेमेटरी) गुण भी होते हैं जो गले में होने वाली खराश से राहत देने में मदद करते हैं।
सेवन करने का तरीका
दालचीनी की चाय
- आप नियमित रूप से जो एक कप काली चाय पीते हैं तो आपको सर्दी जुकाम से लाभ मिलता है।
- इसमें एक चुटकी दालचीनी पाउडर मिलाएं।
- इसे दिन में 2-3 बार पिएं।
शहद के साथ दालचीनी
- 1 चम्मच शहद लें और उसमें 1/4 चम्मच दालचीनी पाउडर डालें।
- मिलाएं और इसे कम से कम 3 दिन तक दिन में दो बार लें।
गिलोय
गिलोय को हिंदी में अमृता या गुडुची के नाम से भी जाना जाता हैं। इसमें दिल के आकार के पत्ते होते हैं जो पान के पत्तों की तरह लगते हैं।
यह प्रदूषण, धुएं या पराग से हुई एलर्जी की वजह से होने वाले जुकाम और खांसी से निपटने में मदद करता है। यह जुकाम और गलसुओं की सूजन (टांसिलाइटिस) से निपटने में भी मदद करता है। यह बीमारी से लड़ने की ताकत को बढ़ाने के लिए भी सबसे असरदार जड़ी बूटी है।
कम करने का तरीका
गिलोय में अच्छे जलनरोधी (एंटी-इंफ्लेमेटरी) तत्व होते है। यह लगातार हो रही खांसी और गले में खराश को कम करने में मदद करता है।
सेवन करने का तरीका
गिलोय का रस
- सुबह खाली पेट गर्म पानी के साथ दो चम्मच गिलोय का रस लें।
गिलोय की गोली
- इसके अलावा आप सुबह गर्म पानी के साथ गिलोय की 1 गोली भी ले सकते हैं।
- आप किसी भी आयुर्वेदिक स्टोर से या ऑनलाइन गिलोय का रस या गोली खरीद सकते हैं।
जुकाम और खांसी से बचने के उपाय
- जुकाम के वायरस को फैलने से रोकने के लिए कम से कम 20 सेकंड तक अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं।
- अपने चेहरे, आंखों और नाक को छूने से बचें।
- काम करने वाले जगहों पर गंदी सतहों जैसे डोर-नॉब, माउस, कुर्सी के हैंडल वगैरह को छूने के बाद अपने हाथों को अल्कोहल वाले हैंड जैल से साफ करें।
- ऐसे लोगों से 6 फीट की दूरी रखें जिन्हें जुकाम और खांसी है।
- जब भी आप घर से बाहर जाएं या जब भी आप उन लोगों से मिलें, जिनके साथ आप नहीं रहते हैं, तो मास्क पहनें।
- अपने पानी का सेवन बढ़ाएं और गर्म चाय और द्रव लें।
- एक कटोरी गर्म पानी में यूकेलिप्टस के तेल की 1-2 बूंदें डालकर स्टीम लें। भरी हुई नाक से राहत पाने के लिए दिन में 2-3 बार दोहराएं।
- विटामिन सी से भरपूर संतुलित खाना खाकर अपनी बीमारी से लड़ने की ताकत को मजबूत करें।
- अपने आप को एक्टिव बनाए रखें।
लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।