
मेनोपॉज की समस्याओं का आयुर्वेदिक समाधान Publish Date : 28/09/2025
मेनोपॉज की समस्याओं का आयुर्वेदिक समाधान
डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा
Menopause Ayurvedic Remedies: यदि आप मेनोपॉज की समस्याओं से परेशान हैं, तो इस समस्या में कुछ आयुर्वेदिक रेमेडीज आपको राहत प्रदान कर सकती हैं।
मेनोपॉज महिलाओं में देखी जाने वाली एक आम समस्या है, जिसके शुरू होने से पहले या उसके कुछ दिनों बाद तक स्त्रियों के शरीर में हॉर्माेन संबंधी कई तरह के उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं। इस दौरान कभी-कभी उनके शरीर का तापमान अचानक बढ़ जाता है। इसके अलावा ओर भी कई तरह की परेशानियां देखने को मिलती है।
मेनोपॉज, जिसे आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्वति में रजोनिवृत्ति के नाम से जान जाता हैं। यह स्थिति उस समय आती है, जब किसी महिला को 12 महीने तक मासिक धर्म या पीरिएड न आए हों। इस स्थिति के पहले चरण को पेरी-मेनोपॉज़ कहते हैं। मेनोपॉज के विभिन्न शारीरिक और मानसिक लक्षण हो सकते हैं, जैसे हॉट फ्लैशेज, यह नींद में खलल डाल सकते हैं, शारीरिक एनर्जी को कम कर सकते हैं और इमोशनल हेल्थ को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। हालांकि, जीवनशैली में कुछ बदलाव करने से लेकर हॉर्मोनल दवाओं तक इस स्थिति के लिए विभिन्न प्रभावी उपचार भी उपलब्ध हैं। आज के अपने इस आर्टिकल में हमारे आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ0 सुशील शर्मा, आपको इस स्थिति से सम्बन्धित होने वाली समस्याओं से बचने के कुछ प्रभावी आयुर्वेदिक उपाय बताने जा रहे हैं।
इस स्थिति के दौरान कुछ महिलाओं में सामान्य तो वहीं, कुछ महिलाओं में मेनोपॉज के लक्षण इतने बदतर हो जाते हैं कि उन्हें संभालना या सहन करना मुश्किल हो जाता है। अधिकतर मामलों में यह महिलाओं के 40 या 50 की आयु के दौरान देखने को मिलती है। वहीं, इससे जुड़ी परेशानियां हर महिला को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित करती है। किसी महिला के ऊर्जा स्तर पर प्रभाव पड़ता है, तो किसी की फैट सेल्स बदल जाती हैं और उनमें वजन बढ़ने की संभावना काफी बढ़ जाती है। इसके अलावा यह स्थिति सम्बन्धित महिला की हड्डियों और हार्ट हेल्थ पर भी अपना प्रभाव छोड़़ती है। हालांकि, मेनोपॉज पूरी तरह से एक नेचुरल प्रोसेस है, जिससे राहत पाने के लिए भी हमें नेचुरल तरीकों को ही अपनाना चाहिए।
मेनोपॉज की परेशानी से राहत पाने के लिए कुछ उपायः
1. एलोवेरा जेल
एलोवेरा जेल में फाइटोएस्ट्रोजेन की मात्रा काफी अधिक होती है, जो हार्माेनल इम्बैलेंस को संतुलित करने में सहायता प्रदान करता है। एलोवेरा जेल में शरीर को हाइड्रेट करने की क्षमता होती है, जो क्लाइमेक्टेरिक के लक्षणों को उलट देती है। रोजाना सुबह खाली पेट 1 बड़ा चम्मच ताजा एलोवेरा जेल का सेवन करने से लक्षणों में राहत प्राप्त होती है।
2. शतावरी
शतावरी को आमतौर पर महिलाओं के हेल्थ टॉनिक के रूप में जाना जाता है, जो मेनोपॉज संबंधी परेशानियों, जैसे योनिपथ का स्राव, रात को पसीना आना, चिंता, हॉट फ्लैश और मूड स्विंग्स आदि कंडिशन्स का उपचार करने में मदद करती है। इसके लिए आप केवल दूध के साथ 1 चम्मच शतावरी पाउडर का सेवन करेगें आपको राहत प्राप्त होगी।
3. मेथी के दाने
मेथी दाने में हॉर्मोनल बैलेंस करने के नेचुरल गुण होते हैं, जो सूजन और हॉट फ्लैशेज को दूर कर सकते हैं। अतः आधा चम्मच मेथी दाना रात भर पानी में भिगो दें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करने की सलाह आपको दी जाती है।
4. अशोक (अशोक की छाल का पाउडर) चूर्ण
अशोक पाउडर का उपयोग आमतौर पर आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने में किया जाता है। यह एक शक्तिशाली जड़ी बूटी है, जो ओवेरियन फंक्शन में काफी हद तक सुधार कर सकती है। अशोक के 1 चम्मच पाउडर को ताजे पानी के साथ सेवन करें।
लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।